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सीएम गहलोत ने धर्म गुरुओं के साथ की बैठक, धार्मिक टूरिज्म एक्ट लाने के दिए संकेत

प्रदेश की गहलोत सरकार धार्मिक टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक टूरिज्म एक्ट ला सकती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धर्मगुरुओं के साथ हुई वर्चुअल बैठक में इसके संकेत दिए हैं.

Cm Gehlot meeting with dharm guru
Cm Gehlot meeting with dharm guru
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Published : Sep 3, 2022, 4:28 PM IST

Updated : Sep 3, 2022, 7:09 PM IST

जयपुर. धार्मिक स्थलों पर होने वाले हादसों और राजस्थान में धार्मिक टूरिज्म के बढ़ते कल्चर को देखते हुए प्रदेश की गहलोत सरकार धार्मिक टूरिज्म एक्ट (Gehlot Indications to bring religious tourism act) ला सकती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके संकेत देते हुए धर्मगुरुओं से एक्ट संबंधी सुझाव मांगे हैं. गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कोरोना काल के बाद में धार्मिक टूरिज्म बढ़ा है. लोगों की धार्मिक स्थलों के प्रति श्रद्धा बढ़ी है. ऐसे में बेहतर प्रबंधन के लिए अगर किसी तरह का कोई एक्ट लाना हो तो उसके लिए सब के सुझाव आमंत्रित हैं.

प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ और मेलों के दौरान सुरक्षा प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को अपने आवास पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिला प्रशासन और धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों और धर्मगुरुओं की (Cm Gehlot meeting with dharm guru) बैठक ली. बैठक में उनके सुझाव लिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में पहले से ही धार्मिक स्थलों और मेलों का अपना महत्व रहा है. लेकिन कोरोना के बाद यह सच है कि लोगों में धर्म के प्रति आस्था और बढ़ गई है. यही वजह कि लगातार धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है. ऐसे में धार्मिक स्थलों और उनके आसपास के क्षेत्र को बेहतर और सुविधाजनक करने की जरूरत है.

सीएम गहलोत ने धर्म गुरुओं के साथ की बैठक

पढ़ें. राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ खर्च करेगी सरकार, प्रॉपर्टी को लीज पर देने के लिए बनेगी कमेटी

इसको लेकर सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है, लेकिन धर्म गुरुओं को भी इसमें आगे आकर काम करना चाहिए. बैठक में जयपुर से मोती डूंगरी गणेश मंदिर के महंत, सालासर धाम, त्रिपुरा सुंदरी, अजमेर दरगाह, खाटू श्याम जी मंदिर ट्रस्ट, पुष्कर पुजारी संघ, मेला प्राधिकरण के पदाधिकारियों ने वीसी के जरिए सीएम गहलोत को सुझाव दिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी धार्मिक स्थलों पर पूर्व में हुए हादसों पर चिंता जाहिर की और कहा कि इस तरह के हादसों से मन विचलित हो जाता है. इसलिए धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए.

मेलों के समय ऐन वक्त पर होती है तैयारीः सीएम गहलोत ने कहा कि धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों और जिला प्रशासन के बीच लगातार बैठकें और संवाद होना चाहिए. जिससे बेहतर सुझाव सामने आएं. लेकिन अक्सर देखने में आता है कि धार्मिक मेलों को लेकर ऐन वक्त पर बैठकें होती हैं . ऐसा नहीं होना चाहिए, कई बार कोई न कोई कमी रह जाती है, जिससे कि हादसे हो जाते हैं. गहलोत ने कहा कि हमारी मंशा यही है कि राजस्थान धार्मिक टूरिज्म का प्लेस बनना चाहिए और इस ओर अग्रसर भी है. देश-विदेश से यहां के धार्मिक स्थलों के दर्शन करने और अवलोकन करने के लिए लोग आते हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि धार्मिक स्थलों के पास आधारभूत डवलपमेंट किए जाएंगे. जिनमें बेहतर सड़कें यातायात और पानी बिजली की सुविधा हो. इसके लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.

