जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को मेडिकल ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने को लेकर योजनाबद्ध रूप से काम कर रही है. सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार को वर्चुअली जोधपुर में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े करीब 39 करोड़ रूपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने करीब 33 करोड़ रूपए की लागत के 13 कार्यों का लोकार्पण और 6 करोड़ रूपए की लागत के दो कार्यों का शिलान्यास किया.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के समय राजस्थान ने जिस प्रकार का कोरोना प्रबंधन किया उसकी सराहना पूरे देश में हुई है. चाहे वह सघन कांटेक्ट ट्रेसिंग का भीलवाड़ा मॉडल हो, सामाजिक जागरूकता के लिए नो मास्क-नो एंट्री अभियान हो, कोई भूखा न सोए के संकल्प को साकार करने के लिए सूखे राशन और भोजन सामग्री के पैकेट वितरण का कार्य हो या गांव-ढाणी तक बसे 16 लाख परिवारों तक दवा किट पहुंचाने का सफल अभियान हमने कहीं कोई कमी नहीं रखी.
गहलोत ने कहा कि हमारा प्रयास है कि राज्य के सभी जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज खुलें. अब सिर्फ जालोर, राजसमंद और प्रतापगढ़ ही ऐसे जिले हैं, जहां राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति नहीं मिल पाई है. हमारी कोशिश रहेगी कि इन जिलों में भी सरकारी मेडिकल कॉलेज मंजूर हों. मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर के बाद जोधपुर राजस्थान का सबसे बड़ा शहर है, लेकिन दुर्भाग्य से इसे स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल नहीं किया गया. जयपुर, उदयपुर और प्रदेश के अन्य शहरों की तरह जोधपुर को भी स्मार्ट सिटी के रूप में शामिल कर लिया जाता, तो उससे विकास के कई कार्यों को और भी गति मिल सकती थी.
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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 400 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की योजना पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है. इसके साथ ही नवजात गहन चिकित्सा इकाई (नीकू), शिशु गहन चिकित्सा इकाई (पीकू), कमजोर और कुपोषित नवजातों के उपचार के लिए स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को इस प्रकार तैयार किया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से मुकाबले के लिए हमारी तैयारियां पूरी रहें.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब-जब भी प्रदेश की बागडोर संभाली है, तब-तब प्रदेश के मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के ऐतिहासिक फैसले लिए हैं. चाहे वह मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना हो, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना हो, निरोगी राजस्थान हो या मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना. जोधपुर जिले के प्रभारी और विधानसभा में उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ राज्य सरकार के कुशल प्रबंधन और सभी वर्गों को साथ लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से जनहित में किए जा रहे फैसलों की देशभर में सराहना हो रही है.
इन कार्यों का किया लोकार्पणः
- महात्मा गांधी चिकित्सालय, जोधपुर में नवीन ओपीडी एवं इमरजेंसी ब्लॉक (1582.75 लाख रु)
- मथुरादास माथुर अस्पताल, जोधपुर में पीडियाट्रिक कैथ लैब (राशि 500 लाख)
- जिला अस्पताल पावटा में विधायक कोष से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट (49 लाख)
- शिवराम नत्थुजी टाक जिला चिकित्सालय मंडोर में विधायक कोष से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट (49 लाख)
- राज्य सरकार से प्राप्त एएलएस एम्बुलेंस का लोकार्पण (100 लाख)
- महात्मा गांधी अस्पताल में विभिन्न भामाशाहों द्वारा करवाये गये कार्य (277 लाख)
- आईडी (संक्रामक रोग) सेंटर में भामाशाह द्वारा स्थापित ऑक्सीजन प्लांट (26 लाख)
- जिला अस्पताल फलोदी में भामाशाह द्वारा स्थापित ऑक्सीजन प्लांट (47.20 लाख)
- सीएचसी लूणी में भामाशाह द्वारा स्थापित ऑक्सीजन प्लांट (47.20 लाख)
- सीएचसी, बाप में भामाशाह द्वारा स्थापित ऑक्सीजन प्लांट (19.90 लाख)
- पीएचसी खेडापा (खंड बावडी) का भवन (185 लाख)
- पीएचसी, बिराई (खंड बावडी) का भवन (185 लाख)
- सीएचसी बिलाडा में आवासीय भवन (185 लाख)
इन कार्यों का शिलान्यासः
- सीएचसी केलनसर का निर्माण कार्य (400 लाख)
- पीएचसी, बारनीखुर्द का निर्माण कार्य (185 लाख)