जयपुर. राजस्थान प्रदेश के उड्डयन विभाग में किराए के हेलीकॉप्टर समेत अन्य टेंडरों में अनियमितता पाए जाने के बाद विभाग के अधिकारियों पर सरकार के द्वारा एक सख्त रुख अपनाया गया है. बता दें कि कैबिनेट बैठक के बाद सरकार ने विभाग के सचिव डॉ. प्रीतम बी यशवंत का तबादला किया गया है. उसके बाद विभाग में 11 साल से मुख्य पायलट के पद पर तैनात केसरी सिंह की सेवाएं भी सरकार के द्वारा समाप्त कर दी गई है. वह अनुबंध पर अपनी सेवाएं राज्य सरकार को दे रहे थे. सरकार से अनुबंध समाप्त करने के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है.
बताया जा रहा है कि लीज पर लिए गए हेलीकॉप्टर का अनुबंध बढ़ाने संबंधी प्रकरण में उच्च स्तर से नाराजगी होने के बाद यशवंत और केसरी सिंह पर कार्रवाई की गई है. बता दें कि सरकारी बेड़े में अगस्ता हेलीकॉप्टर के स्थान पर उड्डयन विभाग ने निजी हेलीकॉप्टर किराए पर लिया गया था, जिसकी लीज की अवधि भी 13 अगस्त को समाप्त हो गई थी. उसके बाद हेलीकॉप्टर का अनुबंध बढ़ाने या नहीं बढ़ाने के बारे में पत्रावली चलाई गई, जो मामला विभाग तक पहुंचा था. पत्रावली पर वित्त विभाग से अनुमति के बाद ही उच्च स्तर से इस पर अनुमोदन किया जाना था.
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इसके बाद निजी हेलीकॉप्टर की सेवाओं को 6 महीने के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया था. सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने स्तर पर ही यह फैसला लिया था. बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव और सरकार ने इस पर गंभीर नाराजगी भी जताई थी. वहीं इस मामले में केसरी सिंह का कहना है कि उन्होंने किसी सरकारी आदेश की अवहेलना नहीं की है. 12 साल की उनकी सेवाएं पर एक बार भी दाग नहीं लगा है. सामान्य विभाग के विशेष सचिव से इस मामले में बातचीत का प्रयास भी किया गया है, लेकिन उनके द्वारा किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया गया.