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हादसों की पुनरावृत्ति न होः पिछले कुछ सालों में हुए हादसों को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि पहले मेहरानगढ़ में हादसा हुआ था, जिसमें श्रद्धालु मारे गए थे. हाल ही में खाटू श्याम जी मंदिर में भी हादसा हुआ. श्रद्धालुओं की जान चली गई . ऐसे हादसों से मन विचलित हो जाता है, परिवार पर क्या गुजरती है. इसलिए सभी की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. गहलोत ने कहा कि हमें धार्मिक स्थलों और मेलों में सुरक्षा के बेहतर प्रबंधन करने चाहिए जैसे कि दक्षिण भारत के मंदिरों में होते हैं . वहां पर सब कुछ व्यवस्थित होता है, हमारे यहां धार्मिक स्थलों और मेलों में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए इस बात का ध्यान रखना होगा.

धार्मिक टूरिज्म एक्ट के सुझाव देंः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगर धर्म गुरुओं को लगता है कि बेहतर प्रबंधन और व्यवस्थाओं के लिए धार्मिक टूरिज्म एक्ट बनना चाहिए तो सुझाव दीजिए . सरकार की मंशा है कि धार्मिक टूरिज्म एक्ट लाया जाए. गहलोत ने कहा कि इसके लिए धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों और धर्मगुरुओं को भी सरकार को सुझाव देना चाहिए कि इसमें क्या-क्या नियम कायदे जोड़े जा सकते हैं.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में 2 साल तक कोरोना का प्रकोप रहा, लेकिन कोरोना के बाद लोगों में भी धार्मिक आस्था बढ़ी है और धार्मिक स्थलों में पर भी अत्यधिक भीड़ बढ़ी है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ी है, घरेलू पर्यटन राजस्थान में ज्यादा आने लगे हैं. सरकार ने मेला प्राधिकरण का गठन किया है, जिसका काम धार्मिक स्थलों पर और मेलों को लेकर आ रही परेशानियों समाधान करना है. देवस्थान विभाग भी इस दिशा में काम कर रहा है सब को मिलकर काम करना पड़ेगा . मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि धार्मिक मेलों की सुरक्षा और धर्मस्थलों के प्रबंधन को लेकर जल्द ही बैठक बुलाएंगे. जिसमें और मंदिरों धर्म स्थलों के प्रबंधकों को भी जोड़ा जाएगा. इससे पहले देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने भी अपना प्रेजेंटेशन दिया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव उषा शर्मा भी मौजूद रही .

जयपुर. धार्मिक स्थलों पर होने वाले हादसों और राजस्थान में धार्मिक टूरिज्म के बढ़ते कल्चर को देखते हुए प्रदेश की गहलोत सरकार धार्मिक टूरिज्म एक्ट (Gehlot Indications to bring religious tourism act) ला सकती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके संकेत देते हुए धर्मगुरुओं से एक्ट संबंधी सुझाव मांगे हैं. गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कोरोना काल के बाद में धार्मिक टूरिज्म बढ़ा है. लोगों की धार्मिक स्थलों के प्रति श्रद्धा बढ़ी है. ऐसे में बेहतर प्रबंधन के लिए अगर किसी तरह का कोई एक्ट लाना हो तो उसके लिए सब के सुझाव आमंत्रित हैं.

प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ और मेलों के दौरान सुरक्षा प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को अपने आवास पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिला प्रशासन और धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों और धर्मगुरुओं की (Cm Gehlot meeting with dharm guru) बैठक ली. बैठक में उनके सुझाव लिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में पहले से ही धार्मिक स्थलों और मेलों का अपना महत्व रहा है. लेकिन कोरोना के बाद यह सच है कि लोगों में धर्म के प्रति आस्था और बढ़ गई है. यही वजह कि लगातार धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है. ऐसे में धार्मिक स्थलों और उनके आसपास के क्षेत्र को बेहतर और सुविधाजनक करने की जरूरत है.

