जयपुर. कांग्रेस अब केन्द्र को उसी मुद्दे पर घेर रही है जिस पर कभी भाजपा ने उसे घेरा था और सत्ता पर काबिज हुई थी. महंगाई को लेकर पार्टी लगातार सोशल प्लेटफॉर्म से लेकर सार्वजनिक मंच तक पर अपना रोष जता रही है. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के बाद अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (gehlot targets NDA on price rise) ने भी आसमान छूती कीमतों को लेकर केन्द्र पर निशाना बोला है. उन्होंने ट्वीट किया है जिसमें रिकॉर्ड कायम करती महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी और अहम मुद्दों से ध्यान भटका कर जाति धर्म पर राजनीति को मुद्दा बनाया है.
महंगाई दर रिकॉर्ड स्तर पर: सीएम गहलोत ने ट्वीट (CM Ashok Gehlot Tweets) में लिखा है- देश में थोक महंगाई दर 15.08% के रिकॉर्ड पर पहुंच गई है. पिछले एक साल से थोक महंगाई दर 10% से अधिक है. महंगाई ने आमजन का जीवन मुश्किल कर दिया है लेकिन NDA सरकार धर्म, जाति के नाम पर आपस में तनाव बनाए रखना चाहती है. जिससे महंगाई और बेरोजगारी पर कोई चर्चा न हो सके. पेट्रोल, डीजल के बाद अब खाद्य सामग्री भी आमजन की पहुंच से बाहर होती जा रही है. रुपये का मूल्य लगातार गिरकर 1 डॉलर= 77.74 रुपये के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया है, जिससे आयात की जाने वाली सभी वस्तुओं के दाम निरन्तर बढ़ रहे हैं.
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प्रधानमंत्री एवं एनडीए सरकार को देश का ध्यान मंदिर-मस्जिद के मुद्दों पर भटकाने की बजाय अपना ध्यान बेरोजगारी समस्या को हल करने एवं महंगाई पर काबू पाने पर लगाना चाहिए।
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— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 18, 2022
'नीतियां विफल': गहलोत ने कहा कि इस साल खाद्यान्न उत्पादन में कमी की आशंकाओं से महंगाई और बढ़ सकती है. ऐसा लगता है कि केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियां विफल हो चुकी हैं और इनके पास महंगाई को काबू करने की कोई योजना नहीं है. प्रधानमंत्री और एनडीए सरकार को देश का ध्यान मंदिर-मस्जिद के मुद्दों पर भटकाने की बजाए अपना ध्यान बेरोजगारी समस्या को हल करने एवं महंगाई पर काबू पाने पर लगाना चाहिए.
महंगाई का जोरदार झटका: बता दें कि देश की जनता को महंगाई के मोर्चे पर एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं. सरकार की तमाम कोशिशें बढ़ती महंगाई को काबू करने में नाकाम साबित हो रही हैं. बीते दिनों खुदरा मुद्रास्फीति आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई और अब थोक मुद्रास्फीति में भी तेज वृद्धि देखने को मिली है. सरकार की ओर से मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में थोक महंगाई दर 15.08 फीसदी के उच्च स्तर पर पहुंच गई. इससे बीते महीने मार्च में यह 14.55 फीसदी पर थी. थोक महंगाई का ये आंकड़ा बीते नौ सालों में सबसे बड़ा है.