जयपुर. राजस्थान के नए बजट का पिटारा (Rajasthan Budget 2022) विधानसभा में जब खुला तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का शायराना (CM Gehlot Poetry) अंदाज भी दिखा. खास बात यह है कि बजट के अभिभाषण के शुरूआत में जिस अंदाज में गहलोत ने शेरो शायरी की, उसकी प्रेरणा सामने बैठी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से लेने की बात कही. दरअसल बजट भाषण की शुरूआत में ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक शायरी पढ़ी. जो इस प्रकार थी, ना पूछो मेरी मंजिल कहां है, अभी तो सफर का इरादा किया है, ना हारूंगा हौसला जिंदगीभर, यह वादा किसी से नहीं, खुद से किया है.
मुख्यमंत्री गहलोत जब यह शायरी पढ़ रहे थे तब ठीक उनके सामने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भाजपा विधायकों के साथ बैठी थी. गहलोत ने वसुंधरा राजे की तरफ इशारा करते हुए कहा की वसुंधरा जी मैंने आपसे प्रेरणा लेकर ही बोलना सीखा है. मैं कभी इस तरह नहीं बोलता था, गहलोत ने कहा आप इस तरह की बातें बोला करती थी उसी से मैंने प्रेरणा लिया है. सीएम गहलोत के यह शब्द सुनकर सामने बैठी वसुंधरा राजे भी मुस्कुरा दी. और फिर गहलोत ने अपनी शेरो शायरी पूरी की.
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भाजपा विधायकों से बोले गहलोत, कॉमन घोषणाओं पर तो ताली बजाओ : बजट अभिभाषण के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब घोषणाओं और योजनाओं को अपने बजट पिटारा से निकाला तब सत्तारूढ़ कांग्रेस के कई विधायकों ने मेज थपथपा कर उनका स्वागत और अभिनंदन किया. लेकिन इस दौरान बीजेपी विधायकों की ओर से तालियाना नहीं बजाने पर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुटकी ली. गहलोत ने पानी पीते हुए कहा कि यह तो कॉमन घोषणा है इस पर तो कम से कम तालियां बजाए.