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बीसलपुर बांध से सिंचाई के लिए पानी देने का मामला..CM गहलोत ने रामपाल जाट से की वार्ता

सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को बीसलपुर बांध में सिंचाई के लिए पानी देने के संबंध में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट से वार्ता की. रामपाल जाट ने चर्चा के बाद जांच कर समुचित कार्रवाई का विश्वास दिलाया.

CM Gehlot talks with Rampal Jat,  Case of giving water for irrigation from Bisalpur dam
बीसलपुर बांध
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Published : Nov 21, 2020, 8:31 PM IST

जयपुर. टोंक जिले के बीसलपुर बांध से 256 गांव के 81,800 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई के लिए नहरों में पानी प्रवाहित करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में आए किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दूरभाष पर वार्ता की और किसानों की मांग पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

उल्लेखनीय है कि बीसलपुर से सिंचाई के पानी की मांग को लेकर 11 नवंबर को देवत माता छाण पर किसान सभा का आयोजन कर धरना दिया गया था. बीसलपुर से सिंचाई के पानी की मांग को लेकर किसान दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टोंक जिले के बीसलपुर बांध से सिंचाई के लिए नहरों में पानी प्रवाहित करने के संबंध में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट से चर्चा कर समुचित कार्रवाई का विश्वास दिलाया है. जाट ने कहा कि बीसलपुर में पर्याप्त पानी के बावजूद सिंचाई के लिए जल मुहैया नहीं कराया जा रहा है.

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने मुख्यमंत्री से कहा कि बीसलपुर बांध में पीने के पानी के अतिरिक्त सरसों और चना की फसलों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है. इसी मुद्दे को लेकर रामपाल जाट ने 18 नवंबर को मुख्यमंत्री को पत्र भी भेजा था. इसके बाद ही मुख्यमंत्री ने किसान महापंचायत के अध्यक्ष से वार्ता शुरू की.

पढ़ें- केंद्र सरकार की गणितीय भूल से किसानों को हो सकता है 117 करोड़ का घाटा : रामपाल जाट

पत्र में तथ्यों के अनुसार इस वर्ष बीसलपुर बांध में 24.311 टीएमसी पानी उपलब्ध है, जो कुल भराव 33.15 टीएमसी का 73.33 फीसदी है. इस फीसदी के अनुसार 5.85 टीएमसी पानी सिंचाई के लिए आरक्षित है. जिला कलेक्टर टोंक की अध्यक्षता में 9 अक्टूबर को बांध संबंधी बैठक में सिंचाई के लिए 4 टीएमसी पानी देना स्वीकार करते हुए निर्णय के लिए राज्य स्तर पर अनुरोध किया गया था.

किसानों का ग्राम स्तर पर धरना-प्रदर्शन

पानी छोड़ने की सार्थक कार्रवाई नहीं होने के कारण देवत माता छाण पर हुई घोषणा के अनुसार किसान ग्राम स्तर पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान अपनी व्यथा 'पानी तो भरपूर है, क्यों खेतों से दूर है' के नारों के साथ प्रकट कर रहे है. खेतों में खड़ी सरसों और चने की फसलों को सूखती देखकर किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

पिछले 2 महीनों से किसान कर रहे आंदोलन

बता दें कि बीसलपुर बांध से सिंचाई के पानी के लिए लगभग 2 महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं. 11 नवंबर को देवत माता छाण पर आयोजित सभा और धरना के समय अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुखराम खोखर ने राज्य स्तर पर वार्ता 16 नवंबर के पहले कराने के लिए आश्वस्त किया था. यह वार्ता आयोजित कराने में असमर्थता व्यक्त किए जाने पर 18 नवंबर को किसान महापंचायत की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपल जाट ने पत्र भेजा था.

पुलिस पर डराने-धमकाने का आरोप

वहीं, दूसरी ओर रामपाल जाट ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला पुलिस प्रशासन पानी देने की कार्रवाई के स्थान पर पानी देने की आवाज को बुलंद करने वाले किसान प्रतिनिधियों को डराने–धमकाने में लगी है. साथ ही वे झूठे मुकदमे बना कर आंदोलन को कुचलने में जुटे हुए हैं. ऐसी कार्रवाईयों को रोकने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से आग्रह किया है और साथ ही इस आंदोलन में अन्य जिलों के किसानों की भागीदारी की चेतावनी भी दी है.

