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राजस्थान में कोरोना का कहर, अप्रैल में अब तक 161 लोगों की मौत, अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग 4 गुना बढ़ी

देश भर में कोरोना का विस्फोट देखने को मिल रहा है. प्रदेश में अप्रैल महीने में अब तक 161 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है, वहीं पिछले कुछ दिनों के दौरान कोरोना रोगियों के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग 4 गुना तक बढ़ गई है. ऐसे में सीएम गहलोत ने संक्रमण के भयावह दौर से मुकाबले में सहयोग की जरूरत की बात कही है.

राजस्थान में कोरोना का कहर, CM Gehlot appealed to support people
राजस्थान में कोरोना का कहर
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Published : Apr 14, 2021, 9:52 PM IST

जयपुर. देश भर में कोरोना का विस्फोट देखने को मिल रहा है. प्रदेश में अप्रैल महीने में अब तक 161 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है, वहीं पिछले कुछ दिनों के दौरान कोरोना रोगियों के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग 4 गुना तक बढ़ गई है. ऐसे में सीएम गहलोत ने संक्रमण के भयावह दौर से मुकाबले में सहयोग की जरूरत की बात कही है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी से प्रदेश की जनता को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. हम लोगों को समझाइश कर और सख्ती करके अपनी जिम्मेदारी को निभाएंगे, जिसमें सभी संगठनों, धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं, महत्वपूर्ण व्यक्तियों और आम लोगों के सहयोग की सख्त आवश्यकता है.

सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को राजनैतिक और धार्मिक-सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और धर्मगुरुओं के साथ मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद किया. उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण की पहली लहर के दौरान आमजन स्वास्थ्य गाइडलाइन्स का समुचित पालन कर रहे थे, इसी कारण हम महामारी से बच पाए. इस बार जबकि संक्रमण अधिक तेजी से फैल रहा है, ज्यादा घातक है और कम उम्र के लोगों को भी चपेट में ले रहा है, इसके बावजूद आम लोगों ने कोविड प्रोटोकाॅल की पालना छोड़ दी है, यह गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन लगभग 6 हजार पाॅजिटिव केस आने और केवल अप्रैल महीने में ही 161 से अधिक मौतों से स्पष्ट है कि संक्रमण का यह दौर भयावह है.

यह भी पढ़ेंः दर्दनाक: भरतपुर में दम घुटने से 3 बच्चियों की मौत, खेल-खेल में लॉक कर दी थी वैन की विंडो

मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिष्ठित जनों से अपील की कि वे अपने प्रभाव में आने वालों से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी रखने और हाथ धोने सहित कोविड प्रोटोकाॅल की हर जगह सख्ती से पालना करवाने में राज्य सरकार का सहयोग करें. उन्होंने कहा कि सरकार ने पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाओं की व्यवस्था की है, लेकिन आने वाले दिनों में संक्रमण के ज्यादा प्रसार से इन सुविधाओं पर भार बहुत अधिक बढ़ सकता है, इस वैश्विक महामारी से हम सब मिलकर ही मुकाबला कर सकते हैं.

'संक्रमण की पहली और दूसरी लहर का तुलनात्मक अध्ययन करें'

गहलोत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की गंभीरता के आकलन और प्रंबधन के लिए रणनीति बनाने के उद्देश्य से चिकित्सकों को कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रात्मकता, रोग की गंभीरता और मौतों का तुलनात्मक अध्ययन करने के निर्देश दिए. उन्होेंने कहा कि इस बार ग्रामीण क्षेत्र और युवा आबादी भी संक्रमण की शिकार हो रही है. उन्होंने कहा कि इस महामारी से जूझने की बड़ी जिम्मेदारी हम सब को मिल कर निभानी है. संवाद में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधि डीके छंगाणी सहित अन्य सभी सामाजिक संगठनों, व्यापारी संघों, कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने महामारी के प्रकोप से बचाव के लिए बीते एक वर्ष के दौरान मुख्यमंत्री की ओर से लिए गए निर्णयों की सराहना की. सभी ने एक स्वर में संक्रमण की दूसरी लहर पर नियंत्रण के लिए कठोर कदम उठाने की अपील की.

