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सड़क हादसों में घायलों के इलाज में लापरवाही पर सीएम गहलोत सख्त, कहा- ऐसे निजी अस्पताल की मान्यता करनी होगी रद्द

राजस्थान में रोज भीषण सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. ऐसे में सीएम गहलोत (CM Gehlot) ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है. सीएम ने कहा कि निजी अस्पताल घायलों के इलाज में आनाकानी करते हैं तो उनकी मान्यता रद्द करनी होगी.

road accidents in Rajasthan, CM Gehlot
घायलों के इलाज में लापरवाही पर सीएम गहलोत सख्त
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Published : Nov 16, 2021, 3:28 PM IST

Updated : Nov 16, 2021, 3:49 PM IST

जयपुर. प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं (road accidents in Rajasthan) को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जाहिर की है. सीएम गहलोत ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायलों के इलाज में अक्सर निजी अस्पताल आनाकानी करते हैं. जिसकी वजह से घायलों की मौत हो जाती है. ऐसे लापरवाही करने वाले अस्पतालों की मान्यता रद्द करनी होगी. प्रदेश सरकार इसको लेकर कानून लेकर आएगी.

आरटीओ-डीटीओ कार्यालयों के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षक योजना शुरू की है. जिसमें 5000 के इनाम का प्रावधान किया गया है, जो घायलों को अस्पताल पहुंचाएगा लेकिन इसके काम नहीं चलेगा. अक्सर देखा जाता है कि निजी अस्पताल वाले सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों के उपचार में आनाकानी करते हैं. इसके लिए कानून पास करने की जरूरत पड़े तो उसको देखना चाहिए.

घायलों के इलाज में लापरवाही पर सीएम गहलोत सख्त

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की कागजों में हो रही पालना

सड़क दुर्घटना में घायलों के इलाज को लेकर निजी अस्पतालों को बाध्य करने की बात जब मुख्यमंत्री गहलोत ने कही. इस दौरान वीसी में मौजूद अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया हुआ है कि निजी अस्पताल सड़क दुर्घटना में घायलों का इलाज प्राथमिकता से करेंगे. इस पर सीएम गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Road Accident Guideline) की नोटिफिकेशन की पालना कागजों में भले ही हो रही हो लेकिन धरातल पर नहीं हो रही है. इसके लिए सख्त कानून की जरूरत है. अगर इसके लिए अलग से कानून लाना पड़े तो उसके बारे में काम करना चाहिए.

यह भी पढ़ें. मुख्यमंत्री गहलोत ने पूछा- तबादलों के लिए पैसे देने पड़ते हैं ? शिक्षकों ने एक स्वर में कहा- हां..

गहलोत ने कहा कि घायलों के इलाज में निजी अस्पताल वाले अक्सर लापरवाही करते हैं. जब तक किसी अस्पताल की मान्यता रद्द नहीं होगी तब तक वह इस बात को लेकर गंभीर नहीं होंगे . सीएम गहलोत ने निर्देश दिए कि अगर कोई भी अस्पताल सड़क दुर्घटना में घायल का इलाज करने में आनाकानी करे या लापरवाही करें तो उसकी मान्यता रद्द की जाए. इसके लिए अगर किसी कानून की जरूरत है तो वह भी लाया जाए.

लापरवाह अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अक्सर ऐसे लापरवाह अस्पतालों के खिलाफ जब कार्रवाई करने की बात आती है तो यह भी देखने में आता है कि किसी बड़े अफसर या किसी नेता का फोन आता है. वह कहता है कि यह उसके जानकार का है. इसे छोड़ दो लेकिन हम इस बात को समझना होगा कि किसी भी व्यक्ति की जान से बड़ा नहीं है. ऐसे लापरवाह अस्पताल वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, तब अन्य अस्पताल वालों को सबक मिलेगा.

