ETV Bharat / city

जल जीवन मिशन राजस्थान के लिए वरदान साबित हो सकता है, क्रियान्विति में तेजी लाएं : CM गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि जल जीवन मिशन एक महतवाकांक्षी परियोजना है. इसलिए इसकी आयोजना और क्रियान्विति में अधिक सतर्कता बरतने और गति लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यदि हम हर घर में नल से पेयजल उपलब्ध कराने के लक्ष्य को हासिल कर लें तो यह मिशन प्रदेश के लिए वरदान सिद्ध हो सकता है. उन्होंने राज्य की पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं में मिशन के फंड का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

jal jeevan mission rajasthan
पेयजल की स्थिति पर चर्चा
author img

By

Published : Apr 13, 2021, 6:50 AM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर जल जीवन मिशन की तैयारियों पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, जल संसाधन, पंचायती राज आदि विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मिशन के तहत योजनाओं की प्लानिंग इस तरह से की जाए कि जिन स्थानों पर जल स्रोत उपलब्ध हैं. वहां के निवासियों को जल्द से जल्द मिशन का लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए छोटे बांधों, एनीकट, जलग्रहण संरचनाओं आदि की उपयोगिता पर विचार किया जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में सतही पानी बहुत कम है, जबकि मिशन में अधिकतर परियोजनाएं सतही पानी से ही संचालित होंगी. ऐसे में केन्द्र सरकार को प्रदेश की विशेष परिस्थितियों के दृष्टिगत मिशन के सफल क्रियान्वयन हेतु आवश्यक सहयोग प्रदान करने पर विचार करना चाहिए. उन्होंने महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों में जल मिशन के साथ-साथ तथा जलग्रहण संरचनाओं के निर्माण को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया. जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने प्रदेश में जल जीवन मिशन की आयोजना, लक्ष्यों, स्वीकृतियों तथा क्रियान्विति की स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया. उन्होंने बताया कि मिशन के तहत प्रदेश के कुल 1.01 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल से पेयजल कनेक्शन देने का लक्ष्य है. बीते वित्तीय वर्ष में 6.81 लाख कनेक्शन दिए जा चुके हैं तथा चालू वित्तीय वर्ष में 30 लाख घरों को पेयजल कनेक्शन का लक्ष्य रखा गया है. जिनमें से 18 लाख कनेक्शन वृहद (सतही जल) परियोजनाओं और 12 लाख कनेक्शन अन्य (भूमिगत जल) परियोजनाओं के जरिए दिए जाएंगे.

पढ़ें : उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने डोटासरा पर साधा निशाना, कहा-अब की बार मिनी बस जितने MLA भी नहीं आएंगे

पंत ने बताया कि विभाग ने मिशन के तहत वर्ष 2023-24 तक सभी ग्रामीण परिवारों को पेयजल कनेक्शन देने की योजना तैयार की है, जिसे चरणबद्ध रूप से केन्द्र सरकार की स्वीकृति लेकर क्रियान्वित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी तक 100 वृहद परियोजनाओं और 5,494 अन्य परियोजनाओं के माध्यम से कुल 63.28 लाख पेयजल कनेक्शन की स्वीकृतियां केन्द्र सरकार से प्राप्त की जा चुकी हैं. इन स्वीकृतियों में सभी जिलों की पर्याप्त हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है. शेष योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार के साथ अगली बैठक 27 अप्रेल को प्रस्तावित है.

प्रदेश की पेयजल आवश्यकताओं के लिए दीर्घकालिक तैयारी करें...

