जयपुर. हेरिटेज निगम के सामने चुनौती बढ़ने वाली है. यूनेस्को टीम फिलहाल जयपुर में है और लगातार क्षेत्र में दौरा करते हुए रिपोर्ट तैयार कर रही है, तो वहीं अगले सप्ताह स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम भी जयपुर पहुंचने वाली (Cleanliness Survey Team to visit Jaipur) है. लेकिन अधूरी तैयारियों के चलते रैंक सुधरने की उम्मीद कम दिख रही है.
इसे लेकर मुख्य सचिव और फिर एलएसजी सचिव ने भी लताड़ लगाई थी. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी अब फील्ड में दौड़ लगा रहे हैं. लेकिन सफाई कर्मचारियों का उन्हें सपोर्ट नहीं मिल पा रहा है. सोमवार को महापौर की ओर से 2 वार्डों में किए गए सफाई व्यवस्था के निरीक्षण के दौरान भी आदर्श नगर जोन के एक वार्ड में आधे सफाई कर्मचारी नदारद मिले. स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 शुरू हो चुका है. केंद्र की टीमें विभिन्न शहरों में जाकर स्वच्छता का आंकलन कर रही हैं. जल्द ही जयपुर में भी स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम आएगी. ये अभियान 15 अप्रैल तक चलना है. ऐसे में अगले सप्ताह तक टीम के जयपुर आने की संभावना है.
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हालांकि, सर्वेक्षण के हिसाब से जयपुर की तैयारी अधूरी नजर आ रही है. दोनों महापौर अपने-अपने क्षेत्र में सफाई व्यवस्था का जायजा लेते हुए सघन दौरा जरूर कर रहे हैं. सोमवार को हेरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर ने वार्ड 19 और 78 में निरीक्षण करते हुए सफाई निरीक्षकों और सफाई कर्मचारियों को सड़क और नालियों की सफाई नहीं होने पर फटकार लगाते हुए कहा कि सफाई व्यवस्था में किसी तरह की कोताई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने मौके पर ही सफाई निरीक्षक को निर्देश दिए कि आज ही सभी नालियों की सफाई होनी चाहिए, नहीं तो चार्जशीट मिलेगी. प्रत्येक वार्ड में सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति रहे और समय पर घर-घर हूपर पहुंचे.
महापौर मुनेश गुर्जर ने वार्डवासियों से अपील की है कि अपने घर का कचरा सड़कों और नालियों की जगह हूपरों में डालें. इस दौरान उन्होंने हूपर चालकों को निर्धारित रूटचार्ट के अनुसार घर-घर कचरा उठाने, अधीशाषी अभियंता को टूटी नालियों को ठीक कराने और नालियों के फेरो कवर बदलने के निर्देश दिए. मेयर ने बड़े नाले पर बनाई गई सीसी सड़क की घटिया गुणवत्ता पर नाराजगी जताते हुए भुगतान नहीं करने के निर्देश दिए. वहीं आदर्श नगर जोन में गलता गेट पर स्थित वार्ड 78 का दौरा करने पर 24 में से 12 कर्मचारी अनुपस्थित पाये गए. ऐसे में महापौर ने सफाई कर्मचारियों की मौके पर हाजरी रजिस्टर में अनुपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए. साथ ही स्वास्थ निरीक्षक को सफाई कार्य कराने में लापरवाही करने पर चार्जशीट जारी करने के निर्देश दिए.
ये है सर्वेक्षण का गणित :
- सर्विस लेवल प्रोग्रेस - 3000 अंक
- गीला-सूखा कचरा उठाने की व्यवस्था - 900 अंक
- कचरा प्रोसेसिंग और डिस्पोजल - 1200 अंक
- सस्टेनेबल सेनिटेशन - 900 अंक
- सिटीजन वॉयस - 2250 अंक
- सर्टिफिकेशन - 2250 अंक
- स्टार सिटी रेटिंग - 1250 अंक
- ओडीएफ स्टेटस - 1000 अंक
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जयपुर हेरिटेज नगर निगम अपने स्तर पर सफाई व्यवस्था जरूर कर रहा है, लेकिन यहां कचरे को सेग्रीगेट करना तो दूर की बात, हूपर तक समय पर नहीं पहुंच रहे हैं. आलम ये है कि यूनेस्को टीम की विजिट के दौरान ही आगे-आगे हूपर पर लगे सफाई कर्मचारी रोड से कचरा उठा रहे थे. ये नजारा जयपुर की स्वच्छ छवि पर बट्टा लगा रहा था. बहरहाल, 2021 में हुए सर्वे में जयपुर नगर निगम हेरिटेज ने 32वीं और नगर निगम ग्रेटर ने 36वीं रैंकिंग हासिल की थी. हालांकि इस बार की तैयारियां जयपुर को क्या रैंक दिलाएगी, ये भविष्य के गर्भ में छुपा है.