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प्रशासन शहरों और गांवो के संग अभियान में लाभान्वितों की पहचान और लाभ देने के काम में तेजी लाएं - मुख्य सचिव - प्रशासन शहरों के संग

प्रशासन शहरों और गांवो के संग अभियान में धीमी गति को लेकर सीएम गहलोत ने कैबिनेट के बाद अब मुख्य सचिव ने भी सख्ती दिखाई है. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने जिला कलेक्टरों से प्रशासन शहरों के संग और प्रशासन गांवाें के संग अभियानों में सम्भावित लाभान्वितों की पहचान कर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित देने पर जोर दिया.

Niranjan arya
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Published : Nov 17, 2021, 9:06 PM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत के बाद अब मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने प्रशासन शहरों के संग और गांवाें के संग अभियान की प्रगति पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने 2 अक्टूबर से शुरू हुए इन अभियानों में पट्टा वितरण सहित अन्य कार्यों में आ रही शिथिलता पर कहा कि राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में प्रदेशवासियोंं को राहत देने के लिए ये महत्वपूर्ण अभियान शुरू किए हैं. इनसे जुडे़ कार्याें को युद्ध स्तर पर किया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

’प्रो-एक्टिव अप्रोच’ के साथ कार्य करें

मुख्य सचिव निरंजन आर्य आज वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से जिला कलेक्टराें, पुलिस अधीक्षकों और अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ प्रशासन शहरों और गांवो के संग अभियान की समीक्षा कर रहे थे. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि प्रशासन शहरों के संग अभियान में लक्षित 10 लाख पट्टा वितरण के कार्य को समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए. कुछ जिलों में इस कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं है, जो गम्भीर चिंता का विषय है . उन्होंने अभियान के लिए ’प्रो-एक्टिव अप्रोच’ के साथ कार्य करने और विभिन्न नगरपालिकाओं और नगर परिषदों के साथ-साथ प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत ग्राम पंचायतों के लिए निर्धारित पट्टा वितरण के लक्ष्यों को बढ़ाने के निर्देश दिए . अभियान के तहत अन्य कार्यों के लिए भी सम्भावित लाभान्वितों कि संख्या को पुनर्निर्धारित किया जाए .

अधिकारियों को अपने व्यवहार में सुधार की जरूरत

आर्य ने कहा कि कुछ अधिकारी इन अभियानों के प्रति गम्भीर नहीं है. कई बार अधिकारियों और कार्मिकों का शिविरों में आने वाले आम लोगों के प्रति व्यवहार भी उत्साहजनक नहीं रहता है. उन्होंने कहा कि इस स्थिति को गम्भीरता से लेने और अधिकारियों को अपने व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने की आवश्यकता है.

पढ़ें: पूर्व मंत्री मदन दिलावर के बिगड़े बोल, 'कांग्रेसियों की तुलना महमूद गजनवी से की'

घर घर हो सर्वे

मुख्य सचिव ने ग्रामीण और नगर पालिका क्षेत्रों में घर-घर सर्वे सहित अन्य माध्यमों से पट्टों के पात्र परिवारों की पहचान करने के निर्देश दिए. इसके लिए स्थानीय स्तर पर योजना बनाई जाए और जिलास्तर पर उसकी कड़ी मॉनिटरिंग की जाए. उन्होंने कहा कि आबादी विस्तार और भूमिहीनों को भूखण्ड देने आदि कार्याें के पंचायतवार प्रस्ताव तैयार कर अभियान के दौरान इनका अनुमोदन और पट्टा जारी करने की प्रक्रिया पूरी की जाए. अभियान के शिविरों में स्वच्छ भारत मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना आदि के लाभांवितों के लम्बित भुगतान प्रकरणों का भी निस्तारण किया जाए .

सभी पुलिस थानों में स्वागत कक्षों का निर्माण जल्द करें

मुख्य सचिव ने जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी पुलिस थानों में स्वागत कक्षों के निर्माण की बजट घोषणा का क्रियान्वयन जल्द से जल्द पूरा करें. उन्होंने बताया कि आगामी एक जनवरी को मुख्यमंत्री की ओर से इन स्वागत कक्षों का उद्घाटन प्रस्तावित है.

