जयपुर. कहते हैं राजनीति में न नाराजगी लंबी होती है न गुस्सा. शायद यही वजह है कि कुछ महीने पहले तक सीएम अशोक गहलोत दिल्ली आलाकमान से मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर इस कदर नाराज हो गए कि बार-बार बुलावे पर भी दिल्ली नहीं जा रहे थे. लेकिन अब न नाराजगी बची और न गुस्सा. कमोबेश हर महीने सीएम गहलोत दिल्ली के चक्कर लगा रहे (CM Gehlot Delhi visits) हैं.
तीन दिन दिल्ली में सीएम गहलोत: कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने पूछताछ के एक सप्ताह में दूसरी बार बुलाया है. इससे पहले राहुल गांधी से भी इसी मामले पर लगातार पूछताछ हुई थी. उस वक्त भी सीएम गहलोत सक्रिय रूप मोर्चा संभाला था. दरअसल यह सवाल इसलिए उठा रहा है कि नवम्बर में हुए मंत्रिमंडल फेरबदल से पहले सीएम गहलोत इस कदर नाराज थी कि दिल्ली आलाकमान के बार-बार बुलावे पर भी वह दिल्ली नहीं जा रहे थे, लेकिन अब सीएम गहलोत हर मोर्चे पर पहले दिल्ली पहुंच रहे हैं. गहलोत के अगर मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद से लेकर अब तक के दिल्ली दौरे पर नजर डालें तो वह 9 महीने में लगभग 10 बार से ज्यादा दिल्ली जा चुके (Gehlot visited 10 times in 9 months) हैं.
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मंत्रिमंडल फेरबदल से गहलोत नाराज: दरअसल एक वक्त था जब इस बात को लेकर यह चर्चाएं जोरों पर थीं कि सीएम गहलोत, सचिन पायलट के समर्थित विधायकों को मंत्रीमंडल में शामिल नहीं करना चाहते थे. लेकिन आलाकमान ने साफ निर्देश दे दिए थे कि अगले इलेक्शन में जीत हासिल करनी है, तो सबको फिर एक साथ होना होगा. बताया यह भी जा रहा था कि सीएम गहलोत आलाकमान से कह चुके थे कि जिन्होंने सरकार गिराने की साजिश रची हो उन्हें फिर से मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाएगा. लेकिन आलाकमान का दबाव था कि वो पायलट समर्थकों को मंत्रिमंडल में शामिल करें और इसके लिए सीएम गहलोत को दिल्ली बुलाया गया था. बावजूद इसके गहलोत दिल्ली नहीं गए. हालात यह थे कि गहलोत को समझाइश के लिए दिल्ली से उन बड़े नेताओं को भेजा गया जो गहलोत को राजी कर सके.
मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद गहलोत का दिल्ली दौरा: नवम्बर में हुए मंत्रिमंडल में पायलट समर्थक विधायकों को शामिल ही नहीं किया गया, बल्कि अच्छे विभागों का जिम्मा भी दिया. मंत्रीमंडल और राजनीतिक नियुक्तियों के बाद गहलोत के दिल्ली दौरे तेजी बढ़ गए. आंकड़े बताते हैं कि नवम्बर के बाद से अब तक गहलोत 10 बार से ज्यादा दिल्ली दरबार पहुंचे हैं. 11 नवंबर, 2021 को गहलोत दिल्ली पहुंचे. इसके बाद 27 फरवरी, 2022 को, फिर 20 अप्रैल, 2022, उसके बाद 9 मई, 2022, फिर राहुल गांधी के ईडी नोटिस के वक्त 13 जून, 2022 और अब सोनिया गांधी के ईडी नोटिस के मौके पर 21 जुलाई, 2022 और 24 जुलाई, 2022 से दिल्ली में डेरा डाले हुते हैं.