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रैपिड किट की विफलता से रुकी कोरोना जांच की रफ्तार, रामगंज के बाद अजमेर नई चुनौतीः मुख्य सचिव

राजस्थान में कोरोना के खिलाफ जंग में प्रशासन की भूमिका और चुनौतियों को लेकर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे भीलवाड़ा के बाद रामगंज की स्थितियों से प्रशासन ने सामना किया और अब अजमेर के हालात में क्या चुनौतियां हैं. साथ ही रैपिड किट से जांच रोके जाने को लेकर जानकारी दी.

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता , covid 19,  Corona virus news
मुख्य सचिन डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की खास बातचीत
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Published : Apr 22, 2020, 4:00 PM IST

Updated : Apr 22, 2020, 4:18 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कोरोना के खिलाफ जंग में प्रशासन की भूमिका और चुनौतियों को लेकर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. इस दौरान मुख्य सचिव गुप्ता ने रैपिड किट से जांच रोके जाने को लेकर जानकारी दी. साथ ही बताया कि कैसे भीलवाड़ा के बाद रामगंज की स्थितियों से प्रशासन ने सामना किया और अब अजमेर के हालात में क्या चुनौतियां हैं. डीबी गुप्ता ने इस बातचीत में पाकिस्तान विस्थापित हिंदू परिवारों को राशन और मॉडिफाइड लॉकडाउन को लेकर सरकार की रणनीति पर भी बातचीत की.

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की खास बातचीत-1

रामगंज के बाद अजमेर की चुनौती

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में भीलवाड़ा मॉडल को लेकर अपनी राय रखी और बताया कि अचानक जयपुर और भीलवाड़ा में कोरोना वायरस के बाद सरकार ने कर्फ्यू और आवाजाही पर लगाम करते हुए इस महामारी को काबू में लाने का प्रयास किया. उन्होंने साफगोई के साथ इस बात को भी स्वीकार किया कि रामगंज में कोरोना को फैलने से रोकना कैसे प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण था. उन्होंने घनी आबादी और जानकारी के अभाव में लोगों की तरफ से सहयोग नहीं मिल पाने की बात को स्वीकार किया.

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की खास बातचीत-2

पढ़ें- राजस्थान का भीलवाड़ा मॉडल विफल, सरकार के दावों पर भी उठे सवाल

चीफ सेक्रेटरी ने माना कि ऐसे हालात में सरकार को प्रशासन का चेहरा बदलकर व्यक्तिगत रूप से लोगों को समझाने के लिए कोशिश करनी पड़ी. जोनवार काबिल अफसरों को तैनात करके हर वक्त हालात को नजदीक से परखना पड़ा, जिसके बाद अब स्थानीय स्तर पर भी जागरूकता आई है. लोग प्रशासन को खुद आगे आकर जांच में सहयोग कर रहे हैं.

मुख्य सचिन डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की खास बातचीत-3

अजमेर भी चुनौतीपूर्ण

जब ईटीवी भारत ने मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से पूछा कि अचानक अजमेर में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफे को लेकर उनकी क्या राय है, तो डीबी गुप्ता ने बताया कि जिस क्षेत्र में यह संक्रमण फैल रहा है वहां की परिस्थितियां रामगंज जैसी ही है. घनी आबादी यहां भी प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण है. ऐसे में जोन के हिसाब से क्षेत्र बांटकर प्रशासन इस चुनौती से सामना करने के लिए तैयार है.

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की खास बातचीत-4

रैपिड किट की विफलता से जांच पर लगा ब्रेक

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने बताया कि सरकार को रैपिड किट के जरिए कोरोना वायरस की जांच को लेकर बड़ी उम्मीदें थी, परंतु जब कोरोना संक्रमण का शिकार 159 लोगों पर इस किट को जांचा गया तो महज 9 लोग इसके मुताबिक पॉजिटिव पाए गए. ऐसे में इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे. सरकार ने तुरंत फैसला करते हुए रैपिड किट को जांच में इस्तेमाल नहीं करने का फैसला लिया.

