जयपुर. प्रदेश में कम बारिश को लेकर गहलोत सरकार (Gehlot Government) कंटीजेंसी प्लान बनाने की तैयारियों में जुट गया है. अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में मानसून (Monsoon) के दौरान अब तक औसत से कम वर्षा की स्थिति में कृषि और पेयजल व्यवस्था के लिए पूरी तरह सजग है. उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
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सीएम गहलोत (Gehlot) सोमवार रात को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा, कृषि, जल संसाधन और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभागों के अधिकारियों के साथ मानसून की तैयारियों, फसलों की बुवाई, पेयजल आदि की स्थिति के संबंध में समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे.
इसी दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बारिश के आंकड़े बताने में हड़बड़ी पर प्रमुख सचिव आनंद कुमार को फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि आपोक जिलेवार बारिश के आंकड़े बताने काे कहा था, आप समझ ही नहीं रहे. यह ओपन वीसी है और लाखों लोग इसे देख रहे हैं. लोग जानना चाहते हैं कि प्रदेश में बारिश के क्या हालात हैं. जैसे बीकानेर, चूरू यहां कितनी कम बारिश हुई है, मैंने आपको समझाया था कि नहीं समझाया था कि यह बोलना है. जिलेवार बताना है कि कहां कितनी कम बारिश हुई है.
वहीं, वीसी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री (Ashok Gehlot) ने कहा कि प्रतापगढ़ और जैसलमेर को छोड़कर फिलहाल लगभग सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश होना चिंताजनक है. लेकिन हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह स्थिति सुधरेगी और इस बार भी मानसून अच्छा रहेगा. उन्होंने कहा कि फिर भी अनावृष्टि अथवा अतिवृष्टि जैसी स्थिति को लेकर आपदा प्रबंधन के लिए समस्त तैयारियां पूरी रखें.
जिला कलेक्टराें को पेयजल, वर्षाजनित हादसों, बाढ़ अथवा सूखे से निपटने के लिए तैयार करने के निर्देश के साथ ही आकस्मिक निधि हस्तांतरित कर दी गई है. गहलोत ने कहा कि जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हमारी पिछली सरकार के समय आवासीय एवं अन्य भवनों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाने पर जोर दिया गया था. इस काम को और अधिक गति देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के कामों को प्राथमिकता दी जा रही है और हर घर जल पहुंचाने के लिए केंद्र के साथ समन्वय किया जा रहा है.
प्रमुख सचिव आपदा प्रबंधन और राहत आनंद कुमार ने प्रदेश में वर्षा की वर्तमान स्थिति तथा बाढ़ एवं वर्षाजनित आपदाओं से बचाव की तैयारियों पर प्रस्तुतीकरण में बताया कि 25 जुलाई तक प्रदेश में सामान्य से 32 प्रतिशत कम वर्षा हुई है. हालांकि मौसम विभाग ने 26 जुलाई से 28 जुलाई तक कई जिलों में अच्छी वर्षा होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है. इससे वर्षा की औसत में सुधार आने की उम्मीद है.
उन्होंने बताया कि वर्षाजनित हादसों से बचाव के लिए प्रदेश के 25 जिलों में एसडीआरएफ और सभी जिलों में नागरिक सुरक्षा की क्यूआरटी टीमें तैनात की गई हैं. बाढ़ बचाव के लिए सभी संभागीय मुख्यालय वाले जिलों में 20-20 लाख रुपए और शेष जिलों में 10-10 लाख रुपए रिवॉल्विंग फंड के रूप में आवंटित किए गए हैं. आकाशीय बिजली जैसे हादसों में त्वरित सहायता राशि भुगतान के लिए सभी जिला कलेक्टरों को 20-20 लाख रुपए रिवॉल्विंग फंड के रूप में दिए गए हैं.
प्रमुख सचिव कृषि भास्कर ए सावंत ने राजस्थान में खरीफ सीजन की बुवाई की स्थिति पर प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया कि रविवार तक 163 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई के लक्ष्य के विरूद्ध 97 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है, जो लक्ष्य का लगभग 60 प्रतिशत है. उन्होंने बताया कि बाजरे की बुवाई का 68 प्रतिशत लक्ष्य, मूंग का 52 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया है. मूंगफली, सोयाबीन और मक्का की बुवाई की स्थिति अच्छी है. इन फसलों के लिए अब तक लक्षित क्षेत्रफल के क्रमशः 95 प्रतिशत, 82 प्रतिशत और 80 प्रतिशत क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है.
जैसलमेर और प्रतापगढ़ में सामान्य से ज्यादा बारिश
इस बार प्रदेश में सामान्य से कम बारिश हुई है. जैसलमेर और प्रतापगढ़ जिले में ही सामान्य से ज्यादा बारिश हुई, जबकि बाकी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई.
बीकानेर में 155.50 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 98.10 एमएम बारिश हुई. मतलब 14.5 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. चूरू में 147.10 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 144.41 एमएम बारिश हुई. मतलब 1.8 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. गंगानगर में 98.70 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 62.44 एमएम बारिश हुई. मतलब 36.7 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.
हनुमानगढ़ में 129.0 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 120.29 एमएम बारिश हुई. मतलब 6.8 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. जोधपुर में 121.70 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 81.77 एमएम बारिश हुई. मतलब 32.8 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. बाड़मेर में 104.80 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 81.63 एमएम बारिश हुई. मतलब 22.1 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.
जैसलमेर में 72.50 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 139.33 एमएम बारिश हुई. मतलब 92.2 प्रतिशत औसत से ज्यादा बारिश हुई. जालोर में 154.60 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 104.11 एमएम बारिश हुई. मतलब 32.7 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. पाली में 186.80 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 127.24 एमएम बारिश हुई. मतलब 31.9 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.
सिरोही में 316.70 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 169.83 एमएम बारिश हुई. मतलब 46.4 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. अजमेर में 178.00 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 113.19 एमएम बारिश हुई. मतलब 36.4 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. भीलवाड़ा में 234.30 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 109.71 एमएम बारिश हुई. मतलब 53.2 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.
नागौर में 169.90 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 77.35 एमएम बारिश हुई. मतलब 54.5 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. टोंक मे 231.70 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 97.88 एमएम बारिश हुई. मतलब 57.8 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. भरतपुर में 202.30 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 199.38 एमएम बारिश हुई. मतलब 1.4 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.
धौलपुर में 223.90 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 159.83 एमएम बारिश हुई. मतलब 28 .6 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. करौली में 229.70 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 140.63 एमएम बारिश हुई. मतलब 38.8 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. सवाईमाधोपुर में 243.20 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 224.25 एमएम बारिश हुई. मतलब 7.8 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.
जयपुर में 222.30 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 130.26 एमएम बारिश हुई. मतलब 41.4 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. अलवर में 216.70 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 189.65 एमएम बारिश हुई. मतलब 12.5 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. दौसा में 249.40 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 152.63 एमएम बारिश हुई. मलतब 38.8 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.
झुंझुनू में 181.70 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 116.25 एमएम बारिश हुई. मतलब 36.0 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. सीकर में 186.00 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 136.50 एमएम बारिश हुई. मतलब 26.6 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. कोटा में 293.40 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 168.44 एमएम बारिश हुई. मतलब 42.6 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.
बारां में 317.00 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 164.50 एमएम बारिश हुई. मतलब 48.1 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. बूंदी में 263.10 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 131.33 एमएम बारिश हुई. मतलब 50.1 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. झालावाड़ में 310.50 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 217.28 एमएम बारिश हुई. मतलब 30.0 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.
उदयपुर में 232.80 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 148.67 एमएम बारिश हुई. मतलब 36.1 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. बांसवाड़ा में 315.00 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 208.50 एमएम बारिश हुई. मतलब 33.8 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. चितौड़गढ़ में 260.20 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 192.64 एमएम बारिश हुई. मतलब 26.0 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.
डूंगरपुर में 240.60 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 153.33 एमएम बारिश हुई. मतलब 36.3 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. प्रतापगढ़ में 304.00 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 343.20 एमएम बारिश हुई. मतलब 9.9 प्रतिशत औसत से ज्यादा बारिश हुई. राजसमंद में 206.60 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 151.14 एमएम बारिश हुई. मतलब 26.8 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.