इस बैठक से पूर्व सोमवार दोपहर मुख्यमंत्री निवास पर हुई एक अन्य बैठक में गहलोत ने अधिकारियों को चम्बल एवं इसके बेसिन की पार्वती, कालीसिंध सहित प्रदेश की अन्य नदियों के मानसून में व्यर्थ बहने वाले पानी के उपयोग की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जल संसाधन एवं जलदाय विभाग प्रदेश की भावी जल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए इस पानी के सदुपयोग की योजना बनाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की दीर्घकालीन पेयजल एवं सिंचाई जरूरतों का आंकलन करते हुए वृहद, मध्यम एवं लघु बांध परियोजनाएं तैयार की जाएं. उन्होंने दौसा तथा सवाई माधोपुर जिलों में पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए ईसरदा बांध के साथ-साथ कोटा के नवनेरा बांध के निर्माण कार्य को गति देने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई और पेयजल जरूरतों के लिए उपलब्ध पानी की बूंद-बूंद का सदुपयोग करने की आवश्यकता है. इस उद्देश्य से किसानों को कम पानी में तैयार होने वाली फसलों के उपयोग तथा ड्रिप एवं स्प्रिंकलर से सिंचाई करने के लिए जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा पंप लगाने के लिए किसान अधिक से अधिक प्रोत्साहित हों. इसके लिए प्रदेश में कुसुम योजना को बड़े अभियान के रूप में संचालित किया जाए. अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने ईसरदा बांध से दौसा पेयजल परियोजना के प्रस्तुतीकरण में बताया कि इस प्रस्तावित परियोजना के पहले चरण में दौसा जिले के 5 कस्बों एवं 1079 गांवों तथा सवाई माधोपुर जिले के बौंली कस्बे तथा 177 गांवों को जलापूर्ति की योजना तैयार की गई है.

पढ़ें : जयपुर एसीबी की कार्रवाई, 90 हजार की रिश्वत लेते AFO और उसका ड्राइवर गिरफ्तार

जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव नवीन महाजन ने बीसलपुर बांध में जल की उपलब्धता सहित अन्य मुददों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया. उन्होंने बताया कि ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट के घटक के रूप में मुख्यमंत्री ने इस वर्ष बजट में कालीसिंध नदी पर निर्माणाधीन नवनेरा बैराज से जल अपवर्तन करते हुए नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक योजना का कार्य प्रारंभ करने की घोषणा की थी. जिससे बीसलपुर बांध को नवनेरा बांध से अतिरिक्त 7.71 टीएमसी पानी का आवंटित किया जाना प्रस्तावित है. इन बैठकों में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, प्रमुख सचिव ऊर्जा दिनेश कुमार, शासन सचिव पंचायती राज मंजू राजपाल, जल संसाधन एवं पेयजल विभागों के मुख्य अभियंताओं सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर जल जीवन मिशन की तैयारियों पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, जल संसाधन, पंचायती राज आदि विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मिशन के तहत योजनाओं की प्लानिंग इस तरह से की जाए कि जिन स्थानों पर जल स्रोत उपलब्ध हैं. वहां के निवासियों को जल्द से जल्द मिशन का लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए छोटे बांधों, एनीकट, जलग्रहण संरचनाओं आदि की उपयोगिता पर विचार किया जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में सतही पानी बहुत कम है, जबकि मिशन में अधिकतर परियोजनाएं सतही पानी से ही संचालित होंगी. ऐसे में केन्द्र सरकार को प्रदेश की विशेष परिस्थितियों के दृष्टिगत मिशन के सफल क्रियान्वयन हेतु आवश्यक सहयोग प्रदान करने पर विचार करना चाहिए. उन्होंने महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों में जल मिशन के साथ-साथ तथा जलग्रहण संरचनाओं के निर्माण को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया. जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने प्रदेश में जल जीवन मिशन की आयोजना, लक्ष्यों, स्वीकृतियों तथा क्रियान्विति की स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया. उन्होंने बताया कि मिशन के तहत प्रदेश के कुल 1.01 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल से पेयजल कनेक्शन देने का लक्ष्य है. बीते वित्तीय वर्ष में 6.81 लाख कनेक्शन दिए जा चुके हैं तथा चालू वित्तीय वर्ष में 30 लाख घरों को पेयजल कनेक्शन का लक्ष्य रखा गया है. जिनमें से 18 लाख कनेक्शन वृहद (सतही जल) परियोजनाओं और 12 लाख कनेक्शन अन्य (भूमिगत जल) परियोजनाओं के जरिए दिए जाएंगे.

