जयपुर. मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट शुरू करने वाला देश का पहला राज्य राजस्थान (cm gehlot launched Mobile Investigation Unit Vans) बन गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को सीएमओ में इस मोबाइल यूनिट वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में क्राइम कंट्रोल हुआ है, लेकिन विपक्षी दल जानबूझकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. गहलोत ने इस दौरान मीडिया की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए.
कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार (Mobile Investigation Unit Vans for rajasthan police) का प्रयास है कि राजस्थान में क्राइम कंट्रोल हो. इसके लिए एफआईआर दर्ज करना कंपलसरी किया है. महिला अत्याचार के खिलाफ हर जिले में एडिशनल एसपी रैंक का ऑफिसर लगाया है. सीएम ने कहा कि इस प्रकार के मामलों में त्वरित न्याय के लिए ऑफिसर केस डायरी स्कीम भी चलाई गई, जिसमें कार्रवाई की पूरी मॉनिटरिंग होती है. इसके साथ ही लीगल ऑफिसर भी लगाया गया, ताकि चालान पेश करते समय कहीं कोई कमी ना रह जाए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जो कार्रवाई हमने की उसी का परिणाम है कि केस भी आधे हो गए और जांच का समय भी आधा हो गया. हमने नवाचार किया है. लेकिन विपक्षी दल उसकी भी अनावश्यक आलोचना कर रहे हैं.
राजस्थान में क्राइम हुआ कम, सीएम ने गिनाए ये आंकड़े: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि साल 2019-20 और 21 में राजस्थान में क्राइम कम हुआ है. नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो की बुक को देखेंगे तो उसमें पता चल जाएगा. लेकिन हमारी विपक्षी पार्टी के लोग जानबूझकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा रेप तो पूरे देश में हर राज्य में हो रहा है. लेकिन हमने जो कार्रवाई त्वरित गति से की वह भी देखना चाहिए. गहलोत ने कहा रेप के मामलों में 7 लोगों को मृत्युदंड दिलवाया और 137 लोगों को आजीवन कारावास की सजा भी करवाई. साथ ही 600 से अधिक मामलों में सजा हुई गहलोत ने कहा इतना बड़ा क्राइम कंट्रोल हुआ.
मीडिया पर भी उठाए सवाल: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस दौरान कहा कि रेप के 49 प्रतिशत मामले झूठे साबित होते हैं. मीडिया वाले रेप की घटनाओं को तो खूब उठाते हैं, लेकिन जो मामले झूठी साबित होते हैं उन्हें वापस नहीं दिखाते. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अलवर सहित कुछ घटनाक्रम के उदाहरण भी दिए. गहलोत ने कहा केवल रेप हुआ है. लेकिन यह पता नहीं कि रेप हुआ है या नहीं. बाद में जांच के बाद पता चलता है रेप हुआ नहीं तो जिस परिवार के लिए मीडिया में समाचार छपता है, और जिसे अभियुक्त बना दिया जाता है, उन परिवारों पर क्या बीतती है यह भी देखना चाहिए. गहलोत ने कहा मीडिया यदि सच्चाई की राह पकड़ कर खबरें दिखाए तो हमें भी खुशी होती है. सरकार को भी मदद मिलती है. किसी केस में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है तो हम भी मुस्तैदी से उस दिशा में काम करते हैं.
राजस्थान को बदनाम करने का हक किसी को नहीं: मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आजकल सोशल मीडिया का जमाना है. रेप के मामले जांच के बिना ही विपक्षी दल सोशल मीडिया पर फैला देते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा राजस्थान को बदनाम करने का हक न तो विपक्षी दलों को है और न ही मीडिया को है. गहलोत के अनुसार बदनाम करना आसान होता है, लेकिन उसको वापस सुधारना बड़ा मुश्किल होता है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने बिहार राज्य का भी उदाहरण दिया.
साथ ही यह भी कहा सच्चाई के साथ रहकर मीडिया वाले काम करें तो हमें भी खुशी होगी. गहलोत ने इस दौरान एक बड़े मीडिया ग्रुप का नाम लेकर यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने जब से इस ग्रुप पर छापे की कार्रवाई की है तब से बहुत कुछ बदलाव आ गया. इस दौरान गहलोत ने बाड़ी उपखंड में डिस्कॉम एईएन व जेईएन के साथ हुई मारपीट की घटना का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा मीडिया ने लिखा कि इंजीनियर को मारपीट में 22 जगह से हड्डियां टूट गई जबकि एक्सरे रिपोर्ट में छह से सात जगह ही हड्डियां टूटी हैं. गहलोत ने कहा मीडिया भी इमानदारी और निष्पक्षता के साथ अपना काम करें.
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10 करोड़ का प्रोजेक्ट: मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट देशभर में सबसे पहले राजस्थान में ही शुरू की गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अनुसार कुछ केंद्र सरकार ने राजस्थान में हुए इस नवाचार की सराहना की है. मुख्यमंत्री ने बताया कि यह 10 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है, जिसमे इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर इस गाड़ी को ऑन स्पॉट ले जा सकता है और गवाहों को इस में बैठा कर ऑन स्पॉट गवाही लेकर रिकॉर्डिंग पर चढ़ा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा यह एक प्रकार का नया कंसेप्ट है, इसकी शुरुआत राजस्थान से हुई है. यहां सफल होने पर भारत सरकार इसे अन्य राज्यों में भी शुरू करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा इस प्रकार की 71 गाड़ियां राजस्थान में तैयार हो चुकी हैं. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ ही गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव, शिक्षा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला और वरिष्ठ नेता महादेव सिंह खंडेला और पुलिस महानिदेशक एम एल लाठर सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे.