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जयपुर: 150 करोड़ बकाया भुगतान को लेकर सिविल ठेकेदारों ने निगम प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा - Jaipur Municipal Corporation News

नगर निगम के सिविल ठेकेदारों ने शुक्रवार को निगम के मुखिया कमिश्नर विजयपाल सिंह पर चहेते ठेकेदारों को आउट ऑफ वे जाकर भुगतान करने के आरोप लगाए. वहीं, अपने बकाया बिलों का भुगतान नहीं मिलने से नाराज ठेकेदारों ने निगम मुख्यालय में जमकर हंगामा किया और हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी.

ठेकेदार प्रदर्शन न्यूज, Contractor Demonstration News
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Published : Sep 27, 2019, 9:45 PM IST

जयपुर. प्रदेश की राजधानी में नगर निगम के सिविल ठेकेदारों ने शुक्रवार को निगम के मुखिया कमिश्नर विजयपाल सिंह पर चहेते ठेकेदारों को आउट ऑफ वे जाकर भुगतान करने के आरोप लगाए. वहीं, अपने बकाया बिलों का भुगतान नहीं मिलने से नाराज ठेकेदारों ने निगम मुख्यालय में जमकर हंगामा किया और हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी.

सिविल ठेकेदारों ने निगम प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

बता दें कि निगम की ओर से सड़क, उद्यान और दूसरे विकास कार्यों का लगातार उद्घाटन और शिलान्यास किया जा रहा है. लेकिन निगम के ठेकेदारों का आरोप है कि उनका बीते 11 महीने से करीब 150 करोड़ का भुगतान नहीं किया गया है. इसीलिए निगम के सिविल ठेकेदारों ने शुक्रवार को निगम परिसर में जमकर हंगामा किया.

पढ़ें- जयपुरः ट्रैफिक पुलिस की बड़ी कार्रवाई...स्पीड गवर्नर नहीं लगे होने पर 142 बसों के काटे चालान

ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि निगम प्रशासन रुडिस्को, एमपी व एमएलए और स्वच्छ भारत अभियान के तहत आए पैसे को भी अटकाए हुए है और महज 3-4 चहेते ठेकेदारों को भुगतान किया जा रहा है. वहीं, हंगामे को शांत करने के लिए निगम की विजिलेंस टीम ने हल्का बल प्रयोग करते हुए ठेकेदारों को बाहर खदेड़ा. वहीं मेयर विष्णु लाटा ने भी ठेकेदारों के प्रदर्शन और हड़ताल पर जाने की चेतावनी को नजरअंदाज किया.

मेयर विष्णु लाटा ने कहा कि 2017 से अक्टूबर 2018 तक ठेकेदारों का पुराना भुगतान किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि निगम में काफी समय से व्यवस्थाएं बेपटरी थी, जिन्हें सुधारा जा रहा है. मेयर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने जब पदभार संभाला था तब 122 करोड़ का भुगतान लंबित था. लेकिन उनके कार्यकाल में किसी का भी बिल का भुगतान बकाया नहीं है.

जयपुर. प्रदेश की राजधानी में नगर निगम के सिविल ठेकेदारों ने शुक्रवार को निगम के मुखिया कमिश्नर विजयपाल सिंह पर चहेते ठेकेदारों को आउट ऑफ वे जाकर भुगतान करने के आरोप लगाए. वहीं, अपने बकाया बिलों का भुगतान नहीं मिलने से नाराज ठेकेदारों ने निगम मुख्यालय में जमकर हंगामा किया और हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी.

सिविल ठेकेदारों ने निगम प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

बता दें कि निगम की ओर से सड़क, उद्यान और दूसरे विकास कार्यों का लगातार उद्घाटन और शिलान्यास किया जा रहा है. लेकिन निगम के ठेकेदारों का आरोप है कि उनका बीते 11 महीने से करीब 150 करोड़ का भुगतान नहीं किया गया है. इसीलिए निगम के सिविल ठेकेदारों ने शुक्रवार को निगम परिसर में जमकर हंगामा किया.

