ETV Bharat / city

RAS, RPS व RAC अधिकारियों के संयुक्त अधिवेशन में बोले सीएम- सुशासन देने में ब्यूरोक्रेसी का सकारात्मक सहयोग जरूरी

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि सुशासन देने में ब्यूरोक्रेसी का सकारात्मक सहयोग जरूरी (CM Ashok Gehlot on positive support of bureaucracy) है. ब्यूरोक्रेसी की जिम्मेदारी है कि आमजन के हित में फैसलें लें और योजनाओं को प्रभावी रूप से आखिरी छोर पर बैठे गरीब तक पहुंचाएं.

CM Ashok Gehlot on positive support of bureaucracy
सीएम बोले -सुशासन देने में ब्यूरोक्रेसी का सकारात्मक सहयोग जरूरी
author img

By

Published : Apr 3, 2022, 10:52 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि चाहे केन्द्र हो या राज्य सरकारें सुशासन देने के लिए ब्यूरोक्रेसी का सकारात्मक सहयोग जरूरी है. जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी दोनों ही जनता के ट्रस्टी हैं. ट्रस्टी के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि आमजन के हित में फैसले लें और योजनाओं को प्रभावी रूप से आखिरी छोर पर बैठे गरीब तक पहुंचाएं. गहलोत रविवार को आरएएस क्लब में राजस्थान प्रशासनिक, पुलिस और लेखा सेवा के अधिकारियों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे.

इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मेरा हमेशा प्रयास रहा कि आमजन के हित में फैसले लिए जाएं. इस वर्ष के बजट में इसी उद्देश्य के साथ जन कल्याणकारी प्रावधान किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 के बजट में पुरानी पेंशन योजना लागू करने का फैसला मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर लिया गया है. अपने जीवन के 30-35 साल सरकार को देने वाले सरकारी अधिकारी-कर्मचारी को अपने बुढ़ापे में किसी तरह की चिंता नहीं रहे और उसे सामाजिक सुरक्षा मिले, यह सोचकर हमने पेंशन स्कीम को प्रदेश में लागू किया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पुरानी पेंशन लागू कर दी है. इसके अलावा चार-पांच राज्य सरकारों ने एनपीएस के रिव्यू के लिए कमेटी बनाई है. कर्मचारी हित में केन्द्र सरकार को भी पुरानी पेंशन योजना को लागू करना चाहिए.

पढ़ें: कांग्रेस अधिवेशन: ब्यूरोक्रेसी पर फूटा सीएम सलाहकार राजकुमार शर्मा का गुस्सा, बोले- इतने प्रलोभन मिले कि लोग पत्नी छोड़ दें फिर भी विधायक साथ रहे

गहलोत ने कहा कि मेरे पिछले कार्यकाल में 17 साल से अटकी पड़ी आरएएस से आईएएस में प्रमोशन प्रक्रिया में आ रही अड़चनें दूर करते हुए पदोन्नति दिलाई. राज्य प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियों को सुपर टाईम स्केल एवं हायर सुपर टाईम स्केल मिले. राजस्व बोर्ड में आरएएस को सदस्य बनाया और जिलों में पहली बार आरएएस को कलेक्टर लगाया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आरएएस, आरपीएस और लेखा सेवा के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर रखी गई मांगें हमारी सरकार ने पूरी की (Gehlot government decisions for bureaucracy) हैं. आगे भी उनकी उचित मांगों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा.

पढ़ें: अनुभवी ब्यूरोक्रेसी का संकट! राजस्थान से ब्यूरोक्रेसी का मोह भंग, कई IAS दिल्ली जाने की राह पर

गहलोत ने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवाओं में उच्चत्तर वेतन श्रृंखला में जो पद रिक्त हैं, उन्हें भरने के लिए नियमों का सरलीकरण किया जाएगा. उपखंड स्तर पर एसडीएम की भूमिका को प्रभावी बनाते हुए उनके कार्यालयों में रिक्त पड़े मंत्रालयिक कर्मचारियों के पद भरे जाएंगे और उन्हें वांछित सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी सरकार का मेरुदण्ड हैं और बजट घोषणाओं को धरातल पर लाने के लिए उन्हें टीमवर्क के रूप में कार्य करना होगा. उन्होंने कलेक्टर के रूप में अपनी पोस्टिंग के दौरान आरएएस अधिकारियों द्वारा मिले सहयोग को भी याद किया.

पढ़ें: CM सलाहकार दानिश अबरार का ब्यूरोक्रेसी से नाराजगी पर गहलोत को पत्र, इस कार्यक्रम में काले झंडे दिखाने की चेतावनी...