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की खास बातचीत-5

पढ़ें- रैपिड टेस्टिंग किट पर सवाल! 'रिव्यू जारी...इसके परिणाम निर्भर करेंगे की रखना है या वापस करना है'

इन हालात में पेंडिंग सैंपल्स की संख्या में भी इजाफा हो गया, जिसके बाद करीब 4000 सैंपल जांच के लिए दिल्ली भेजे गए और उनमें से 100 से ज्यादा लोगों को पॉजिटिव पाया गया. डीबी गुप्ता ने यह भी दावा किया कि इस वक्त राजस्थान देश में सबसे ज्यादा सैंपल की जांच कर रहा है. रोजाना होने वाली जांच का दायरा बढ़ाए जाने कोशिश जारी है. मुख्य सचिव के मुताबिक अभी तक राजस्थान में 61 हजार 492 लोगों के सैंपल लिए गए हैं, इनमें से 54 हजार 100 सैंपल नेगेटिव आए.

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की खास बातचीत-6

पाक विस्थापितों को भी सर्वे के बाद शुरू किया राशन पहुंचाना

राजस्थान के पाकिस्तान विस्थापित हिंदू परिवारों की लॉकडाउन के बाद की स्थिति पर मुख्य सचिव ने बताया कि जोधपुर समेत प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बसने वाले इन परिवारों का सर्वे करवाने के बाद जोधपुर के जरूरतमंद 450 परिवारों को कच्चा राशन पहुंचाने के लिए प्रशासन ने कवायद की. साथ ही उन्हें आर्थिक मदद भी की. इसी तरह से प्रदेश के बाकी हिस्सों में भी इन विस्थापित परिवारों को सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर मदद मुहैया करवाने की कोशिश की जा रही है.

मॉडिफाइड लॉकडाउन जरूरी था...

ईटीवी भारत ने मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से मॉडिफाइड लॉकडाउन के अनुभव और आगे की रणनीति पर भी बात की. उन्होंने बताया कि किसी भी व्यवस्था में लंबे समय लॉकडाउन समाज के लिए परेशानी का सबब हो सकता है. ऐसे में कुछ जगहों पर रियायत के साथ ढील दिया जाना जरूरी था, जिसके बाद धीरे-धीरे व्यवस्थाओं को पटरी पर लाया जा सके.

उन्होंने यह भी बताया कि गांव में मनरेगा के काम शुरू करने के बाद लगभग 4.50 लाख श्रमिकों को रोजगार मिला है. इसी तरह गांव पर आधारित उद्योगों को सरकार जल्द शुरू करवाने का प्रयास कर रही है. इस बातचीत में मुख्य सचिव ने प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी पर भी बात की और बताया कि केंद्र के निर्देश पर ही राज्य से बाहर के श्रमिकों को भेजा जाएगा. वही इंटर स्टेट इन श्रमिकों की घर वापसी भी केंद्र सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से की गई है.

जयपुर. राजस्थान में कोरोना के खिलाफ जंग में प्रशासन की भूमिका और चुनौतियों को लेकर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. इस दौरान मुख्य सचिव गुप्ता ने रैपिड किट से जांच रोके जाने को लेकर जानकारी दी. साथ ही बताया कि कैसे भीलवाड़ा के बाद रामगंज की स्थितियों से प्रशासन ने सामना किया और अब अजमेर के हालात में क्या चुनौतियां हैं. डीबी गुप्ता ने इस बातचीत में पाकिस्तान विस्थापित हिंदू परिवारों को राशन और मॉडिफाइड लॉकडाउन को लेकर सरकार की रणनीति पर भी बातचीत की.

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की खास बातचीत-1

रामगंज के बाद अजमेर की चुनौती

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में भीलवाड़ा मॉडल को लेकर अपनी राय रखी और बताया कि अचानक जयपुर और भीलवाड़ा में कोरोना वायरस के बाद सरकार ने कर्फ्यू और आवाजाही पर लगाम करते हुए इस महामारी को काबू में लाने का प्रयास किया. उन्होंने साफगोई के साथ इस बात को भी स्वीकार किया कि रामगंज में कोरोना को फैलने से रोकना कैसे प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण था. उन्होंने घनी आबादी और जानकारी के अभाव में लोगों की तरफ से सहयोग नहीं मिल पाने की बात को स्वीकार किया.

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की खास बातचीत-2

पढ़ें- राजस्थान का भीलवाड़ा मॉडल विफल, सरकार के दावों पर भी उठे सवाल

चीफ सेक्रेटरी ने माना कि ऐसे हालात में सरकार को प्रशासन का चेहरा बदलकर व्यक्तिगत रूप से लोगों को समझाने के लिए कोशिश करनी पड़ी. जोनवार काबिल अफसरों को तैनात करके हर वक्त हालात को नजदीक से परखना पड़ा, जिसके बाद अब स्थानीय स्तर पर भी जागरूकता आई है. लोग प्रशासन को खुद आगे आकर जांच में सहयोग कर रहे हैं.