यह भी पढ़ेंः SPECIAL : कोरोना के लिए वैक्सीन है, लेकिन अंधविश्वास का कोई इलाज नहीं....अलवर और चित्तौड़गढ़ में भ्रम की हद

उन्होंने कहा कि आम लोगों की ओर से कोविड प्रोटोकाॅल की पालना नहीं करने के कारण पैदा हुई गंभीर स्थिति पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार के सभी निर्णयों और दिशा-निर्देशों की पालना में उनके संगठन पूरा सहयोग करेंगे. तीन घंटे से अधिक अवधि तक चली इस बैठक को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव प्रसारित किया गया. चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने दूसरी लहर में अधिक संक्रात्मकता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछली लहर के मुकाबले इस बार प्रदेश के चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग में आधारभूत ढ़ांचे और सुविधाओं की उपलब्धता अधिक है, लेकिन आम जनता की ओर से कोविड अनुशासन की पालना नहीं करने से संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि अगर लोग लापरवाही करते रहेंगे तो सभी चिकित्सकीय इन्तजाम कम पड़ सकते हैं.

शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर की ओर से आयोजित की जाने वाली 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित किया गया है. साथ ही, कक्षा 8 के विद्यार्थियों को 9वीं कक्षा, कक्षा 9 के विद्यार्थियोें को 10वीं और कक्षा 11वीं के विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा में प्रमोट करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्कूलों में अध्यापन कार्य फिलहाल बंद होने पर अध्यापकों को जागरूकता अभियान सहित कोविड प्रबंधन से जुड़े दायित्वों के निर्वहन की जिम्मेदारी दी जा सकती है.

चिकित्सा राज्यमंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने वीडियो काॅन्फेंसिंग में शामिल विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से कहा कि राज्य सरकार संक्रमण के नियंत्रण के लिए सभी संभव उपाय करेगी और उनको धरातल पर लागू करने के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है.

यह भी पढ़ेंः कोरोना का असर : राज्य सरकार का बड़ा फैसला, 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित

शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया ने काॅन्फ्रेंस के दौरान कोरोना संक्रमण की स्थिति और प्रंबधन के उपायों पर रिपोर्ट दिखाई. उन्होंने बताया कि राजस्थान में संक्रमण की पाॅजिटिविटी दर 5.01 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 5.32 प्रतिशत से बेहतर है. इसी प्रकार, प्रदेश में मृत्यु दर (0.78 प्रतिशत) है, जो राष्ट्रीय औसत (1.24 प्रतिशत) से कम है. उन्होंने कहा कि चिंताजनक स्थिति यह है कि अप्रैल महीने में अब तक 161 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है और पिछले कुछ दिनों के दौरान कोरोना रोगियों के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग 4 गुना तक बढ़ गई है.

इस दौरान मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार, प्रमुख सचिव वित्त अखिल अरोरा, स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा, परिवहन आयुक्त महेन्द्र सोनी, शासन सचिव गृह सुरेश चन्द गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक जनसम्पर्क राजपाल यादव, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. राजा बाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुधीर भण्डारी, वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. वीरेन्द्र सिंह सहित अन्य उच्च अधिकारी भी उपस्थित थे.

जयपुर. देश भर में कोरोना का विस्फोट देखने को मिल रहा है. प्रदेश में अप्रैल महीने में अब तक 161 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है, वहीं पिछले कुछ दिनों के दौरान कोरोना रोगियों के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग 4 गुना तक बढ़ गई है. ऐसे में सीएम गहलोत ने संक्रमण के भयावह दौर से मुकाबले में सहयोग की जरूरत की बात कही है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी से प्रदेश की जनता को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. हम लोगों को समझाइश कर और सख्ती करके अपनी जिम्मेदारी को निभाएंगे, जिसमें सभी संगठनों, धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं, महत्वपूर्ण व्यक्तियों और आम लोगों के सहयोग की सख्त आवश्यकता है.

सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को राजनैतिक और धार्मिक-सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और धर्मगुरुओं के साथ मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद किया. उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण की पहली लहर के दौरान आमजन स्वास्थ्य गाइडलाइन्स का समुचित पालन कर रहे थे, इसी कारण हम महामारी से बच पाए. इस बार जबकि संक्रमण अधिक तेजी से फैल रहा है, ज्यादा घातक है और कम उम्र के लोगों को भी चपेट में ले रहा है, इसके बावजूद आम लोगों ने कोविड प्रोटोकाॅल की पालना छोड़ दी है, यह गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन लगभग 6 हजार पाॅजिटिव केस आने और केवल अप्रैल महीने में ही 161 से अधिक मौतों से स्पष्ट है कि संक्रमण का यह दौर भयावह है.

यह भी पढ़ेंः दर्दनाक: भरतपुर में दम घुटने से 3 बच्चियों की मौत, खेल-खेल में लॉक कर दी थी वैन की विंडो

मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिष्ठित जनों से अपील की कि वे अपने प्रभाव में आने वालों से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी रखने और हाथ धोने सहित कोविड प्रोटोकाॅल की हर जगह सख्ती से पालना करवाने में राज्य सरकार का सहयोग करें. उन्होंने कहा कि सरकार ने पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाओं की व्यवस्था की है, लेकिन आने वाले दिनों में संक्रमण के ज्यादा प्रसार से इन सुविधाओं पर भार बहुत अधिक बढ़ सकता है, इस वैश्विक महामारी से हम सब मिलकर ही मुकाबला कर सकते हैं.

