जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के विभिन्न जिलों के पशुओं में फैल रहे लंपी स्किन रोग (Lumpy skin disease) पर चिंता जताई है. गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार पशुओं के प्रति सजगता और संवेदनशीलता बरतते हुए रोग नियंत्रण के सभी संभावित उपाय कर रही है. उन्होंने केन्द्र सरकार से अपील की है कि गौवंश को बचाने के लिए आर्थिक और आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने और बीमारी के प्रभावी नियंत्रण में सहयोग (CM Gehlot appeals to Central Government) करें. गहलोत ने राज्य के पशुपालकों से धैर्य बनाये रखने और गौशाला संचालकों, जनप्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संस्थाओं से बीमारी के नियंत्रण के साथ रोकथाम में राज्य सरकार का सहयोग करने की अपील की है.
1 लाख 21 पशु लंपी स्किन रोग के शिकार : मुख्यमंत्री ने कहा कि गौवंशीय पशुओं में लंपी स्किन रोग राजस्थान राज्य सहित गुजरात, तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक, केरल, असम, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में फैल रहा है. प्रदेश के जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर, पाली, सिरोही, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर, चूरू, जयपुर, सीकर, झुंझुनू, उदयपुर, अजमेर व बीकानेर जिलों में रोग की पुष्टि हुई है. राज्य में अब तक 1.21 लाख पशु इस रोग से प्रभावित हुए (Cattle suffering from lumpy disease) हैं. इनमें से 94 हजार पाुओं के उपचार उपरांत 42 हजार ठीक हुए हैं.
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आवश्यक औषधियों के लिए राशि आवंटित : मुख्यमंत्री ने बताया कि आपातकालीन आवश्यक औषधियां खरीदने के लिए संभाग स्तरीय अजमेर, बीकानेर और जोधपुर कार्यालयों को 8 से 12 लाख रुपए और बाकी प्रभावित जिलों को 2 से 8 लाख रुपए सहित कुल 106 लाख रुपए की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है. यह राशि पूर्व में आपातकालीन बजट में समस्त जिला स्तरीय कार्यालयों तथा बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालयों को आवंटित राशि के अतिरिक्त जारी की गई है. मुख्यमंत्री ने बताया कि रोगी पशुओं का उपचार और प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए 30 अतिरिक्त वाहनों की स्वीकृति जारी की गई है.
मिशन मोड पर प्रभावी कार्य करने के निर्देश : मुख्यमंत्री ने बताया कि इस रोग की रोकथाम के लिए हर स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है. पशुपालन मंत्री की ओर से 18 जुलाई और 31 जुलाई को अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की गई और 3 अगस्त को जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ वीसी के माध्यम से बीमारी के संक्रमण, रोकथाम के लिए किये जा रहे उपायों, दवा की उपलब्धता और चिकित्साकर्मियों की स्थिति की जानकारी लेकर मिशन मोड पर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं. इस संबंध में 6 अगस्त को केन्द्रीय कृषि और पशुपालन मंत्री के भी राज्य के दौरे पर आने की संभावना है.