पढ़ें- जयपुरः ट्रैफिक पुलिस की बड़ी कार्रवाई...स्पीड गवर्नर नहीं लगे होने पर 142 बसों के काटे चालान

ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि निगम प्रशासन रुडिस्को, एमपी व एमएलए और स्वच्छ भारत अभियान के तहत आए पैसे को भी अटकाए हुए है और महज 3-4 चहेते ठेकेदारों को भुगतान किया जा रहा है. वहीं, हंगामे को शांत करने के लिए निगम की विजिलेंस टीम ने हल्का बल प्रयोग करते हुए ठेकेदारों को बाहर खदेड़ा. वहीं मेयर विष्णु लाटा ने भी ठेकेदारों के प्रदर्शन और हड़ताल पर जाने की चेतावनी को नजरअंदाज किया.

मेयर विष्णु लाटा ने कहा कि 2017 से अक्टूबर 2018 तक ठेकेदारों का पुराना भुगतान किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि निगम में काफी समय से व्यवस्थाएं बेपटरी थी, जिन्हें सुधारा जा रहा है. मेयर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने जब पदभार संभाला था तब 122 करोड़ का भुगतान लंबित था. लेकिन उनके कार्यकाल में किसी का भी बिल का भुगतान बकाया नहीं है.

Intro:जयपुर - नगर निगम में भ्रष्टाचार का बोलबाला किसी से छिपा नहीं है। नगर निगम के सिविल ठेकेदारों ने आज निगम के मुखिया कमिश्नर विजयपाल सिंह पर चहेते ठेकेदारों को आउट ऑफ वे जाकर भुगतान करने के आरोप लगाए। वहीं अपने बकाया बिलों का भुगतान नहीं मिलने से नाराज ठेकेदारों ने निगम मुख्यालय में जमकर हंगामा किया। और हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी।


Body:निगम की ओर से सड़क, उद्यान और दूसरे विकास कार्यों का लगातार उद्घाटन और शिलान्यास किया जा रहा है। लेकिन निगम के ठेकेदारों का आरोप है कि उनका बीते 11 महीने से करीब 150 करोड़ का भुगतान नहीं किया गया है। इसीलिए निगम के सिविल ठेकेदारों ने आज निगम परिसर में जमकर हंगामा किया। ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि निगम प्रशासन रुडिस्को, एमपी/एमएलए और स्वच्छ भारत अभियान के तहत आए पैसे को भी अटकाए हुए है। और महज तीन-चार चहेते ठेकेदारों को भुगतान किया जा रहा है।
बाईट - शिव चंद्र मौर्य, सिविल ठेकेदार

हंगामे को शांत करने के लिए निगम की विजिलेंस टीम ने हल्का बल प्रयोग करते हुए ठेकेदारों को बाहर खदेड़ा। वहीं मेयर विष्णु लाटा ने भी ठेकेदारों के प्रदर्शन और हड़ताल पर जाने की चेतावनी को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा कि 2017 से अक्टूबर 2018 तक ठेकेदारों का पुराना भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि निगम में काफी समय से व्यवस्थाएं बेपटरी थी। जिन्हें सुधारा जा रहा है। मेयर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने जब पदभार संभाला था तब 122 करोड़ का भुगतान लंबित था। लेकिन उनके कार्यकाल में किसी का भी बिल का भुगतान बकाया नहीं है।
बाईट - विष्णु लाटा, मेयर


Conclusion:ये बात सही है कि ठेकेदार यदि हड़ताल पर जाते हैं तो विकास कार्य ठप होंगे। और इसे लेकर की जा रही बैठकर भी महज औपचारिकता रह जाएंगी। लेकिन मेयर की ओर से दिए गए जवाब से फिलहाल लगता नहीं कि ठेकेदारों की किसी भी मांग को माना जाएगा।
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