जयपुर. राज्य सरकार द्वारा जरूरतमंद लोगों के लिए शुरू की गई इंदिरा रसोई योजना का मंगलवार को खुद मुख्य सचिव ने जायजा लिया. एसएमएस अस्पताल की बांगड़ यूनिट स्थित इंदिरा रसोई की निरीक्षण के दौरान आगरा से अपने पिता के इलाज के लिए आए युवक से मुख्य सचिव ने पूछा कि जब बाहर कुछ संस्थाएं मुफ्त में खाना वितरित करती है, तो आप वहां क्यों नहीं खाते. इस पर लाभार्थी ने कहा कि बाहर जो खाना मिलता है, उसमें पूड़ी होती है, और खाने में काफी तेल होता है. जो पेट को नुकसान करता है, जबकि इंदिरा रसोई में जो खाना मिलता है, उसकी गुणवत्ता काफी बेहतर है.
वहीं बांदीकुई से अपने पति के इलाज के लिए अस्पताल आई महिला से मुख्य सचिव ने पूछा कि खाना कैसा है, और इंदिरा रसोई के बारे में किसने बताया. इस पर महिला ने खाने को अच्छा बताते हुए कहा, वो आज ही बांदीकुई से यहां आई है, पहली बार यहां खाना खा रही है. उन्हें किसी रिश्तेदार ने बताया, अस्पताल में ही सरकार की तरफ से महज 8 रुपए में अच्छा खाना मिलता है. इसी जानकारी के आधार पर वो यहां तक पहुंची.
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इस दौरान मुख्य सचिव ने टोकन लेने की प्रक्रिया का भी जायजा लिया. यहां एक व्यक्ति एक कार्ड लेकर बिना पैसे दिए काउंटर संचालक से टोकन लेता नजर आया. इस व्यवस्था के बारे में मुख्य सचिव के साथ मौजूद रहे ग्रेटर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव ने बताया, कुछ संस्थाएं जो लोगों को भोजन करवाना चाहती हैं, वो टोकन के पैसे जमा करवाकर लोगों को कूपन वितरित करती है, या निगम को उपलब्ध कराती हैं. ऐसे कूपन देकर लोग निशुल्क भोजन प्राप्त कर सकते हैं. इस पर मुख्य सचिव ने ऐसी संस्थाओं को और अधिक प्रेरित करने के निर्देश दिए. इसके बाद मुख्य सचिव ने बांगड़ स्थित नगर निगम के स्थाई आश्रय स्थल और सुलभ शौचालय का भी निरीक्षण किया.