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CM गहलोत ने दी राज्य एवं जिला स्तरीय समितियों के गठन को मंजूरी - राज्य स्तरीय परामर्श समिति

सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश में कृषक उत्पादक संगठनों के गठन एवं उनकी प्रगति की समीक्षा के लिए कमेटी को गठित करने की मंजूरी दे दी है. यह कमेटी राज्य एवं जिला स्तर पर गठित की जाएगी.

जयपुर समाचार, jaipur news
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
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Published : Aug 8, 2020, 7:32 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कृषक उत्पादक संगठनों के गठन एवं उनकी प्रगति की समीक्षा के लिए राज्य स्तरीय परामर्श समिति तथा जिला स्तरीय माॅनिटरिंग कमेटी के गठन को मंजूरी दी है. उल्लेखनीय है कि साल 2023-24 तक देशभर में 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के गठन का लक्ष्य है. इस लक्ष्य के अनुरूप प्रदेश में अधिक से अधिक कृषक उत्पादक संगठन गठित करने और इन संगठनों के माध्यम से किसानों को आय के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सीएम ने इन समितियों को गठित करने की मंजूरी दी है.

कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रमुख शासन सचिव या शासन सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय परामर्श समिति में सहकारिता, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, उद्यान, पशुपालन, मत्स्यपालन, कृषि विपणन आदि विभागों के उच्च स्तर के अधिकारी सदस्य के रूप में सम्मिलित होंगे.

राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रशासक के साथ ही लघु कृषक कृषि व्यापार संघ एवं राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के प्रतिनिधियों, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक, कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर एवं राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के निदेशक (विस्तार) को भी राज्य स्तरीय समिति में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है. नाबार्ड के महाप्रबंधक इस समिति में सदस्य सचिव होंगे.

पढ़ें- नजूल संपत्तियों के लिए गठित समिति में सहायक पुलिस आयुक्त होंगे सदस्य

इसी प्रकार जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय माॅनिटरिंग कमेटी में कृषि, उद्यान, पशुपालन और कृषि विपणन विभाग के उच्च स्तर के अधिकारी शामिल होंगे. साथ ही जिला स्तरीय मण्डी समिति, सहकारी समितियों के उप रजिस्ट्रार, जिला प्रबंधक अग्रणी बैंक, वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र, परियोजना निदेशक आत्मा तथा स्थानीय उत्पादक समूह के प्रतिनिधि सदस्य भी सम्मिलित होंगे. नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक इसमें सदस्य सचिव होंगे.

राज्य एवं जिला स्तरीय समितियों के गठन को मुख्यमंत्री की मंजूरी

इसी के साथ मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत प्रदेश में अधिक से अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना और उनके विस्तार के लिए कृषि विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति गठित करने को मंजूरी दी है. उन्होंने जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियांे के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है.

पढ़ें- अब अग्रिम और बकाया लीज राशि एकमुश्त जमा कराने पर मिलेगी रियायत

गौरतलब है कि आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना एवं विस्तार के लिए योजना प्रारम्भ की है. इस योजना के तहत इन इकाइयों की स्थापना एवं विस्तार के लिए 10 लाख रूपए तक के अनुदान का प्रावधान है. केंद्र प्रवर्तित इस योजना में केंद्र और राज्य के बीच 60 और 40 के अनुपात में वित्तीय भागीदारी का प्रावधान है. सम्पूर्ण देश में 2 लाख खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना तथा विस्तार के लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कृषक उत्पादक संगठनों के गठन एवं उनकी प्रगति की समीक्षा के लिए राज्य स्तरीय परामर्श समिति तथा जिला स्तरीय माॅनिटरिंग कमेटी के गठन को मंजूरी दी है. उल्लेखनीय है कि साल 2023-24 तक देशभर में 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के गठन का लक्ष्य है. इस लक्ष्य के अनुरूप प्रदेश में अधिक से अधिक कृषक उत्पादक संगठन गठित करने और इन संगठनों के माध्यम से किसानों को आय के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सीएम ने इन समितियों को गठित करने की मंजूरी दी है.

कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रमुख शासन सचिव या शासन सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय परामर्श समिति में सहकारिता, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, उद्यान, पशुपालन, मत्स्यपालन, कृषि विपणन आदि विभागों के उच्च स्तर के अधिकारी सदस्य के रूप में सम्मिलित होंगे.

राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रशासक के साथ ही लघु कृषक कृषि व्यापार संघ एवं राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के प्रतिनिधियों, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक, कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर एवं राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के निदेशक (विस्तार) को भी राज्य स्तरीय समिति में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है. नाबार्ड के महाप्रबंधक इस समिति में सदस्य सचिव होंगे.

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इसी प्रकार जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय माॅनिटरिंग कमेटी में कृषि, उद्यान, पशुपालन और कृषि विपणन विभाग के उच्च स्तर के अधिकारी शामिल होंगे. साथ ही जिला स्तरीय मण्डी समिति, सहकारी समितियों के उप रजिस्ट्रार, जिला प्रबंधक अग्रणी बैंक, वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र, परियोजना निदेशक आत्मा तथा स्थानीय उत्पादक समूह के प्रतिनिधि सदस्य भी सम्मिलित होंगे. नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक इसमें सदस्य सचिव होंगे.

राज्य एवं जिला स्तरीय समितियों के गठन को मुख्यमंत्री की मंजूरी

इसी के साथ मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत प्रदेश में अधिक से अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना और उनके विस्तार के लिए कृषि विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति गठित करने को मंजूरी दी है. उन्होंने जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियांे के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है.

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गौरतलब है कि आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना एवं विस्तार के लिए योजना प्रारम्भ की है. इस योजना के तहत इन इकाइयों की स्थापना एवं विस्तार के लिए 10 लाख रूपए तक के अनुदान का प्रावधान है. केंद्र प्रवर्तित इस योजना में केंद्र और राज्य के बीच 60 और 40 के अनुपात में वित्तीय भागीदारी का प्रावधान है. सम्पूर्ण देश में 2 लाख खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना तथा विस्तार के लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है.

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