सड़क परिवहन मंत्री प्रताप सिंह की ली चुटकी

वीसी के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Transport Minister Pratap Singh Khachariyawas) की चुटकी लेते हुए कहा कि हमारे मंत्री पब्लिक फ्रेंडली हैं. अक्सर कोई भी व्यक्ति बिना हेलमेट जाता है, उसको तो कोई रोक लेता है तो यह उसे राहत दिलवा देते हैं लेकिन मंत्री जी को यह सोचना होगा कि किसी की जिंदगी बचाने के लिए सख्ती जरूरी है.

जयपुर. प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं (road accidents in Rajasthan) को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जाहिर की है. सीएम गहलोत ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायलों के इलाज में अक्सर निजी अस्पताल आनाकानी करते हैं. जिसकी वजह से घायलों की मौत हो जाती है. ऐसे लापरवाही करने वाले अस्पतालों की मान्यता रद्द करनी होगी. प्रदेश सरकार इसको लेकर कानून लेकर आएगी.

आरटीओ-डीटीओ कार्यालयों के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षक योजना शुरू की है. जिसमें 5000 के इनाम का प्रावधान किया गया है, जो घायलों को अस्पताल पहुंचाएगा लेकिन इसके काम नहीं चलेगा. अक्सर देखा जाता है कि निजी अस्पताल वाले सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों के उपचार में आनाकानी करते हैं. इसके लिए कानून पास करने की जरूरत पड़े तो उसको देखना चाहिए.

घायलों के इलाज में लापरवाही पर सीएम गहलोत सख्त

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की कागजों में हो रही पालना

सड़क दुर्घटना में घायलों के इलाज को लेकर निजी अस्पतालों को बाध्य करने की बात जब मुख्यमंत्री गहलोत ने कही. इस दौरान वीसी में मौजूद अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया हुआ है कि निजी अस्पताल सड़क दुर्घटना में घायलों का इलाज प्राथमिकता से करेंगे. इस पर सीएम गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Road Accident Guideline) की नोटिफिकेशन की पालना कागजों में भले ही हो रही हो लेकिन धरातल पर नहीं हो रही है. इसके लिए सख्त कानून की जरूरत है. अगर इसके लिए अलग से कानून लाना पड़े तो उसके बारे में काम करना चाहिए.

यह भी पढ़ें. मुख्यमंत्री गहलोत ने पूछा- तबादलों के लिए पैसे देने पड़ते हैं ? शिक्षकों ने एक स्वर में कहा- हां..

गहलोत ने कहा कि घायलों के इलाज में निजी अस्पताल वाले अक्सर लापरवाही करते हैं. जब तक किसी अस्पताल की मान्यता रद्द नहीं होगी तब तक वह इस बात को लेकर गंभीर नहीं होंगे . सीएम गहलोत ने निर्देश दिए कि अगर कोई भी अस्पताल सड़क दुर्घटना में घायल का इलाज करने में आनाकानी करे या लापरवाही करें तो उसकी मान्यता रद्द की जाए. इसके लिए अगर किसी कानून की जरूरत है तो वह भी लाया जाए.

लापरवाह अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अक्सर ऐसे लापरवाह अस्पतालों के खिलाफ जब कार्रवाई करने की बात आती है तो यह भी देखने में आता है कि किसी बड़े अफसर या किसी नेता का फोन आता है. वह कहता है कि यह उसके जानकार का है. इसे छोड़ दो लेकिन हम इस बात को समझना होगा कि किसी भी व्यक्ति की जान से बड़ा नहीं है. ऐसे लापरवाह अस्पताल वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, तब अन्य अस्पताल वालों को सबक मिलेगा.

सड़क परिवहन मंत्री प्रताप सिंह की ली चुटकी

वीसी के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Transport Minister Pratap Singh Khachariyawas) की चुटकी लेते हुए कहा कि हमारे मंत्री पब्लिक फ्रेंडली हैं. अक्सर कोई भी व्यक्ति बिना हेलमेट जाता है, उसको तो कोई रोक लेता है तो यह उसे राहत दिलवा देते हैं लेकिन मंत्री जी को यह सोचना होगा कि किसी की जिंदगी बचाने के लिए सख्ती जरूरी है.

Last Updated : Nov 16, 2021, 3:49 PM IST
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