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राजस्थान में लिंगानुपात की स्थिति चिंताजनक : मुख्य सचिव ने विभागों को दिए साझा प्रयास के निर्देश

राजस्थान में लिगांनुपात (sex ratio) की स्थिति चिंताजनक है. इसे लेकर मंगलवार को मुख्य सचिव निरंजन आर्य (Chief Secretary Niranjan Arya) ने विभिन्न विभागों को समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए हैं.

Worrying situation of sex ratio in Rajasthan
राजस्थान में लिंगानुपात की स्थिति चिंताजनक
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Published : Nov 9, 2021, 6:59 PM IST

जयपुर. प्रदेश में सरकार के अथक प्रयासों के बावजूद लिंगानुपात की स्थिति चिंताजनक है. इसे लेकर मंगलवार को मुख्य सचिव निरंजन आर्य (Chief Secretary Niranjan Arya) ने राज्य में 0 से 6 आयु वर्ग के लिंगानुपात की स्थिति पर चिंता जताते हुए विभिन्न विभागों को समन्वित प्रयास कर सुधार करने के निर्देश दिए हैं.

सीएस निरंजन आर्य ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना (Beti Bachao Beti Padhao Scheme) की स्टेट टॉस्क फोर्स की बैठक ली. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में वर्ष 2011 की जनगणना (Census 2011) के अनुसार 0 से 6 आयु वर्ग का लिंगानुपात 888 है जो की बड़ा चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग समन्वित तरीके से सतत जनजागरूकता और अन्य सक्रिय प्रयासों से इसमें सुधार लाएं.

पढ़ें. जयपुर: किसानों ने मुख्य सचिव (CS) निरंजन आर्य को दिया ज्ञापन... MSP से कम खरीद को दंडनीय अपराध बनाने की मांग

उन्होंने जिला और ब्लॉक स्तर पर टॉस्क फोर्स की नियमित बैठकें करने, जिलावार आवंटित राशि का खर्च बढ़ाने, सभी स्कूलों में क्रियाशील बालिका शौचालय की सुनिश्चितता करने के साथ ग्राम सभाओं के एजेंडे में इस योजना को शामिल कर व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग 6 साल से अधिक उम्र की स्कूल नहीं जाने वाली बच्चियों को चिह्नित कर उन्हें शिक्षा से जोड़ना सुनिश्चित करें.

बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने योजना की प्रगति रिपोर्ट के साथ बताया कि योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए जिलों की रैंकिंग तय कर सर्वश्रेष्ठ जिलों को पुरस्कृत किया जाना प्रस्तावित है. गुहा ने बताया कि 10 बिन्दुओं के आधार पर जिलों का चयन किया जाएगा. गत सालों में जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) में सुधार हुआ है. इसका सकारात्मक असर आगामी जनगणना में दिखेंगे.

जयपुर. प्रदेश में सरकार के अथक प्रयासों के बावजूद लिंगानुपात की स्थिति चिंताजनक है. इसे लेकर मंगलवार को मुख्य सचिव निरंजन आर्य (Chief Secretary Niranjan Arya) ने राज्य में 0 से 6 आयु वर्ग के लिंगानुपात की स्थिति पर चिंता जताते हुए विभिन्न विभागों को समन्वित प्रयास कर सुधार करने के निर्देश दिए हैं.

सीएस निरंजन आर्य ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना (Beti Bachao Beti Padhao Scheme) की स्टेट टॉस्क फोर्स की बैठक ली. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में वर्ष 2011 की जनगणना (Census 2011) के अनुसार 0 से 6 आयु वर्ग का लिंगानुपात 888 है जो की बड़ा चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग समन्वित तरीके से सतत जनजागरूकता और अन्य सक्रिय प्रयासों से इसमें सुधार लाएं.

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उन्होंने जिला और ब्लॉक स्तर पर टॉस्क फोर्स की नियमित बैठकें करने, जिलावार आवंटित राशि का खर्च बढ़ाने, सभी स्कूलों में क्रियाशील बालिका शौचालय की सुनिश्चितता करने के साथ ग्राम सभाओं के एजेंडे में इस योजना को शामिल कर व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग 6 साल से अधिक उम्र की स्कूल नहीं जाने वाली बच्चियों को चिह्नित कर उन्हें शिक्षा से जोड़ना सुनिश्चित करें.

बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने योजना की प्रगति रिपोर्ट के साथ बताया कि योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए जिलों की रैंकिंग तय कर सर्वश्रेष्ठ जिलों को पुरस्कृत किया जाना प्रस्तावित है. गुहा ने बताया कि 10 बिन्दुओं के आधार पर जिलों का चयन किया जाएगा. गत सालों में जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) में सुधार हुआ है. इसका सकारात्मक असर आगामी जनगणना में दिखेंगे.

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