सीएम गहलोत ने धर्म गुरुओं के साथ की बैठक

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इसको लेकर सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है, लेकिन धर्म गुरुओं को भी इसमें आगे आकर काम करना चाहिए. बैठक में जयपुर से मोती डूंगरी गणेश मंदिर के महंत, सालासर धाम, त्रिपुरा सुंदरी, अजमेर दरगाह, खाटू श्याम जी मंदिर ट्रस्ट, पुष्कर पुजारी संघ, मेला प्राधिकरण के पदाधिकारियों ने वीसी के जरिए सीएम गहलोत को सुझाव दिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी धार्मिक स्थलों पर पूर्व में हुए हादसों पर चिंता जाहिर की और कहा कि इस तरह के हादसों से मन विचलित हो जाता है. इसलिए धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए.

मेलों के समय ऐन वक्त पर होती है तैयारीः सीएम गहलोत ने कहा कि धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों और जिला प्रशासन के बीच लगातार बैठकें और संवाद होना चाहिए. जिससे बेहतर सुझाव सामने आएं. लेकिन अक्सर देखने में आता है कि धार्मिक मेलों को लेकर ऐन वक्त पर बैठकें होती हैं . ऐसा नहीं होना चाहिए, कई बार कोई न कोई कमी रह जाती है, जिससे कि हादसे हो जाते हैं. गहलोत ने कहा कि हमारी मंशा यही है कि राजस्थान धार्मिक टूरिज्म का प्लेस बनना चाहिए और इस ओर अग्रसर भी है. देश-विदेश से यहां के धार्मिक स्थलों के दर्शन करने और अवलोकन करने के लिए लोग आते हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि धार्मिक स्थलों के पास आधारभूत डवलपमेंट किए जाएंगे. जिनमें बेहतर सड़कें यातायात और पानी बिजली की सुविधा हो. इसके लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.

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हादसों की पुनरावृत्ति न होः पिछले कुछ सालों में हुए हादसों को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि पहले मेहरानगढ़ में हादसा हुआ था, जिसमें श्रद्धालु मारे गए थे. हाल ही में खाटू श्याम जी मंदिर में भी हादसा हुआ. श्रद्धालुओं की जान चली गई . ऐसे हादसों से मन विचलित हो जाता है, परिवार पर क्या गुजरती है. इसलिए सभी की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. गहलोत ने कहा कि हमें धार्मिक स्थलों और मेलों में सुरक्षा के बेहतर प्रबंधन करने चाहिए जैसे कि दक्षिण भारत के मंदिरों में होते हैं . वहां पर सब कुछ व्यवस्थित होता है, हमारे यहां धार्मिक स्थलों और मेलों में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए इस बात का ध्यान रखना होगा.

धार्मिक टूरिज्म एक्ट के सुझाव देंः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगर धर्म गुरुओं को लगता है कि बेहतर प्रबंधन और व्यवस्थाओं के लिए धार्मिक टूरिज्म एक्ट बनना चाहिए तो सुझाव दीजिए . सरकार की मंशा है कि धार्मिक टूरिज्म एक्ट लाया जाए. गहलोत ने कहा कि इसके लिए धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों और धर्मगुरुओं को भी सरकार को सुझाव देना चाहिए कि इसमें क्या-क्या नियम कायदे जोड़े जा सकते हैं.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में 2 साल तक कोरोना का प्रकोप रहा, लेकिन कोरोना के बाद लोगों में भी धार्मिक आस्था बढ़ी है और धार्मिक स्थलों में पर भी अत्यधिक भीड़ बढ़ी है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ी है, घरेलू पर्यटन राजस्थान में ज्यादा आने लगे हैं. सरकार ने मेला प्राधिकरण का गठन किया है, जिसका काम धार्मिक स्थलों पर और मेलों को लेकर आ रही परेशानियों समाधान करना है. देवस्थान विभाग भी इस दिशा में काम कर रहा है सब को मिलकर काम करना पड़ेगा . मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि धार्मिक मेलों की सुरक्षा और धर्मस्थलों के प्रबंधन को लेकर जल्द ही बैठक बुलाएंगे. जिसमें और मंदिरों धर्म स्थलों के प्रबंधकों को भी जोड़ा जाएगा. इससे पहले देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने भी अपना प्रेजेंटेशन दिया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव उषा शर्मा भी मौजूद रही .

Last Updated : Sep 3, 2022, 7:09 PM IST
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