आरएएस एसोसिएशन के निवर्तमान अध्यक्ष शाहीन अली खान ने आरएएस से आईएएस में पदोन्नति की बाधाओं को दूर करने, कैडर रिव्यू सहित राज्य प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियों को दी गई सौगातों के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और आरएएस अधिकारियों की मांगों को प्रभावी अंदाज में मुख्यमंत्री के समक्ष रखा. एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष गौरव बजाड़ ने भी कर्मचारी हित में लिए गए फैसलों के लिए आभार जताया. राजस्थान पुलिस सेवा परिषद के अध्यक्ष रघुवीर सैनी व राज्य लेखा सेवा परिषद के अध्यक्ष हृदयेश कुमार जुनेजा ने अपने-अपने कैडर को दी गई सौगातों एवं मांगों का विवरण प्रस्तुत किया. इससे पहले मुख्यमंत्री ने क्लब के स्पोर्टस् एरिया, रेस्टोरेंट सहित विभिन्न सुविधाओं का अवलोकन किया. क्लब पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को उनका क्लब सदस्यता कार्ड भी भेंट किया गया.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि चाहे केन्द्र हो या राज्य सरकारें सुशासन देने के लिए ब्यूरोक्रेसी का सकारात्मक सहयोग जरूरी है. जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी दोनों ही जनता के ट्रस्टी हैं. ट्रस्टी के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि आमजन के हित में फैसले लें और योजनाओं को प्रभावी रूप से आखिरी छोर पर बैठे गरीब तक पहुंचाएं. गहलोत रविवार को आरएएस क्लब में राजस्थान प्रशासनिक, पुलिस और लेखा सेवा के अधिकारियों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे.

इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मेरा हमेशा प्रयास रहा कि आमजन के हित में फैसले लिए जाएं. इस वर्ष के बजट में इसी उद्देश्य के साथ जन कल्याणकारी प्रावधान किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 के बजट में पुरानी पेंशन योजना लागू करने का फैसला मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर लिया गया है. अपने जीवन के 30-35 साल सरकार को देने वाले सरकारी अधिकारी-कर्मचारी को अपने बुढ़ापे में किसी तरह की चिंता नहीं रहे और उसे सामाजिक सुरक्षा मिले, यह सोचकर हमने पेंशन स्कीम को प्रदेश में लागू किया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पुरानी पेंशन लागू कर दी है. इसके अलावा चार-पांच राज्य सरकारों ने एनपीएस के रिव्यू के लिए कमेटी बनाई है. कर्मचारी हित में केन्द्र सरकार को भी पुरानी पेंशन योजना को लागू करना चाहिए.

पढ़ें: कांग्रेस अधिवेशन: ब्यूरोक्रेसी पर फूटा सीएम सलाहकार राजकुमार शर्मा का गुस्सा, बोले- इतने प्रलोभन मिले कि लोग पत्नी छोड़ दें फिर भी विधायक साथ रहे

गहलोत ने कहा कि मेरे पिछले कार्यकाल में 17 साल से अटकी पड़ी आरएएस से आईएएस में प्रमोशन प्रक्रिया में आ रही अड़चनें दूर करते हुए पदोन्नति दिलाई. राज्य प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियों को सुपर टाईम स्केल एवं हायर सुपर टाईम स्केल मिले. राजस्व बोर्ड में आरएएस को सदस्य बनाया और जिलों में पहली बार आरएएस को कलेक्टर लगाया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आरएएस, आरपीएस और लेखा सेवा के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर रखी गई मांगें हमारी सरकार ने पूरी की (Gehlot government decisions for bureaucracy) हैं. आगे भी उनकी उचित मांगों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा.

पढ़ें: अनुभवी ब्यूरोक्रेसी का संकट! राजस्थान से ब्यूरोक्रेसी का मोह भंग, कई IAS दिल्ली जाने की राह पर

गहलोत ने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवाओं में उच्चत्तर वेतन श्रृंखला में जो पद रिक्त हैं, उन्हें भरने के लिए नियमों का सरलीकरण किया जाएगा. उपखंड स्तर पर एसडीएम की भूमिका को प्रभावी बनाते हुए उनके कार्यालयों में रिक्त पड़े मंत्रालयिक कर्मचारियों के पद भरे जाएंगे और उन्हें वांछित सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी सरकार का मेरुदण्ड हैं और बजट घोषणाओं को धरातल पर लाने के लिए उन्हें टीमवर्क के रूप में कार्य करना होगा. उन्होंने कलेक्टर के रूप में अपनी पोस्टिंग के दौरान आरएएस अधिकारियों द्वारा मिले सहयोग को भी याद किया.

पढ़ें: CM सलाहकार दानिश अबरार का ब्यूरोक्रेसी से नाराजगी पर गहलोत को पत्र, इस कार्यक्रम में काले झंडे दिखाने की चेतावनी...

आरएएस एसोसिएशन के निवर्तमान अध्यक्ष शाहीन अली खान ने आरएएस से आईएएस में पदोन्नति की बाधाओं को दूर करने, कैडर रिव्यू सहित राज्य प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियों को दी गई सौगातों के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और आरएएस अधिकारियों की मांगों को प्रभावी अंदाज में मुख्यमंत्री के समक्ष रखा. एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष गौरव बजाड़ ने भी कर्मचारी हित में लिए गए फैसलों के लिए आभार जताया. राजस्थान पुलिस सेवा परिषद के अध्यक्ष रघुवीर सैनी व राज्य लेखा सेवा परिषद के अध्यक्ष हृदयेश कुमार जुनेजा ने अपने-अपने कैडर को दी गई सौगातों एवं मांगों का विवरण प्रस्तुत किया. इससे पहले मुख्यमंत्री ने क्लब के स्पोर्टस् एरिया, रेस्टोरेंट सहित विभिन्न सुविधाओं का अवलोकन किया. क्लब पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को उनका क्लब सदस्यता कार्ड भी भेंट किया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.