जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया. सीएम गहलोत ने कहा कि वो कहते हैं कि हम राजस्थान में रेवड़ियां बांट रहे हैं, लेकिन यह रेवड़ियां नहीं बल्कि आम आदमी की जरूरत है. उसके स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के लिए चलाई जा रही निशुल्क इलाज की योजना को वे रेवड़ियां बता रहे हैं. उनका तो लोकतंत्र में विश्वास ही नहीं है. वह सिर्फ धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. आज देश में अराजकता का माहौल बन गया है लेकिन पीएम मोदी देश के नाम शांति का संदेश तक नहीं दे रहे हैं.
लोगों ने आप के कहने पर थाली और ताली बजाई
गहलोत ने कहा कि देश में जब हालात ठीक न हों ऐसे वक्त में ये आयोजन हुआ यह बड़ी बात है. इस वक्त देश में हालात चिन्ताजनक है. इस माहौल में पीएम मोदी से मांग कर रहे हैं कि आप देश में शांति की अपील करें जैसे कोरोना में थाली और ताली बजवाई थी. आज आप की बात सुनी जा रही है. आप ने एक धर्म को खुले तौर पर चुन लिया है. कह दिया है कि इसी धर्म के नाम पर राजनीति करूंगा. उसी धर्म के नाम पर आज आप की बात सुनी जा रही है तो फिर क्यों नहीं देश में शांति की अपील करते हो?
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ईडी का देश में आतंक -
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आज देश में संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. गहलोत ने कहा कि हाल ही में दिल्ली के कांग्रेस दफ्तर में मैंने ईडी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. आधे घंटे के बाद ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया कि ईडी के अधिकार बरकार रखे गए हैं. ईडी को पुलिस और सीबीआई से ज्यादा पावर दे दी गई. ईडी जब चाहे तब बिना वारंट के किसी को गिरफ्तार करने पहुंच जाएगी. जिस तरह से देश में लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. ऐसे में पता नहीं कि देश किस दिशा में जा रहा है.
देश में हिंसा और तनाव का माहौल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज देश में हिंसा और तनाव का माहौल है. अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक दोनों में अविश्वास पैदा होता जा रहा है . राजस्थान में ही करौली, जोधपुर और उदयपुर में घटना हुई. उदयपुर में एक व्यक्ति की गर्दन काट दी गई इस घटना से देश भर में रोष था. दंगे भड़क सकते थे, लेकिन हमने तुरंत एक्शन लिया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. लोगों में विश्वास पैदा हुआ कि सरकार काम कर रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमने पहले भी प्रधानमंत्री से मांग की थी और अब भी कर रहे हैं कि उनको आगे आकर राष्ट्र के नाम संबोधन देना चाहिए, लेकिन पता नहीं वह क्यों नहीं बोलते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में जब लिंचिंग पर कहा था कि लिंचिंग करने वाले असामाजिक तत्व हैं तब देश भर में उनके बयान की तारीफ हुई थी. सोनिया गांधी सहित 15 विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री मोदी से राष्ट्र के नाम संबोधन देने की मांग की है लेकिन वह चुप्पी साधे हैं.
अजनिपथ लेकर आएंगे
गहलोत ने अग्नीपथ योजना को लेकर भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा के बताइए देश में अग्निपथ नाम से नई योजना लाई गई है .18 साल की उम्र में युवा नौकरी पर लग जाएगा और 4 साल बाद 22 साल की उम्र में वह रिटायर हो जाएगा. 22 साल की उम्र के बाद उस युवा का क्या भविष्य होगा इसको लेकर कोई चिंता नहीं है. बस देश में भ्रम फैलाया जा रहा है कि हम अग्निवीर तैयार कर रहे हैं. यह अग्निवीर को आप हथियार चलाना सिखा देंगे और जब रोजगार नहीं मिलेगा तो फिर वह हथियार चलाने के हुनर का क्या उपयोग करेगा इसके बारे में कभी सोचा है ? गहलोत ने कहा कि ऐसा पहली बार है जब विपक्ष की भी नहीं सुनी जा रही है. देश की सुरक्षा और देश के लिए इतना बड़ा कानून लाया जा रहा है, लेकिन उस पर कोई चर्चा करने को तैयार नहीं है.
बजट पर कार्यशाला
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज बजट घोषणाओं का लाभ जन-जन में पहुंचाने के लिए सिविल सोसायटी की ओर से जयपुर बिडला सभागार में आयोजित कार्यशाला में शिरकत की और एनजीओ और सिविल सोसायटी का धन्यवाद दिया . सीएम गहलोत ने कहा कि गुड गवर्नेंस में एनजीओ और सिविल सोसाइटी का अहम रोल होता है . सिविल सोसाइटी एनजीओ किसी पार्टी के नहीं होते हैं, निष्पक्ष होते इसलिए वह जो सुझाव देते हैं, उन्हें गंभीरता से लेना चाहिए. अगर वो सरकार की आलोचना करते हैं तो भी उसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि सरकार में बैठे लोग जनता के बीच से ही चुनकर जाते हैं. इसलिए गलती किसी से भी हो सकती है और गलती सुधारने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
शांति-अहिंसा विभाग राजस्थान में बना कर रहूंगा -
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी की प्रासंगिकता आज सबसे ज्यादा है. यह इसलिए ज़रूरी है क्योंकि आज देश में सद्भावना, भाईचारे की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में हमने शांति और अहिंसा का प्रकोष्ठ और शांति व अहिंसा निदेशालय भी बनवाया है. अब मैं शांति अहिंसा विभाग भी बनवाकर रहूंगा. सीएम गहलोत ने कहा कि जिस घर में झगड़े होते हैं वह कभी खुशहाल नहीं हो सकते वैसे ही जिस देश में झगड़े होते हैं वह भी कभी आगे नहीं बढ़ सकता. अगर लोगों में सद्भावना-शांति बनी रहेगी तो सरकारें भी अच्छा काम करेंगी. बजट भी अच्छा पेश होगा और बजट घोषणाए भी लागू होंगी.
एनजीओ और सिविल सोसाइटी को समझें प्रधानमंत्री
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एनजीओ सिविल सोसाइटी को समझना चाहिए. प्रधानमंत्री एनजीओ और सिविल सोसाइटी से प्यार करेंगे तो उन्हें आनंद की अनुभूति होगी. सिविल सोसाइटी और एनजीओ आलोचना करते हैं तो उसे स्वीकार भी करना चाहिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज देश में धर्म की राजनीति हो रही है, अगर पूरी दुनिया में ही एक धर्म पर राजनीति होने लगेगी तो विश्व का क्या हाल होगा. मेरे जैसे करोड़ों लोग इसी चिंता में रहते हैं .