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CM गहलोत का संवेदनशील निर्णय, मृतक राशन डीलर के आश्रितों को अनुकंपात्मक डीलरशिप के प्रावधानों में सरलीकरण को दी मंजूरी - CM Gehlot

राजस्थान में राशन डीलर के आश्रितों को अनुकम्पात्मक डीलरशिप देने के प्रावधानों में सरलीकरण किया गया है. सीएम गहलोत ने इसके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद इस संवेदनशील निर्णय से मृतक आश्रित परिवारों को संबल मिल सकेगा.

CM Gehlot, जयपुर न्यूज
मृतक राशन डीलर के आश्रितों को लेकर गहलोत का फैसला
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Published : Mar 27, 2021, 1:40 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राशन डीलर के आश्रितों को अनुकम्पात्मक डीलरशिप देने के प्रावधानों में सरलीकरण करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. गहलोत की इस मंजूरी के बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से जल्द ही इस संबंध में नया परिपत्र जारी किया जाएगा.

प्रस्ताव के अनुसार, अब मृतक राशन डीलर की पौत्र, पौत्री और पुत्रवधु भी अनुकम्पात्मक डीलरशिप के लिए पात्र होंगे. साथ ही दुकान आवंटन के लिए मृतक की विधवा सहित अन्य वारिसों की अधिकतम आयु सीमा अब 45 साल के स्थान पर 55 साल होगी. गहलोत के इस संवेदनशील निर्णय से मृतक आश्रित परिवारों को संबल मिल सकेगा.

यह भी पढ़ें. गहलोत सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार, इससे लगेगी तबादला उद्योग पर रोक, जानें इसकी खास बातें

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वित्त एवं विनियोग विधेयक 2021-22 पर चर्चा के दौरान मृतक राशन डीलर के आश्रितों को अनुकंपात्मक डीलरशिप दिए जाने के नियमों में सरलीकरण करने की घोषणा की थी. गहलोत ने गुड गवर्नेंस की दिशा में महत्वपूर्ण पहल करते हुए नया वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने से पूर्व ही वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा में की गई. घोषणाओं को मूर्त रूप दिए जाने की शुरूआत कर दी है.

8 प्रकरणों में शिथिलता के प्रस्ताव को स्वीकृति

मुख्यमंत्री ने मृतक राशन डीलर के आश्रितों को अनुकम्पात्मक डीलरशिप देने के लिए 8 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. इनमें आयु और शैक्षणिक योग्यता में छूट और आवेदन में विलम्ब से संबंधित प्रकरण शामिल हैं. सीएम ने इन प्रकरणों में संवेदनशीलता के साथ निर्णय करते हुए आश्रित परिवारों को राहत प्रदान की है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राशन डीलर के आश्रितों को अनुकम्पात्मक डीलरशिप देने के प्रावधानों में सरलीकरण करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. गहलोत की इस मंजूरी के बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से जल्द ही इस संबंध में नया परिपत्र जारी किया जाएगा.

प्रस्ताव के अनुसार, अब मृतक राशन डीलर की पौत्र, पौत्री और पुत्रवधु भी अनुकम्पात्मक डीलरशिप के लिए पात्र होंगे. साथ ही दुकान आवंटन के लिए मृतक की विधवा सहित अन्य वारिसों की अधिकतम आयु सीमा अब 45 साल के स्थान पर 55 साल होगी. गहलोत के इस संवेदनशील निर्णय से मृतक आश्रित परिवारों को संबल मिल सकेगा.

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उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वित्त एवं विनियोग विधेयक 2021-22 पर चर्चा के दौरान मृतक राशन डीलर के आश्रितों को अनुकंपात्मक डीलरशिप दिए जाने के नियमों में सरलीकरण करने की घोषणा की थी. गहलोत ने गुड गवर्नेंस की दिशा में महत्वपूर्ण पहल करते हुए नया वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने से पूर्व ही वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा में की गई. घोषणाओं को मूर्त रूप दिए जाने की शुरूआत कर दी है.

8 प्रकरणों में शिथिलता के प्रस्ताव को स्वीकृति

मुख्यमंत्री ने मृतक राशन डीलर के आश्रितों को अनुकम्पात्मक डीलरशिप देने के लिए 8 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. इनमें आयु और शैक्षणिक योग्यता में छूट और आवेदन में विलम्ब से संबंधित प्रकरण शामिल हैं. सीएम ने इन प्रकरणों में संवेदनशीलता के साथ निर्णय करते हुए आश्रित परिवारों को राहत प्रदान की है.

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