मुख्य सचिन डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की खास बातचीत-3

अजमेर भी चुनौतीपूर्ण

जब ईटीवी भारत ने मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से पूछा कि अचानक अजमेर में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफे को लेकर उनकी क्या राय है, तो डीबी गुप्ता ने बताया कि जिस क्षेत्र में यह संक्रमण फैल रहा है वहां की परिस्थितियां रामगंज जैसी ही है. घनी आबादी यहां भी प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण है. ऐसे में जोन के हिसाब से क्षेत्र बांटकर प्रशासन इस चुनौती से सामना करने के लिए तैयार है.

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की खास बातचीत-4

रैपिड किट की विफलता से जांच पर लगा ब्रेक

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने बताया कि सरकार को रैपिड किट के जरिए कोरोना वायरस की जांच को लेकर बड़ी उम्मीदें थी, परंतु जब कोरोना संक्रमण का शिकार 159 लोगों पर इस किट को जांचा गया तो महज 9 लोग इसके मुताबिक पॉजिटिव पाए गए. ऐसे में इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे. सरकार ने तुरंत फैसला करते हुए रैपिड किट को जांच में इस्तेमाल नहीं करने का फैसला लिया.

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की खास बातचीत-5

पढ़ें- रैपिड टेस्टिंग किट पर सवाल! 'रिव्यू जारी...इसके परिणाम निर्भर करेंगे की रखना है या वापस करना है'

इन हालात में पेंडिंग सैंपल्स की संख्या में भी इजाफा हो गया, जिसके बाद करीब 4000 सैंपल जांच के लिए दिल्ली भेजे गए और उनमें से 100 से ज्यादा लोगों को पॉजिटिव पाया गया. डीबी गुप्ता ने यह भी दावा किया कि इस वक्त राजस्थान देश में सबसे ज्यादा सैंपल की जांच कर रहा है. रोजाना होने वाली जांच का दायरा बढ़ाए जाने कोशिश जारी है. मुख्य सचिव के मुताबिक अभी तक राजस्थान में 61 हजार 492 लोगों के सैंपल लिए गए हैं, इनमें से 54 हजार 100 सैंपल नेगेटिव आए.

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की खास बातचीत-6

पाक विस्थापितों को भी सर्वे के बाद शुरू किया राशन पहुंचाना

राजस्थान के पाकिस्तान विस्थापित हिंदू परिवारों की लॉकडाउन के बाद की स्थिति पर मुख्य सचिव ने बताया कि जोधपुर समेत प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बसने वाले इन परिवारों का सर्वे करवाने के बाद जोधपुर के जरूरतमंद 450 परिवारों को कच्चा राशन पहुंचाने के लिए प्रशासन ने कवायद की. साथ ही उन्हें आर्थिक मदद भी की. इसी तरह से प्रदेश के बाकी हिस्सों में भी इन विस्थापित परिवारों को सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर मदद मुहैया करवाने की कोशिश की जा रही है.

मॉडिफाइड लॉकडाउन जरूरी था...

ईटीवी भारत ने मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से मॉडिफाइड लॉकडाउन के अनुभव और आगे की रणनीति पर भी बात की. उन्होंने बताया कि किसी भी व्यवस्था में लंबे समय लॉकडाउन समाज के लिए परेशानी का सबब हो सकता है. ऐसे में कुछ जगहों पर रियायत के साथ ढील दिया जाना जरूरी था, जिसके बाद धीरे-धीरे व्यवस्थाओं को पटरी पर लाया जा सके.

उन्होंने यह भी बताया कि गांव में मनरेगा के काम शुरू करने के बाद लगभग 4.50 लाख श्रमिकों को रोजगार मिला है. इसी तरह गांव पर आधारित उद्योगों को सरकार जल्द शुरू करवाने का प्रयास कर रही है. इस बातचीत में मुख्य सचिव ने प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी पर भी बात की और बताया कि केंद्र के निर्देश पर ही राज्य से बाहर के श्रमिकों को भेजा जाएगा. वही इंटर स्टेट इन श्रमिकों की घर वापसी भी केंद्र सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से की गई है.

Last Updated : Apr 22, 2020, 4:18 PM IST
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