जयपुर. टोंक जिले के बीसलपुर बांध से 256 गांव के 81,800 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई के लिए नहरों में पानी प्रवाहित करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में आए किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दूरभाष पर वार्ता की और किसानों की मांग पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

उल्लेखनीय है कि बीसलपुर से सिंचाई के पानी की मांग को लेकर 11 नवंबर को देवत माता छाण पर किसान सभा का आयोजन कर धरना दिया गया था. बीसलपुर से सिंचाई के पानी की मांग को लेकर किसान दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टोंक जिले के बीसलपुर बांध से सिंचाई के लिए नहरों में पानी प्रवाहित करने के संबंध में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट से चर्चा कर समुचित कार्रवाई का विश्वास दिलाया है. जाट ने कहा कि बीसलपुर में पर्याप्त पानी के बावजूद सिंचाई के लिए जल मुहैया नहीं कराया जा रहा है.

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने मुख्यमंत्री से कहा कि बीसलपुर बांध में पीने के पानी के अतिरिक्त सरसों और चना की फसलों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है. इसी मुद्दे को लेकर रामपाल जाट ने 18 नवंबर को मुख्यमंत्री को पत्र भी भेजा था. इसके बाद ही मुख्यमंत्री ने किसान महापंचायत के अध्यक्ष से वार्ता शुरू की.

पढ़ें- केंद्र सरकार की गणितीय भूल से किसानों को हो सकता है 117 करोड़ का घाटा : रामपाल जाट

पत्र में तथ्यों के अनुसार इस वर्ष बीसलपुर बांध में 24.311 टीएमसी पानी उपलब्ध है, जो कुल भराव 33.15 टीएमसी का 73.33 फीसदी है. इस फीसदी के अनुसार 5.85 टीएमसी पानी सिंचाई के लिए आरक्षित है. जिला कलेक्टर टोंक की अध्यक्षता में 9 अक्टूबर को बांध संबंधी बैठक में सिंचाई के लिए 4 टीएमसी पानी देना स्वीकार करते हुए निर्णय के लिए राज्य स्तर पर अनुरोध किया गया था.

किसानों का ग्राम स्तर पर धरना-प्रदर्शन

पानी छोड़ने की सार्थक कार्रवाई नहीं होने के कारण देवत माता छाण पर हुई घोषणा के अनुसार किसान ग्राम स्तर पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान अपनी व्यथा 'पानी तो भरपूर है, क्यों खेतों से दूर है' के नारों के साथ प्रकट कर रहे है. खेतों में खड़ी सरसों और चने की फसलों को सूखती देखकर किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

पिछले 2 महीनों से किसान कर रहे आंदोलन

बता दें कि बीसलपुर बांध से सिंचाई के पानी के लिए लगभग 2 महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं. 11 नवंबर को देवत माता छाण पर आयोजित सभा और धरना के समय अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुखराम खोखर ने राज्य स्तर पर वार्ता 16 नवंबर के पहले कराने के लिए आश्वस्त किया था. यह वार्ता आयोजित कराने में असमर्थता व्यक्त किए जाने पर 18 नवंबर को किसान महापंचायत की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपल जाट ने पत्र भेजा था.

पुलिस पर डराने-धमकाने का आरोप

वहीं, दूसरी ओर रामपाल जाट ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला पुलिस प्रशासन पानी देने की कार्रवाई के स्थान पर पानी देने की आवाज को बुलंद करने वाले किसान प्रतिनिधियों को डराने–धमकाने में लगी है. साथ ही वे झूठे मुकदमे बना कर आंदोलन को कुचलने में जुटे हुए हैं. ऐसी कार्रवाईयों को रोकने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से आग्रह किया है और साथ ही इस आंदोलन में अन्य जिलों के किसानों की भागीदारी की चेतावनी भी दी है.

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