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अच्छी पहल : स्कूलों से ड्रॉप आउट हुए प्रवासी मजदूरों के बच्चे पूरे साल ले सकेंगे Admission

कोरोना काल में शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों के हित में बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत 9वीं से 12वीं तक की कक्षा में विद्यार्थियों को 31 अगस्त के बाद भी एडमिशन का मौका मिल सकेगा. स्कूल खुलने के बाद करीब 15 दिन तक एडमिशन की प्रक्रिया जारी रहेगी.

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प्रवासी मजदूरों के बच्चों को जोड़ने की कवायद शुरू
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Published : Aug 25, 2020, 7:52 PM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गृह जिले लौट गए, जो अनलॉक होने के बावजूद अभी तक नहीं आए. ऐसे में प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के बच्चे स्कूलों से ड्रॉप आउट हुए. हालांकि, अब शिक्षा विभाग उन्हें जोड़ने की कवायद में जुट गया है.

प्रवासी मजदूरों के बच्चों को जोड़ने की कवायद शुरू

जहां एक ओर कक्षा 9 से 12वीं तक की कक्षा में 31 अगस्त के बाद भी एडमिशन का मौका मिलेगा वहीं कक्षा पहली से आठवीं में छात्र साल में कभी भी एडमिशन ले सकेंगे. इस संबंध में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार फिलहाल स्कूल नहीं खोले जा सकते. यदि स्कूलों को खोलने की जिम्मेदारी राज्य सरकार को दी जाती है तो उस पर विचार किया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः अलवर: रामगढ़ में स्कूल निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

उन्होंने दावा किया कि प्रवासी मजदूर हों या गरीब परिवार के स्कूलों से जुड़े किसी भी छात्र को ड्रॉप आउट नहीं होने दिया जाएगा. सरकार स्कूलों में ऐसे छात्रों की शिक्षा की व्यवस्था करेगी. इस संबंध में तैयारी कर ली गई है. इसके साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि स्कूल खुलने के बाद भी 15 दिन तक एडमिशन किए जाएंगे.

यह भी पढ़ेंः पाली: शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के पद स्थापन की प्रक्रिया शुरू

आपको बता दें कि इससे सर्वाधिक लाभ प्रवासी मजदूरों के बच्चों को मिलेगा. अगर प्रवासी मजदूर साल खत्म होने के पहले ही वापस काम पर लौटते हैं, तो उनके बच्चे सरकारी स्कूलों में एडमिशन ले सकेंगे. यही वजह है कि कक्षा 8 तक साल भर एडमिशन की व्यवस्था रखी गई है.

जयपुर. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गृह जिले लौट गए, जो अनलॉक होने के बावजूद अभी तक नहीं आए. ऐसे में प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के बच्चे स्कूलों से ड्रॉप आउट हुए. हालांकि, अब शिक्षा विभाग उन्हें जोड़ने की कवायद में जुट गया है.

प्रवासी मजदूरों के बच्चों को जोड़ने की कवायद शुरू

जहां एक ओर कक्षा 9 से 12वीं तक की कक्षा में 31 अगस्त के बाद भी एडमिशन का मौका मिलेगा वहीं कक्षा पहली से आठवीं में छात्र साल में कभी भी एडमिशन ले सकेंगे. इस संबंध में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार फिलहाल स्कूल नहीं खोले जा सकते. यदि स्कूलों को खोलने की जिम्मेदारी राज्य सरकार को दी जाती है तो उस पर विचार किया जाएगा.

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उन्होंने दावा किया कि प्रवासी मजदूर हों या गरीब परिवार के स्कूलों से जुड़े किसी भी छात्र को ड्रॉप आउट नहीं होने दिया जाएगा. सरकार स्कूलों में ऐसे छात्रों की शिक्षा की व्यवस्था करेगी. इस संबंध में तैयारी कर ली गई है. इसके साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि स्कूल खुलने के बाद भी 15 दिन तक एडमिशन किए जाएंगे.

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आपको बता दें कि इससे सर्वाधिक लाभ प्रवासी मजदूरों के बच्चों को मिलेगा. अगर प्रवासी मजदूर साल खत्म होने के पहले ही वापस काम पर लौटते हैं, तो उनके बच्चे सरकारी स्कूलों में एडमिशन ले सकेंगे. यही वजह है कि कक्षा 8 तक साल भर एडमिशन की व्यवस्था रखी गई है.

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