'संक्रमण की पहली और दूसरी लहर का तुलनात्मक अध्ययन करें'

गहलोत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की गंभीरता के आकलन और प्रंबधन के लिए रणनीति बनाने के उद्देश्य से चिकित्सकों को कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रात्मकता, रोग की गंभीरता और मौतों का तुलनात्मक अध्ययन करने के निर्देश दिए. उन्होेंने कहा कि इस बार ग्रामीण क्षेत्र और युवा आबादी भी संक्रमण की शिकार हो रही है. उन्होंने कहा कि इस महामारी से जूझने की बड़ी जिम्मेदारी हम सब को मिल कर निभानी है. संवाद में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधि डीके छंगाणी सहित अन्य सभी सामाजिक संगठनों, व्यापारी संघों, कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने महामारी के प्रकोप से बचाव के लिए बीते एक वर्ष के दौरान मुख्यमंत्री की ओर से लिए गए निर्णयों की सराहना की. सभी ने एक स्वर में संक्रमण की दूसरी लहर पर नियंत्रण के लिए कठोर कदम उठाने की अपील की.

यह भी पढ़ेंः SPECIAL : कोरोना के लिए वैक्सीन है, लेकिन अंधविश्वास का कोई इलाज नहीं....अलवर और चित्तौड़गढ़ में भ्रम की हद

उन्होंने कहा कि आम लोगों की ओर से कोविड प्रोटोकाॅल की पालना नहीं करने के कारण पैदा हुई गंभीर स्थिति पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार के सभी निर्णयों और दिशा-निर्देशों की पालना में उनके संगठन पूरा सहयोग करेंगे. तीन घंटे से अधिक अवधि तक चली इस बैठक को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव प्रसारित किया गया. चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने दूसरी लहर में अधिक संक्रात्मकता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछली लहर के मुकाबले इस बार प्रदेश के चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग में आधारभूत ढ़ांचे और सुविधाओं की उपलब्धता अधिक है, लेकिन आम जनता की ओर से कोविड अनुशासन की पालना नहीं करने से संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि अगर लोग लापरवाही करते रहेंगे तो सभी चिकित्सकीय इन्तजाम कम पड़ सकते हैं.

शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर की ओर से आयोजित की जाने वाली 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित किया गया है. साथ ही, कक्षा 8 के विद्यार्थियों को 9वीं कक्षा, कक्षा 9 के विद्यार्थियोें को 10वीं और कक्षा 11वीं के विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा में प्रमोट करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्कूलों में अध्यापन कार्य फिलहाल बंद होने पर अध्यापकों को जागरूकता अभियान सहित कोविड प्रबंधन से जुड़े दायित्वों के निर्वहन की जिम्मेदारी दी जा सकती है.

चिकित्सा राज्यमंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने वीडियो काॅन्फेंसिंग में शामिल विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से कहा कि राज्य सरकार संक्रमण के नियंत्रण के लिए सभी संभव उपाय करेगी और उनको धरातल पर लागू करने के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है.

यह भी पढ़ेंः कोरोना का असर : राज्य सरकार का बड़ा फैसला, 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित

शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया ने काॅन्फ्रेंस के दौरान कोरोना संक्रमण की स्थिति और प्रंबधन के उपायों पर रिपोर्ट दिखाई. उन्होंने बताया कि राजस्थान में संक्रमण की पाॅजिटिविटी दर 5.01 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 5.32 प्रतिशत से बेहतर है. इसी प्रकार, प्रदेश में मृत्यु दर (0.78 प्रतिशत) है, जो राष्ट्रीय औसत (1.24 प्रतिशत) से कम है. उन्होंने कहा कि चिंताजनक स्थिति यह है कि अप्रैल महीने में अब तक 161 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है और पिछले कुछ दिनों के दौरान कोरोना रोगियों के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग 4 गुना तक बढ़ गई है.

इस दौरान मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार, प्रमुख सचिव वित्त अखिल अरोरा, स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा, परिवहन आयुक्त महेन्द्र सोनी, शासन सचिव गृह सुरेश चन्द गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक जनसम्पर्क राजपाल यादव, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. राजा बाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुधीर भण्डारी, वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. वीरेन्द्र सिंह सहित अन्य उच्च अधिकारी भी उपस्थित थे.

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