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आतिशबाजी के दुष्प्रभाव से कोरोना मरीजों को बचाना जरूरी, अनुशासन में रहकर मनाएं दीपावलीः CM गहलोत

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Published : Oct 10, 2020, 12:33 PM IST

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिकित्सकों की सलाह के आधार पर प्रदेशवासियों से अपील की है वे कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष दीपावली का त्यौहार स्व-अनुशासन में रहकर मनाएं. सीएम ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे पटाखों का प्रयोग बिल्कुल ना करें.

CM गहलोत की चिकित्सकों के साथ मीटिंग
CM गहलोत की चिकित्सकों के साथ मीटिंग

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ विशेष बातचीत की. लगभग 2 घंटे चली बैठक में सभी विशेषज्ञों की राय थी कि पटाखों से होने वाला धुआं और प्रदूषण आमजन के साथ-साथ कोरोना संक्रमित रोगियों और बीमारी से रिकवर हुए लोगों के लिए घातक है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वाेच्च न्यायालय ने कई बार आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल प्रदेश के जिलों में पहले से ही पटाखों के उपयोग पर प्रतिबन्ध है. राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने पटाखों के उपयोग को प्रतिबन्धित करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए हैं. साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सक कोरोना संक्रमण की स्थिति में लगातार पटाखों के उपयोग से बचने के लिए सचेत कर रहे हैं. ऐसे में सभी के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आत्म-अनुशासन में रहकर दीपावली मनाना जरूरी है.

चिकित्सकीय प्रोटोकॉल निर्धारित हो

गहलोत ने चिकित्सकों को निर्देश दिए कि वे कोरोना वायरस के पैटर्न में बदलाव का अध्ययन कर अपना चिकित्सकीय प्रोटोकॉल निर्धारित करें. उन्होंने कहा कि यह देखने में आ रहा है कि संक्रमित रोगियों के नेगेटिव होने के बाद भी उन पर वायरस का असर बरकरार रहता है. विभिन्न जिलों में कोरोना रोगियों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के साथ इस पैटर्न की जानकारी साझा करें और उन्हें बेहतर इलाज के लिए समय-समय पर समुचित सलाह देते रहें.

पढे़ं: स्पेशल: सीपी जोशी की राह पर गोविंद सिंह डोटासरा, निकाय और निगम चुनाव में लगाए जाएंगे कोऑर्डिनेटर

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोरा ने बताया कि बीते कुछ दिनों से प्रदेश में पॉजिटिव रोगियों की वृद्धि दर में स्थिरता आई है और ऑक्सीजन, वेन्टीलेटर तथा आईसीयू की आवश्यकता वाले मरीजों की संख्या घटी है. उन्होंने बताया कि 30 सितम्बर को जहां ऑक्सीजन बेड, आईसीयू और वेन्टीलेटर की आवश्यकता वाले मरीजों की संख्या 2800 से अधिक थी, वह 8 अक्टूबर को घटकर करीब 2100 रह गई है.

मुख्यमंत्री ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि आगामी सर्दी के मौसम में कोरोना संक्रमण में तेजी की आंशका को दृष्टिगत रखते हुए अपनी तैयारियों में कोई कोताही नहीं बरतें. उन्होंने कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन के आम लोगों के बीच सकारात्मक प्रभाव पर संतोष जाहिर किया और इसकी गति को बरकरार रखने के लिए प्रयासरत रहने के निर्देश दिए.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ विशेष बातचीत की. लगभग 2 घंटे चली बैठक में सभी विशेषज्ञों की राय थी कि पटाखों से होने वाला धुआं और प्रदूषण आमजन के साथ-साथ कोरोना संक्रमित रोगियों और बीमारी से रिकवर हुए लोगों के लिए घातक है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वाेच्च न्यायालय ने कई बार आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल प्रदेश के जिलों में पहले से ही पटाखों के उपयोग पर प्रतिबन्ध है. राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने पटाखों के उपयोग को प्रतिबन्धित करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए हैं. साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सक कोरोना संक्रमण की स्थिति में लगातार पटाखों के उपयोग से बचने के लिए सचेत कर रहे हैं. ऐसे में सभी के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आत्म-अनुशासन में रहकर दीपावली मनाना जरूरी है.

चिकित्सकीय प्रोटोकॉल निर्धारित हो

गहलोत ने चिकित्सकों को निर्देश दिए कि वे कोरोना वायरस के पैटर्न में बदलाव का अध्ययन कर अपना चिकित्सकीय प्रोटोकॉल निर्धारित करें. उन्होंने कहा कि यह देखने में आ रहा है कि संक्रमित रोगियों के नेगेटिव होने के बाद भी उन पर वायरस का असर बरकरार रहता है. विभिन्न जिलों में कोरोना रोगियों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के साथ इस पैटर्न की जानकारी साझा करें और उन्हें बेहतर इलाज के लिए समय-समय पर समुचित सलाह देते रहें.

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बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोरा ने बताया कि बीते कुछ दिनों से प्रदेश में पॉजिटिव रोगियों की वृद्धि दर में स्थिरता आई है और ऑक्सीजन, वेन्टीलेटर तथा आईसीयू की आवश्यकता वाले मरीजों की संख्या घटी है. उन्होंने बताया कि 30 सितम्बर को जहां ऑक्सीजन बेड, आईसीयू और वेन्टीलेटर की आवश्यकता वाले मरीजों की संख्या 2800 से अधिक थी, वह 8 अक्टूबर को घटकर करीब 2100 रह गई है.

मुख्यमंत्री ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि आगामी सर्दी के मौसम में कोरोना संक्रमण में तेजी की आंशका को दृष्टिगत रखते हुए अपनी तैयारियों में कोई कोताही नहीं बरतें. उन्होंने कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन के आम लोगों के बीच सकारात्मक प्रभाव पर संतोष जाहिर किया और इसकी गति को बरकरार रखने के लिए प्रयासरत रहने के निर्देश दिए.

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