जयपुर: मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने राज्य में कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए व्यापारियों और किसानों को निर्यात संबंधी प्रशिक्षण मुहैया कराकर प्रोत्साहित कराने के निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने गुरुवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) से कृषि निर्यात नीति (Agriculture Export Policy) के क्रियान्वयन की बैठक की समीक्षा ये बातें कहीं.
राज्य में कृषि निर्यात की संभावनाओं पर बात करते हुए कहा कि इसके लिए तात्कालिक और अल्पकालिक योजना बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है. सर्वाधिक संभावना वाले इलाकों और उत्पादों का चयन करके निश्चित समय के लिए निर्यात का लक्ष्य तय करें. व्यापारियों और किसानों को निर्यात के लिए जरूरी सभी घटकों से रूबरू कराते हुए प्रशिक्षित करें. उन्हें इसके लिए आवश्यक सभी प्रकार की सुविधाएं एवं सहायता उपलब्ध कराएं. निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने राज्य में प्रमुख कृषि क्षेत्रों की क्षमता का आंकलन करने, वाष्प ताप उपचार और विकिरण जैसी आधुनिक सुविधाओं को विकसित करने, निर्यातकों की अंतर विभागीय समस्याओं का निस्तारण करने आदि के बारे में कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए.
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अरब देशों में राजस्थान की सब्जियों की मांग को रेखांकित करते हुए कहा कि निर्यात की संभावना तलाशने के निर्देश दिए. कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए. सावंत ने बताया कि केंद्रीय कृषि निर्यात नीति-2018 के तहत देश में 2022 तक कृषि निर्यात दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया था. राज्य में पृथक से नीति घोषित करके आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक की सुविधा विकसित की जा रही है. उन्होंने बताया कि राजस्थान कृषि प्र संस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के तहत 574 अनुदान प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 284 परियोजनाओं में 105 करोड़ रुपए का अनुदान स्वीकृत किया जा चुका है. नए निर्यातकों के लिए जयपुर, टोंक, बाड़मेर, जोधपुर, अलवर एवं कोटा में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं. कृषि विपणन बोर्ड के निदेशक सोहनलाल शर्मा ने राज्य में कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया.