जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना कालखंड की इस अवधि में करीब 7 महीने बाद रविवार को शासन सचिवालय पहुंचे. मौका था सचिवालय कर्मचारी संघ की ओर से आयोजित स्वाधीनता दिवस समारोह का. इसमें गहलोत शामिल भी हुए और यहां ध्वजारोहण भी किया. कार्यक्रम बेहद संक्षिप्त था, लेकिन सीएम ने अब तक चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए इसमें शामिल हुए. हालांकि, पिछले लंबे अरसे से गहलोत इस प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने से परहेज रख रहे हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिवालय पहुंचकर सबसे पहले यहां स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और फिर सचिवालय में कर्मचारी संघ के कार्यक्रम में शामिल होते हुए तिरंगा झंडा फहराया. यहां तैनात पुलिस बल ने उन्हें सलामी दी. इसके बाद मुख्यमंत्री यहां मौजूद लोगों से मिले. इस दौरान सचिवालय संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को मोमेंटो भी भेंट किया और फिर सीएम यहां से चले गए.
इससे पहले 26 जनवरी को सचिवालय आए थे गहलोत
इससे पहले इस साल 26 जनवरी को गणतंत्रता दिवस के मौके पर हुए कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय आए थे. तब भी मुख्यमंत्री ने यहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया था. पिछले डेढ़ साल के दौरान देश और प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण का छाया रहा था, जिसके चलते बड़े स्तर पर यह सार्वजनिक स्तर पर कार्यक्रम नहीं हुए. साथ ही मुख्यमंत्री के स्तर पर भी कोरोना गाइडलाइन की पालना की अपील की गई. कोरोना की दूसरी लहर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी पत्नी भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं.
कोरोना प्रोटोकॉल का रखा पूरा ध्यान
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना से जुड़े प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा. कार्यक्रम में गहलोत शामिल तो हुए लेकिन सार्वजनिक मंच से संबोधन या ज्यादा समय भीड़ भाड़ में रहने से परहेज किया. संक्षिप्त कार्यक्रम के दौरान गहलोत केवल 2 मिनट सचिवालय संघ से जुड़े पदाधिकारियों के साथ रहे और फिर वहां से चले गए. हालांकि कार्यक्रम में भी इस बार सीमित संख्या में ही कर्मचारी मौजूद रहे.