जयपुर. राजस्थान का बजट गुरुवार को विधानसभा में पास हो गया. इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने जवाब में एक बार फिर विपक्षी दल भाजपा पर जमकर जुबानी हमला किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट पर सबने अपने विचार खुलकर रखे. उन्होंने पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी.
सीएम गहलोत ने कही कि अगर आप हमेशा बोलते रहते थे तो सबका ज्ञानवर्धन होता, सामाजिक न्याय की बात आपने कही मेरे दिल को छूने वाली बात थी. गांधी जी सत्य, अहिंसा और सामाजिक न्याय की बात करते थे. मैंने तो सरकार में शांति और अहिंसा का विभाग बना दिया है. इस विषय पर सदन में जब चाहे तब 1 दिन की चर्चा भी हो सकती है.
गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पर जमकर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि आपने कहा कि हम इंजीनियरिंग एक्सपर्ट नहीं हैं तो अगर हम इंजीनियर नहीं हैं तो क्या आप फाइनेंशियल एक्सपर्ट हैं, जो करोड़ों रुपए की बात की. कुछ काम तो हमें डायरेक्टर बजट और डायरेक्टर रेवेन्यू पर छोड़ना चाहिए. हमारे घाटे की बात आपने की, भारत सरकार की खुद की स्थिति क्या है. अगर हम पीडी अकाउंट को लेकर ही पूरी स्पीच दे देंगे तो आप तो खुद मंत्री रहे हैं.
पीडी अकाउंट का तो अपना एक महत्व रहता है कि किस प्रकार से एडजस्टमेंट करना पड़ता है. देवस्थान विभाग की बात की कि ऐसे ही किसी को लगा देते हैं, इस विभाग में तो वसुंधरा राजे ने कुछ सोच समझकर आपको भेजा होगा. देवस्थान विभाग में अरबों खरबों की प्रॉपर्टी है और बहुत कुछ हो सकता है तो फिर आप के वक्त में क्या हुआ यह भी तो बताना चाहिए था.
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि आपका जो तरीका है ऐसा लगता है कि आप सिर्फ सच बोलते हो, सच के सिवा कुछ नहीं बोलते हो लेकिन वह होता नहीं है. अभी तक हम 97 हजार नौकरियां प्रदेश में दे चुके हैं. 17 हजार नौकरियों के परिणाम जारी हो चुके हैं. 37 हजार नौकरियों के विज्ञापन प्रकाशित हो चुके हैं. 23 हजार नौकरियों की विज्ञापन के लिए कार्रवाई प्रक्रिया जाना है. दो साल में हमने 1 लाख 70 हजार नौकरियों दिए जाने की प्रक्रिया की जा रही है.
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सीएम गहलोत ने कही कि 2021-22 के बजट में हमने 1154 करोड़ का प्रावधान किया है. आप केवल यह बताना चाहते थे कि आयुर्वेद विभाग महत्वपूर्ण है और सरकार लापरवाही कर रही है. उन्होंने कहा कि सदन को गुमराह मत करो क्योंकि आप जैसे बोलते हो जैसे सच बोल रहे हो. झूठ भी सच की तरह बोलना आता है कोई भी कमी आने नहीं देते हो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर बार मैंने आपको समझाया है कि गुस्सा मत किया करो, लेकिन आप करते हो. अच्छे भले बोलते-बोलते तूतू में आ जाते हैं, आप से सीधे तू में शिफ्ट हो जाते हो,पता नहीं कौन सा भाव आप में पैदा हो जाते हैं, यह रिसर्च का विषय है. इसपर शांति धारीवाल ने कहा इन पर भैरूजी चले जाते हैं.
गहलोत ने भाजपा अधयक्ष सतीश पूनिया को गुरुवार को फिर चिरंजीवी कहा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में तकलीफ है तो क्यों ना हम लोग मिलकर हमारे 25 सांसदों को कहें कि ईस्ट केनाल योजना को केंद्र के सामने रखे और इस योजना को राष्ट्रीय योजना घोषित करने की मांग करे. सतीश पूनिया बैठे हैं यह तो खुद हाइकमान हैं. यह ऐसी योजना है जो 13 जिलों के काम आएगी. उन्होंने कहा कि इस योजना को वसुंधरा राजे ने बनाई थी, यह आपके खाते में ही जाएगी. मैं यह योजना फ्री में करने को तैयार हूं.
गहलोत ने कही कि जैसे मैंने रिफाइनरी के लिए संघर्ष किया था, उसी तरीके से ईस्टर्न कैनल योजना के लिए संघर्ष करने को तैयार हूं. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को लेकर कहा कि जीएसटी के लिए हमने बात की और मांग की कि 22 की जगह 27 फीसदी दिया जाए क्योंकि कोरोना में राज्यों की स्थिति नाजुक हो गई है. ऊपर से केंद्र सरकार जीएसटी का पैसा दे नहीं पा रही है.
14 फाइनेंस कमीशन ने राज्यों के हिस्सों को 32 फीसदी से 42 फीसदी कर दिया था, लेकिन केंद्र सरकार ने सारी सीएसएस स्कीम्स को जो 100 फीसदी थी, 90 और 10 थी और 60 और 40 थी उनको सबको 60-40 कर लिया है. उन्होंने कहा कि विपरीत हालात में भी हमारे देश के व्यापारी, इंडस्ट्रियलिस्ट और टेक्स पेयर ने 2019 के बराबर ही रेवेन्यू इस बार भी दी है, लेकिन यह समझ के परे है कि फिर राज्यों का हिस्सा कम क्यों कर रहे हैं.
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राजस्थान का हिस्सा 17 फीसदी कम किया गया है. 2019-20 में 10 हजार करोड़ रुपए कम दिए गए. 2020- 21 में 14 हजार करोड़ रुपए कम किए और अब 2021-22 के अंदर पहले ही कह दिया गया है कि 12 हजार करोड़ रुपए कम मिलेंगे. केंद्र ने पहले सीएसएस स्कीम का फार्मूला बदला, इंश्योरेंस में कैप लगा दी, पेट्रोल-डीजल में पैसा मिलता नहीं है, जीएसटी बंद कर दी और रेवेन्यू भी केंद्र को पूरी आती है तो भी पता नहीं क्यों ऐसा किया जा रहा है.
3 साल में केंद्र ने राज्य के 36000 करोड़ रुपए कम किए हैं. गहलोत ने कहा कि मैं चिंतित हूं कि अगर राज्यों को पैसा इस तरीके से कम मिलेगा तो फिर कैसे हम लोग काम चलाएंगे. प्रधानमंत्री कोऑपरेटिव फेडरेलिज्म की बात करते हैं वह खाली तकिया कलाम है. वह केवल बोलते हैं लेकिन वह इंप्लीमेंट नहीं हो रहा है. जो हालात बन रहे हैं वह चिंता की बात है.
टेलीफोन पर बात करने की बात पर हर कोई चमकता है, व्हाट्सएप पर बात करो कहीं टेलीफोन टैप नहीं हो जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट घोषणाएं पूरी करने का जवाब हमें देना है. पब्लिक को पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सब घोषणा पूरी करना और इसका जवाब तो हमें देना है, आप क्यों चिंता कर रहे हो.