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मुख्यमंत्री का सामाजिक संगठनों के साथ संवाद, कहा- सिविल सोसाइटी ने जमीनी स्तर पर किया है काम - अशोक गहलोत वीडियो कांफ्रेंस

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुकवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जरूरतमंद तबकों को समय पर राहत पहुंचाने में स्वयंसेवी संगठनों और सिविल सोसाइटी ने प्रशासन का भरपूर सहयोग किया है. साथ ही कहा कि, इन संगठनों ने जमीनी स्तर पर काम किया है.

सीएम ऑन एनजीओ, Chief Minister interacts with social organizations, jaipur news
सामाजिक संगठनों के साथ संवाद
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Published : Jun 6, 2020, 12:26 AM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही राज्य सरकार ने धर्मगुरूओं, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, उद्यमियों सहित सभी पक्षों को विश्वास में लेकर फैसले किए. सभी संगठनों ने प्रशासन का भरपूर सहयोग किया. इसी का परिणाम रहा कि जरूरतमंद तबकों को समय पर राहत मिली.

इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. इस महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और भीड़भाड से दूर रहने के हेल्थ प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना हम सबके लिए जरूरी है. इसके लिए प्रदेश में बड़ा जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. इस काम में सिविल सोसाइटी और स्वयंसेवी संगठन सरकार के महत्वपूर्ण सहयोगी की भूमिका निभा सकते हैं.

ये पढ़ें: प्रियंका गांधी जी.. गहलोत जी को भी राजस्थान की जनता के लिए लिख डालो एक पाती: सतीश पूनिया

संकट में जमीनी स्तर पर किया काम

वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्वास्थ्य और उनके अधिकारों की रक्षा, बाल संरक्षण, श्रमिक कल्याण, मनरेगा और खाद्य सुरक्षा सहित विविध क्षेत्रों में काम कर रहें स्वयंसेवी संगठनों और सिविल सोसाइटी ने संकट की इस घड़ी में जमीनी स्तर पर काम किया. इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने राशन के वितरण, खाद्य सामग्री पहुंचाने और प्रवासी श्रमिकों के परिवहन के काम में सूचनाएं साझा की. जिससे सरकार को इनसे संबंधित समस्याओं के समय पर निराकरण में मदद मिली.

वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि, प्रदेश में चिकित्सा के आधारभूत ढ़ांचे को मजबूत करने पर सर्वाधिक काम हुआ.

महामारी के शुरूआती दिनों में प्रदेश में कोरोना टेस्ट के लिए लैब की सुविधा नहीं थी, लेकिन अब हमने 18250 टेस्ट की क्षमता विकसित कर ली है. यह कोरोना के खिलाफ जंग के हमारे जज्बे को दर्शाता है. सरकार ने बड़ी संख्या में प्रवासियों को बेहतर क्वॉरेंटाइन सुविधा उपलब्ध कराई और उनकी समुचित देखभाल, निगरानी सुनिश्चित की.

ये पढ़ें: पूनिया के खिलाफ टिप्पणी पर भाजपा का पलटवार, राठौड़ और चतुर्वेदी ने चिकित्सा मंत्री को बताया बड़बोला मंत्री

संगठनों ने साझा किए अनुभव

मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता ने सामाजिक संगठनों के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर काम कर रहे सामाजिक संगठनों से मिले फीडबैक के आधार पर प्रशासन को जनहित के निर्णय लेने में मदद मिलती है.

वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के सभी जिलों में काम कर रहे सामाजिक संगठन और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए. कोरोना की लड़ाई में आगे भी पूरे सहयोग का भरोसा दिया। इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप सहित अन्य उच्च अधिकारी मौजूद रहें.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही राज्य सरकार ने धर्मगुरूओं, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, उद्यमियों सहित सभी पक्षों को विश्वास में लेकर फैसले किए. सभी संगठनों ने प्रशासन का भरपूर सहयोग किया. इसी का परिणाम रहा कि जरूरतमंद तबकों को समय पर राहत मिली.

इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. इस महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और भीड़भाड से दूर रहने के हेल्थ प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना हम सबके लिए जरूरी है. इसके लिए प्रदेश में बड़ा जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. इस काम में सिविल सोसाइटी और स्वयंसेवी संगठन सरकार के महत्वपूर्ण सहयोगी की भूमिका निभा सकते हैं.

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संकट में जमीनी स्तर पर किया काम

वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्वास्थ्य और उनके अधिकारों की रक्षा, बाल संरक्षण, श्रमिक कल्याण, मनरेगा और खाद्य सुरक्षा सहित विविध क्षेत्रों में काम कर रहें स्वयंसेवी संगठनों और सिविल सोसाइटी ने संकट की इस घड़ी में जमीनी स्तर पर काम किया. इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने राशन के वितरण, खाद्य सामग्री पहुंचाने और प्रवासी श्रमिकों के परिवहन के काम में सूचनाएं साझा की. जिससे सरकार को इनसे संबंधित समस्याओं के समय पर निराकरण में मदद मिली.

वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि, प्रदेश में चिकित्सा के आधारभूत ढ़ांचे को मजबूत करने पर सर्वाधिक काम हुआ.

महामारी के शुरूआती दिनों में प्रदेश में कोरोना टेस्ट के लिए लैब की सुविधा नहीं थी, लेकिन अब हमने 18250 टेस्ट की क्षमता विकसित कर ली है. यह कोरोना के खिलाफ जंग के हमारे जज्बे को दर्शाता है. सरकार ने बड़ी संख्या में प्रवासियों को बेहतर क्वॉरेंटाइन सुविधा उपलब्ध कराई और उनकी समुचित देखभाल, निगरानी सुनिश्चित की.

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संगठनों ने साझा किए अनुभव

मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता ने सामाजिक संगठनों के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर काम कर रहे सामाजिक संगठनों से मिले फीडबैक के आधार पर प्रशासन को जनहित के निर्णय लेने में मदद मिलती है.

वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के सभी जिलों में काम कर रहे सामाजिक संगठन और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए. कोरोना की लड़ाई में आगे भी पूरे सहयोग का भरोसा दिया। इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप सहित अन्य उच्च अधिकारी मौजूद रहें.

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