जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस के संकट से प्रभावित पर्यटन, होटल और अन्य एमएसएमई इकाइयों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है. साथ ही समाज के कमजोर वर्गों को खाद्य एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी पीएम से अनुरोध किया है. अपने पत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के 29 लाख जरूरतमंद परिवारों के लिए राहत पैकेज की मांग की है.
29 लाख जरूरतमंद परिवारों के लिए मांगा राहत पैकेज
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में लिखे पत्र में कहा, कि वायरस संकमण के कारण प्रदेश के करीब 23 लाख निर्माण श्रमिकों, 5 लाख पंजीकृत कारखाना श्रमिकों और शहरी क्षेत्रों के
करीब एक लाख स्ट्रीट वेंडर्स पर रोजगार का बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है. केंद्र सरकार इनके लिए राहत पैकेज की घोषणा करें, ताकि ये वर्ग अपनी रोजी-रोटी जुटा सकें.
खाद्य सुरक्षा और बेरोजगारी भत्ता मिले
मुख्यमंत्री ने कहा, कि आपदा की इस घड़ी में दिहाड़ी पर जीविकोपार्जन करने वाले खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों को सबसे अधिक संबल की आवश्यकता है. इस कमजोर वर्ग की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों को आने वाले 4 महीनों के लिए निशुल्क गेहूं देने के साथ ही खाद्य सुरक्षा के दायरे से बाहर पंजीकृत निर्माण श्रमिकों और स्ट्रीट वेंडर्स को भी फूड सिक्योरिटी के तहत निशुल्क गेहूं दिया जाए.
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सीएम गहलोत ने कहा, कि भारत सरकार आने वाले वक्त में सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से कार्यस्थल तक नहीं पहुंच पाने वाले मनरेगा मजदूरों को इस अधिनियम में दिया जाने वाला बेरोजगारी भत्ता प्रदान करें.
उद्योगों को जीएसटी में मिले छूट
गहलोत ने कहा, कि केंद्र सरकार अपने क्षेत्राधिकार का उपयोग करते हुए पर्यटन, होटल और अन्य एमएसएमई इकाइयों को जीएसटी के भुगतान में छूट दे अथवा इसे स्थगित करने पर विचार करें.