जयपुर. सीएम गहलोत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक (Jal Jeevan Mission Review Meeting) की. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मिशन के तहत प्रदेश में अब तक 52 हजार 647 करोड़ रूपए की स्वीकृतियां जारी होना अच्छा संकेत है. इसमें 8 हजार 20 एकल जल प्रदाय परियोजनाएं और 120 वृहद् परियोजनाएं शामिल हैं.
CM ने दिए टाइमलाइन के अनुरूप पूरा करने के निर्देश : सीएम गहलोत ने कहा कि अधिकारी इन परियोजनाओं का कार्य निर्धारित टाइमलाइन के अनुरूप पूरा करना सुनिश्चित करें. आमतौर पर देखा जाता है कि पेयजल से जुड़ी परियोजनाओं में विलम्ब के कारण संबंधित क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलने में देरी होती है. साथ ही, योजनाओं की लागत भी बढ़ जाती है. अधिकारी यह ध्यान रखें कि जल जीवन मिशन से जुड़ी परियोजनाओं में किसी तरह की देरी ना हो. साथ ही उन्होने कहा कि इन परियोजनाओं में कार्य भी गुणवत्तापूर्ण हो, इसके लिए प्रभावी कार्ययोजना के साथ काम किया जाए और कार्याें की निरंतर मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाए.
लागत को कम करने का प्रयास करें अधिकारी
गहलोत ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक स्थितियां विषम होने के कारण यहां परियोजनाओं की लागत अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक आती है, लेकिन अधिकारी उचित प्रबंधन कर इस लागत को कम करने का भी प्रयास करें. जल जीवन मिशन में राज्य की बराबर की हिस्सेदारी है और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार आमजन के हित में एक बड़ा खर्च कर रही है. ऐसे में योजना में किसी तरह की ढिलाई नहीं रहे और धरातल पर इसके सार्थक परिणाम दिखने चाहिए.
राजस्थान की समस्या से केंद्र को अवगत कराने के आदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में प्रति हाउसहोल्ड कनेक्शन पर 50 हजार रूपए से ज्यादा का खर्च आता है, जबकि उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में यह खर्च करीब 30 हजार रुपए के आसपास है. उन्होंने निर्देश दिए कि इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को फिर पत्र लिखकर राजस्थान की समस्या से अवगत कराया जाए.