पढ़ें: हाड़ौती में मुख्यमंत्री : CM गहलोत ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा- केंद्र सरकार ने सभी राज्यों की आमदनी कम कर दी

’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के तहत नवाचार करें

मुख्य सचिव आर्य ने भारत सरकार के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत जिला स्तर पर गठित समितियों की बैठक नियमित रूप से नहीं होने और कलेक्टरों की ओर से अभियान के लिए स्वीकृत 50 लाख रुपए की बजट राशि का समुचित उपयोग नहीं करने पर चिंता जाहिर की.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत के बाद अब मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने प्रशासन शहरों के संग और गांवाें के संग अभियान की प्रगति पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने 2 अक्टूबर से शुरू हुए इन अभियानों में पट्टा वितरण सहित अन्य कार्यों में आ रही शिथिलता पर कहा कि राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में प्रदेशवासियोंं को राहत देने के लिए ये महत्वपूर्ण अभियान शुरू किए हैं. इनसे जुडे़ कार्याें को युद्ध स्तर पर किया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

’प्रो-एक्टिव अप्रोच’ के साथ कार्य करें

मुख्य सचिव निरंजन आर्य आज वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से जिला कलेक्टराें, पुलिस अधीक्षकों और अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ प्रशासन शहरों और गांवो के संग अभियान की समीक्षा कर रहे थे. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि प्रशासन शहरों के संग अभियान में लक्षित 10 लाख पट्टा वितरण के कार्य को समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए. कुछ जिलों में इस कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं है, जो गम्भीर चिंता का विषय है . उन्होंने अभियान के लिए ’प्रो-एक्टिव अप्रोच’ के साथ कार्य करने और विभिन्न नगरपालिकाओं और नगर परिषदों के साथ-साथ प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत ग्राम पंचायतों के लिए निर्धारित पट्टा वितरण के लक्ष्यों को बढ़ाने के निर्देश दिए . अभियान के तहत अन्य कार्यों के लिए भी सम्भावित लाभान्वितों कि संख्या को पुनर्निर्धारित किया जाए .

अधिकारियों को अपने व्यवहार में सुधार की जरूरत

आर्य ने कहा कि कुछ अधिकारी इन अभियानों के प्रति गम्भीर नहीं है. कई बार अधिकारियों और कार्मिकों का शिविरों में आने वाले आम लोगों के प्रति व्यवहार भी उत्साहजनक नहीं रहता है. उन्होंने कहा कि इस स्थिति को गम्भीरता से लेने और अधिकारियों को अपने व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने की आवश्यकता है.

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घर घर हो सर्वे

मुख्य सचिव ने ग्रामीण और नगर पालिका क्षेत्रों में घर-घर सर्वे सहित अन्य माध्यमों से पट्टों के पात्र परिवारों की पहचान करने के निर्देश दिए. इसके लिए स्थानीय स्तर पर योजना बनाई जाए और जिलास्तर पर उसकी कड़ी मॉनिटरिंग की जाए. उन्होंने कहा कि आबादी विस्तार और भूमिहीनों को भूखण्ड देने आदि कार्याें के पंचायतवार प्रस्ताव तैयार कर अभियान के दौरान इनका अनुमोदन और पट्टा जारी करने की प्रक्रिया पूरी की जाए. अभियान के शिविरों में स्वच्छ भारत मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना आदि के लाभांवितों के लम्बित भुगतान प्रकरणों का भी निस्तारण किया जाए .

सभी पुलिस थानों में स्वागत कक्षों का निर्माण जल्द करें

मुख्य सचिव ने जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी पुलिस थानों में स्वागत कक्षों के निर्माण की बजट घोषणा का क्रियान्वयन जल्द से जल्द पूरा करें. उन्होंने बताया कि आगामी एक जनवरी को मुख्यमंत्री की ओर से इन स्वागत कक्षों का उद्घाटन प्रस्तावित है.

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’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के तहत नवाचार करें

मुख्य सचिव आर्य ने भारत सरकार के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत जिला स्तर पर गठित समितियों की बैठक नियमित रूप से नहीं होने और कलेक्टरों की ओर से अभियान के लिए स्वीकृत 50 लाख रुपए की बजट राशि का समुचित उपयोग नहीं करने पर चिंता जाहिर की.

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