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CM गहलोत ने वैक्सिनेशन के लिए पुख्ता इंतजाम करने के दिए निर्देश, कोविड-19 समीक्षा बैठक में की चर्चा - Corona epidemic

कोविड-19 समीक्षा बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने जांच का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए. साथ ही वैक्सीनेशन के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए. प्रथम चरण में स्वास्थ्यकर्मियों के वैक्सीनेशन के लिए सरकारी एवं निजी चिकित्सा संस्थानों में करीब 5000 साइट तैयार की जा रही है.

CM Gehlot gave instructions,  Covid-19 Review Meeting
सीएम अशोक गहलोत
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Published : Dec 10, 2020, 10:47 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोविड-19 की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान गहलोत ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के लिए जांच का दायरा बढ़ाया जाना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक जांच की जाए ताकि संक्रमण का समय पर पता लग सके और इसके फैलाव को रोकने में आसानी हो.

सीएम अशोक गहलोत ने वैक्सीनेशन के लिए समुचित व्यवस्थाएं शीघ्र सुनिश्चित करने के अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जांच में देरी से लोगों के जीवन को खतरा पैदा होता है और रोगी की स्थिति गंभीर हो जाती है. इसे ध्यान रखते हुए हेल्थ वर्कर और चिकित्साकर्मी सर्दी, खासी, जुकाम (आईएलआई) जैसे लक्षण वाले लोगों की आवश्यक रूप से जांच करवाना सुनिश्चित करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में पर्याप्त जांच क्षमता मौजूद है, लेकिन हमारा प्रयास है कि संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग हो. इसके लिए जांच क्षमता को लक्ष्य के अनुरूप लगातार बढ़ाते हुए एक लाख तक पहुंचाया जाए. साथ ही जांच करने के लिए यदि अधिक मानव संसाधन की आवश्यकता है, तो अर्जेंट टेम्परेरी बेसिस पर चिकित्साकर्मियों की सेवाएं लें.

पढ़ें- कलेक्टर इंद्र सिंह राव का पीए बोला- मैं तो छोटा कर्मचारी हूं...रिश्वत का पूरा पैसा कलेक्टर का ही था

गहलोत ने कोविड-19 वैक्सीन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि वैक्सीनेशन के लिए प्रदेशभर में पर्याप्त संख्या में सेंटर बनाए जाएं. इन सेंटर्स पर वैक्सीनेशन के लिए पुख्ता इंतजाम हों ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. उन्होंने वैक्सीन के सुरक्षित परिवहन एवं भण्डारण के लिए भी तमाम जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि नाइट कर्फ्यू और विवाह आदि समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग की सख्ती से पालना और लगातार जागरूकता अभियान से सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं. विगत दिनों में पॉजिटिव केसों की संख्या काफी तेजी से घटी है. आगे भी संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के लिए इसी तरह हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित की जाए. लोगों को मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लगातार जागरूक करें.

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रो-एक्टिव टेस्टिंग की जा रही है. हमारी रिकवरी रेट लगातार बढ़ रही है. अस्पतालों में पॉजिटिव रोगियों की संख्या घटी है तो वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि अधिक से अधिक जांच करने के लिए मानव संसाधन बढ़ाना जरूरी है. राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से प्रक्रियाधीन करीब 2000 लैब टेक्नीशियन की भर्ती जल्द पूर्ण होने से टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने में आसानी होगी.

शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि विगत दिनों में राज्य में पॉजिटिव केस लगातार कम हुए हैं. साथ ही रिकवरी रेट बढ़कर 92.20 फीसदी हो गई है. उन्होंने वैक्सीनेशन की तैयारियों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम चरण में स्वास्थ्यकर्मियों के वैक्सीनेशन के लिए सरकारी एवं निजी चिकित्सा संस्थानों में करीब 5000 साइट तैयार की जा रही हैं.

राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार ने कहा कि हर्ड इम्यूनिटी के स्तर तक पहुंचने से हम अभी काफी दूर हैं. उन्होंने वैक्सीन के संबंध में विभिन्न देशों में हुए अध्ययन एवं इसके परिणामों के बारे में भी जानकारी दी. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने कहा कि अध्ययन के मुताबिक वैक्सीनेशन की पहली डोज के बाद 15 दिन में इम्यूनिटी विकसित होना शुरू होती है और दूसरी डोज के बाद करीब 70 तक इम्यूनिटी विकसित हो जाती है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोविड-19 की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान गहलोत ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के लिए जांच का दायरा बढ़ाया जाना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक जांच की जाए ताकि संक्रमण का समय पर पता लग सके और इसके फैलाव को रोकने में आसानी हो.

सीएम अशोक गहलोत ने वैक्सीनेशन के लिए समुचित व्यवस्थाएं शीघ्र सुनिश्चित करने के अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जांच में देरी से लोगों के जीवन को खतरा पैदा होता है और रोगी की स्थिति गंभीर हो जाती है. इसे ध्यान रखते हुए हेल्थ वर्कर और चिकित्साकर्मी सर्दी, खासी, जुकाम (आईएलआई) जैसे लक्षण वाले लोगों की आवश्यक रूप से जांच करवाना सुनिश्चित करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में पर्याप्त जांच क्षमता मौजूद है, लेकिन हमारा प्रयास है कि संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग हो. इसके लिए जांच क्षमता को लक्ष्य के अनुरूप लगातार बढ़ाते हुए एक लाख तक पहुंचाया जाए. साथ ही जांच करने के लिए यदि अधिक मानव संसाधन की आवश्यकता है, तो अर्जेंट टेम्परेरी बेसिस पर चिकित्साकर्मियों की सेवाएं लें.

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गहलोत ने कोविड-19 वैक्सीन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि वैक्सीनेशन के लिए प्रदेशभर में पर्याप्त संख्या में सेंटर बनाए जाएं. इन सेंटर्स पर वैक्सीनेशन के लिए पुख्ता इंतजाम हों ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. उन्होंने वैक्सीन के सुरक्षित परिवहन एवं भण्डारण के लिए भी तमाम जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि नाइट कर्फ्यू और विवाह आदि समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग की सख्ती से पालना और लगातार जागरूकता अभियान से सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं. विगत दिनों में पॉजिटिव केसों की संख्या काफी तेजी से घटी है. आगे भी संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के लिए इसी तरह हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित की जाए. लोगों को मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लगातार जागरूक करें.

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रो-एक्टिव टेस्टिंग की जा रही है. हमारी रिकवरी रेट लगातार बढ़ रही है. अस्पतालों में पॉजिटिव रोगियों की संख्या घटी है तो वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि अधिक से अधिक जांच करने के लिए मानव संसाधन बढ़ाना जरूरी है. राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से प्रक्रियाधीन करीब 2000 लैब टेक्नीशियन की भर्ती जल्द पूर्ण होने से टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने में आसानी होगी.

शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि विगत दिनों में राज्य में पॉजिटिव केस लगातार कम हुए हैं. साथ ही रिकवरी रेट बढ़कर 92.20 फीसदी हो गई है. उन्होंने वैक्सीनेशन की तैयारियों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम चरण में स्वास्थ्यकर्मियों के वैक्सीनेशन के लिए सरकारी एवं निजी चिकित्सा संस्थानों में करीब 5000 साइट तैयार की जा रही हैं.

राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार ने कहा कि हर्ड इम्यूनिटी के स्तर तक पहुंचने से हम अभी काफी दूर हैं. उन्होंने वैक्सीन के संबंध में विभिन्न देशों में हुए अध्ययन एवं इसके परिणामों के बारे में भी जानकारी दी. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने कहा कि अध्ययन के मुताबिक वैक्सीनेशन की पहली डोज के बाद 15 दिन में इम्यूनिटी विकसित होना शुरू होती है और दूसरी डोज के बाद करीब 70 तक इम्यूनिटी विकसित हो जाती है.

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