जयपुर. प्रदेश में बालश्रम की बढ़ती घटनाओं, बालकों को बाल श्रम के रूप में नियोजित करने और बालकों पर बढ़ते अत्याचार एवं शोषण की घटनाओं को राजस्थान बाल आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने गंभीरता से लेते हुए निकटवर्ती राज्यों के बाल एवं पुलिस अधिकारियों के साथ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की. मीटिंग में हाल ही में हुई तीन बच्चों की निर्मम मुत्यु जैसी घटना पर चर्चा की.
प्रदेश में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो, इसको लेकर उठाए जाने वाले कदमों को लेकर बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने मध्यप्रदेश, गुजरात, बिहार के बाल आयोग के साथ बैठक की. बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बाल श्रम और पलायन को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा.
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बैठक में जिला बाल संरक्षण इकाई को अधिक सक्रिय करने, नियोक्ताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई किए जाने, बाल श्रमिकों का डाटा संधारित किए जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया. बेनीवाल ने बताया कि बच्चा चाहे किसी भी राज्य का हो, राष्ट्रीय अमूल्य धरोहर है और उसके नैसर्गिक अधिकारों की सुरक्षा हम सबकी प्राथमिकता है.
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बेनीवाल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में बिहार बाल आयोग की अध्यक्ष प्रमिला कुमारी, सदस्य मुकुंदा पांडे, मध्य प्रदेश बाल आयोग की सदस्य बृजेश चौहान, राजस्थान बाल आयोग के सदस्य शैलेंद्र पंड्या के अतिरिक्त चारों राज्यों के मानव तस्करी विरोधी यूनिट के पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया. बेनीवाल ने बताया कि चारों राज्य के आयोग, पुलिस विभाग के अधिकारी, श्रम विभाग और सामाजिक संगठन के सामूहिक प्रयासों से आगामी दिनों में विशेष अभियान चलाया जाएगा, ताकि प्रदेश को बाल श्रम मुक्त किया जा सके.