जयपुर. 4 साल पहले शुरू हुए अमानीशाह नाले को दोबारा द्रव्यवती नदी बनाने का सफर आज तक पूरा नहीं हुआ. आलम ये है की सीवरेज के पानी को ट्रीट करके नदी में डालने का काम तो दूर की बात, अब नदी की स्थिति नाले से भी बदतर होती जा रही है. देखरेख के अभाव में शहर की सबसे बड़े प्रोजेक्ट की दुर्गति हो रही है. हालांकि ईटीवी भारत की ओर से खबर प्रसारित होने के बाद जेडीए ने द्रव्यवती नदी की सुध लेते हुए, संबंधित कंपनी से यहां सफाई कार्य शुरू करवाया है.
पूर्व की बीजेपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट द्रव्यवती नदी का काफी काम अभी भी बाकी है. तो वहीं इस लॉकडाउन में इसका साज संभाल भी होना बंद हो गया. यही वजह है कि आज द्रव्यवती नदी में भारी मात्रा में कचरा और काई जमा हो गई है. ईटीवी भारत ने द्रव्यवती नदी के कई मुहानों पर मौजूद कचरा और काई की तस्वीरों को प्रशासन के सामने रखा.
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जिस पर संज्ञान लेते हुए अब जेडीए प्रशासन ने टाटा कंपनी के जरिए यहां सफाई का कार्य शुरू किया है. ट्रैश स्कीमर मशीन से यहां कचरे और काई को बाहर निकाला जा रहा है. दरअसल, 47 किलोमीटर लंबी इस द्रव्यवती नदी में कुल 5 एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं. लेकिन आज तक एसटीपी प्लांट से नालों को जोड़ने का काम पूरा नहीं हो पाया है. यही वजह है कि नदी में आज भी सीवरेज का गंदा पानी आ रहा है.
द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट के रखरखाव का जिम्मा टाटा कंपनी के पास है. ऐसे में जेडीए से लगी फटकार के बाद कंपनी ने अब सफाई का कार्य तो शुरू किया है. लेकिन जरूरत है, इसमें नियमितता रहे. अन्यथा द्रव्यवती नदी बीमारियों को न्योता देती नजर आएगी.