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CM गहलोत की अपील: राम मंदिर पर SC का फैसला सर्वोपरि माना जाए, किसी के बहकावे में नहीं आए जनता

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Published : Nov 7, 2019, 5:41 PM IST

अयोध्या राम जन्मभूमी और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसी भी दिन आ सकता है. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी एडवाइजरी के पालन में राज्य सरकारें अपनी जनता से सद्भाव बनाए रखने की अपील कर रही हैं.

अयोध्या राम जन्मभूमी और बाबरी मस्जिद विवाद, SC's decision on Ram temple

जयपुर. अयोध्या में राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला कभी भी आ सकता है. ऐसे में कानून व्यवस्था को लेकर सभी राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. प्रदेश में संभावित फैसले से किसी प्रकार की कोई कानून व्यवस्था नहीं बिगड़े इसको लेकर सीएम अशोक गहलोत गंभीर हैं.

राम मंदिर पर न्यायपालिका का फैसला होता है सर्वोपरि : अशोक गहलोत

सीएम ने बुधवार को गृह विभाग की समीक्षा बैठक की तो वहीं गुरुवार को कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस के माध्यम से कानून व्यवस्था का जायजा लिए. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का फैसला सर्वोपरि होता है. जनता को लोगों के बहकावे में नहीं आकर फैसले का स्वागत करना चाहिए. सीएम ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ये सुनिश्चित हो कि प्रदेश में भाईचारा और सद्भाव बना रहे.

पढ़ेंः अयोध्या : केंद्र ने उप्र सरकार को जारी किए सुरक्षा संबंधी निर्देश

सीएम ने कहा कि मुझे उम्मीद है, सभी वर्ग और समुदाय के लोग समझदार हैं, बाकी पुलिस की ड्रिल चल रही है और चलती रहेगी. ऐसी कोई बात नहीं है, जिससे तनाव पैदा होगा. सीएम ने कहा की गृह विभाग की सोशल मीडिया पर भी पूरी नजर रहेगी ताकि कोई भड़काऊ बात नहीं कहे जिससे तनाव की स्थिति पैदा हो. उन्होंने कहा कि अयोध्या का मामला 25 से 30 साल से चल रहा है, इसलिए देश की जनता की चिंता करनी चाहिए.

पढ़ेंः 'जरा हाथ देखकर बताइए', टिकट मिलेगा?...निकाय चुनाव से पहले प्रत्याशी पूछ रहे भविष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी आपसी समन्वय बनाए रखें. समाज के प्रतिष्ठित लोगों धार्मिक संगठनों तथा शांति समितियों के संपर्क में रहकर और उन्हें विश्वास में लेकर सामाजिक सद्भाव और भाईचारा बनाए रखें.

जयपुर. अयोध्या में राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला कभी भी आ सकता है. ऐसे में कानून व्यवस्था को लेकर सभी राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. प्रदेश में संभावित फैसले से किसी प्रकार की कोई कानून व्यवस्था नहीं बिगड़े इसको लेकर सीएम अशोक गहलोत गंभीर हैं.

राम मंदिर पर न्यायपालिका का फैसला होता है सर्वोपरि : अशोक गहलोत

सीएम ने बुधवार को गृह विभाग की समीक्षा बैठक की तो वहीं गुरुवार को कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस के माध्यम से कानून व्यवस्था का जायजा लिए. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का फैसला सर्वोपरि होता है. जनता को लोगों के बहकावे में नहीं आकर फैसले का स्वागत करना चाहिए. सीएम ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ये सुनिश्चित हो कि प्रदेश में भाईचारा और सद्भाव बना रहे.

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सीएम ने कहा कि मुझे उम्मीद है, सभी वर्ग और समुदाय के लोग समझदार हैं, बाकी पुलिस की ड्रिल चल रही है और चलती रहेगी. ऐसी कोई बात नहीं है, जिससे तनाव पैदा होगा. सीएम ने कहा की गृह विभाग की सोशल मीडिया पर भी पूरी नजर रहेगी ताकि कोई भड़काऊ बात नहीं कहे जिससे तनाव की स्थिति पैदा हो. उन्होंने कहा कि अयोध्या का मामला 25 से 30 साल से चल रहा है, इसलिए देश की जनता की चिंता करनी चाहिए.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी आपसी समन्वय बनाए रखें. समाज के प्रतिष्ठित लोगों धार्मिक संगठनों तथा शांति समितियों के संपर्क में रहकर और उन्हें विश्वास में लेकर सामाजिक सद्भाव और भाईचारा बनाए रखें.

Intro:जयपुर- अयोध्या में राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला कभी भी आ सकता है। ऐसे में कानून व्यवस्था को लेकर सभी राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रदेश में संभावित फैसले से किसी प्रकार की कोई कानून व्यवस्था नहीं बिगड़े इसको लेकर सीएम अशोक गहलोत गंभीर है। सीएम ने बुधवार को गृह विभाग की समीक्षा बैठक की तो वही आज कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस के माध्यम से कानून व्यवस्था का जायजा लिया।


Body:वहीं सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि न्यायपालिका का फैसला सर्वोपरि होता है। जनता को लोगों के बहकावे में नहीं आकर फैसले का स्वागत करना चाहिए। सीएम ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ये सुनिश्चित हो कि प्रदेश में भाईचारा और सद्भाव बना रहे। मुझे उम्मीद है सभी वर्ग और समुदाय के लोग समझदार है, बाकी पुलिस की ड्रिल चल रही है और चलती रहेगी। ऐसी कोई बात नहीं है जिससे तनाव पैदा होगा। सीएम ने कहा की गृह विभाग की सोशल मीडिया पर भी पूरी नजर रहेगी ताकि कोई भड़काऊ बात नहीं कहे जैसे तनाव की स्थिति पैदा हो सके। उन्होंने कहा कि अयोध्या का मामला 25 से 30 साल से चल रहा है इसलिए देश की जनता की चिंता करनी चाहिए।

सभी जिलों में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी आपसी समन्वय बनाए रखें और समाज के प्रतिष्ठित लोगों धार्मिक संगठनों तथा शांति समितियों के संपर्क में रहकर और उन्हें विश्वास में लेकर सामाजिक सद्भाव और भाईचारा बनाए रखें।

बाईट- अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री



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