जयपुर. स्वास्थ्य विभाग में एनएचएम भर्ती घोटाले से जुड़े मामले पर भाजपा ने प्रदेश की गहलोत सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने जायज पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी तो है पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने इस पूरे मामले कि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने की मांग मुख्यमंत्री से की है. वह इस मामले में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं.
विपक्ष के रूप में भाजपा ने इस मामले में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस मामले में आगे बढ़कर निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने यह मांग की है.
चतुर्वेदी के अनुसार जिस समय यह मामला उजागर हुआ तब विभाग के मंत्री यही कहते रहे कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है लेकिन जब इसकी परतें खुल रही है तो यह साफ हो चुका है कि पूरे प्रशासन और सरकार को इन भर्तियों की जानकारी पहले से थी. चतुर्वेदी ने कहा कि यदि सरकार को पहले से इसकी जानकारी थी तो फिर आखिर एग्जाम स्थगित क्यों किया गया. चतुर्वेदी ने इस पूरे घटनाक्रम को उन अभ्यर्थियों के हितों पर कुठाराघात बताया जो बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं.
इससे पहले पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने भी इस मामले में प्रदेश की गहलोत सरकार वो कहते हुए इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी और अब वसुंधरा सरकार के पूर्व मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी ने खुद मुख्यमंत्री गहलोत से अपने स्तर पर मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने की मांग कर चिकित्सा मंत्री की परेशानी बढ़ा दी है.