पढ़ें : उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने डोटासरा पर साधा निशाना, कहा-अब की बार मिनी बस जितने MLA भी नहीं आएंगे

पंत ने बताया कि विभाग ने मिशन के तहत वर्ष 2023-24 तक सभी ग्रामीण परिवारों को पेयजल कनेक्शन देने की योजना तैयार की है, जिसे चरणबद्ध रूप से केन्द्र सरकार की स्वीकृति लेकर क्रियान्वित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी तक 100 वृहद परियोजनाओं और 5,494 अन्य परियोजनाओं के माध्यम से कुल 63.28 लाख पेयजल कनेक्शन की स्वीकृतियां केन्द्र सरकार से प्राप्त की जा चुकी हैं. इन स्वीकृतियों में सभी जिलों की पर्याप्त हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है. शेष योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार के साथ अगली बैठक 27 अप्रेल को प्रस्तावित है.

प्रदेश की पेयजल आवश्यकताओं के लिए दीर्घकालिक तैयारी करें...

इस बैठक से पूर्व सोमवार दोपहर मुख्यमंत्री निवास पर हुई एक अन्य बैठक में गहलोत ने अधिकारियों को चम्बल एवं इसके बेसिन की पार्वती, कालीसिंध सहित प्रदेश की अन्य नदियों के मानसून में व्यर्थ बहने वाले पानी के उपयोग की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जल संसाधन एवं जलदाय विभाग प्रदेश की भावी जल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए इस पानी के सदुपयोग की योजना बनाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की दीर्घकालीन पेयजल एवं सिंचाई जरूरतों का आंकलन करते हुए वृहद, मध्यम एवं लघु बांध परियोजनाएं तैयार की जाएं. उन्होंने दौसा तथा सवाई माधोपुर जिलों में पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए ईसरदा बांध के साथ-साथ कोटा के नवनेरा बांध के निर्माण कार्य को गति देने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई और पेयजल जरूरतों के लिए उपलब्ध पानी की बूंद-बूंद का सदुपयोग करने की आवश्यकता है. इस उद्देश्य से किसानों को कम पानी में तैयार होने वाली फसलों के उपयोग तथा ड्रिप एवं स्प्रिंकलर से सिंचाई करने के लिए जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा पंप लगाने के लिए किसान अधिक से अधिक प्रोत्साहित हों. इसके लिए प्रदेश में कुसुम योजना को बड़े अभियान के रूप में संचालित किया जाए. अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने ईसरदा बांध से दौसा पेयजल परियोजना के प्रस्तुतीकरण में बताया कि इस प्रस्तावित परियोजना के पहले चरण में दौसा जिले के 5 कस्बों एवं 1079 गांवों तथा सवाई माधोपुर जिले के बौंली कस्बे तथा 177 गांवों को जलापूर्ति की योजना तैयार की गई है.

पढ़ें : जयपुर एसीबी की कार्रवाई, 90 हजार की रिश्वत लेते AFO और उसका ड्राइवर गिरफ्तार

जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव नवीन महाजन ने बीसलपुर बांध में जल की उपलब्धता सहित अन्य मुददों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया. उन्होंने बताया कि ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट के घटक के रूप में मुख्यमंत्री ने इस वर्ष बजट में कालीसिंध नदी पर निर्माणाधीन नवनेरा बैराज से जल अपवर्तन करते हुए नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक योजना का कार्य प्रारंभ करने की घोषणा की थी. जिससे बीसलपुर बांध को नवनेरा बांध से अतिरिक्त 7.71 टीएमसी पानी का आवंटित किया जाना प्रस्तावित है. इन बैठकों में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, प्रमुख सचिव ऊर्जा दिनेश कुमार, शासन सचिव पंचायती राज मंजू राजपाल, जल संसाधन एवं पेयजल विभागों के मुख्य अभियंताओं सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.