जयपुर. सीएम गहलोत ने पत्र में कहा कि प्रदेश की जरूरत के अनुसार साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि. (एसईसीएल) से 129.24 लाख मीट्रिक टन तथा नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लि. (एनसीएल) से 41.50 लाख मीट्रिक टन कोयला राज्य को आवंटित किया गया है. लेकिन कोल इंडिया लि. द्वारा जरूरत के मुकाबले काफी कम कोयले की आपूर्ति की जा रही है.
एसईसीएल से मात्र 47 प्रतिशत तथा एनसीएल से केवल 69 प्रतिशत ही आपूर्ति हो पा रही है. गहलोत ने कहा कि ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के कारण कोयला आपूर्ति की स्थिति और भी गंभीर हो गई है. उन्होंने दोनों मंत्रियों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि इस कारण कोटा, सूरतगढ़ तथा छबड़ा थर्मल पावर स्टेशनों में कोयले का कम स्टॉक रह गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम कोयला आपूर्ति में सुधार के लिए कोल इंडिया तथा रेलवे से संपर्क कर निरन्तर प्रयास कर रहा है. लेकिन इसके बावजूद कोयले की पर्याप्त उपलब्धता नहीं हो पा रही है. मुख्यमंत्री ने पत्र में आग्रह किया कि राज्य की विद्युत आवश्यकताओं के मद्देनजर और कोयला तत्काल राजस्थान को मिले ताकि विद्युत संकट की स्थिति से बचा जा सके.