जयपुर. पुरे विश्व में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. कोरोना वायरस से लोगों को बचाया जाए इसके लिए सरकार काफी गंभीर है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धार्मिक स्थानों पर बढ़ने वाली भीड़ को किस तरह से कम किया जाए इसको लेकर धर्मगुरुओं के साथ में बैठक की. बैठक में सभी धर्मगुरुओं ने सरकार को आश्वस्त किया कि इस महामारी के वक्त सभी सरकार के साथ है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में पहले तो राजनीतिक दलों के साथ में फिर प्रदेश के प्रमुख धर्म गुरुओं के साथ में बैठक कर कोरोना वायरस से लोगों को बचाव के लिए चर्चा की. इस दौरान धर्मगुरुओं ने सरकार को आश्वस्त किया कि वह इस संकट की घड़ी में सरकार के साथ पूरी तरीके से सहयोग करेंगे. उन्होंने कहा कि वह श्रद्धालुओं से अपील करेंगे कि धार्मिक स्थानों पर कम से कम संख्या में आए.
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इसको लेकर सभी धर्म गुरु कल यानि बुधवार को मीडिया के जरिए प्रदेश के श्रद्धालुओं से अपील भी करेंगे कि श्रद्धालु धार्मिक स्थानों पर कम से कम संख्या में पहुंचे. जहां तक हो सके घर पर ही पूजा अर्चना करे. धार्मिक स्थलों पर कम से कम श्रद्धालु आए जिससे वहां संक्रमण नहीं फैले. बैठक में आए मोती डूंगरी गणेश मंदिर के महंत कैलाश शर्मा, गलता पीठाधीश्वर महंत अवधेश आचार्य महाराज, ठिकाना गोविंद देव मंदिर के महंत अनंत कुमार गोस्वामी, सैयद वाहिद दरगाह अंजुमन कमेटी, बिशप आसवलर्ड घाटगेट सोफिया सहित तमाम धर्मगुरुओं ने सरकार को आश्वस्त किया कि वह कोरोना वायरस जैसी गंभीर बीमारी से लोगों को बचाने के लिए सरकार के प्रयासों में पूरी तरीके से सहयोग करेंगे.
वहीं बैठक के बाद चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि अगर धार्मिक स्थानों पर सरकार के स्तर पर कोई रोक लगाई जाती है तो सरकार के ऊपर धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का आरोप लगता है. ऐसे में सभी धर्म गुरुओं को बुलाकर इस महामारी के वक्त श्रद्धालुओं को कम से कम संख्या में धार्मिक स्थलों पर पहुंचने की अपील करने के लिए आग्रह किया है. सभी ने आश्वस्त किया है कि वह कल यानि बुधवार को मीडिया के जरिए सभी सदस्यों से मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारा और चर्च सहित सभी धार्मिक स्थलों पर कम से कम संख्या में आने की अपील करेंगे.