जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने चीनी और कृषि जिंसों के बकाया शुल्क को माफ करते हुए व्यापारियों और प्रसंस्करण इकाई संचालकों को बड़ी राहत दी है. सीएम अशोक गहलोत ने 27 अप्रैल, 2005 से 31 दिसंबर, 2019 तक कृषि प्रसंस्करण के लिए राज्य के बाहर से आयात की गई चीनी और कृषि जिन्सों के लिए बकाया मंडी शुल्क माफी योजना को मंजूरी दी है.
योजना के तहत चीनी और कृषि जिंसों के बकाया मूल मंडी शुल्क की 50 प्रतिशत राशि और बकाया मंडी शुल्क पर लगाई गई समस्त ब्याज और शास्ति राशि माफ की जा सकेगी. यह योजना 31 मार्च, 2020 तक प्रभावी रहेगी और इसके लिए मंडी समिति से अनुज्ञा पत्र प्राप्त कृषि प्रसंस्करण इकाइयां ही पात्र होंगी.
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योजना के प्रावधानों के अनुसार छूट प्राप्तकर्ता को भविष्य में लगातार मंडी शुल्क देने और अगर किसी न्यायालय में उसकी ओर से वाद लंबित है तो उसे वापस लेने का शपथ पत्र देना होगा. योजना के तहत छूट प्राप्तकर्ता को छूट के लिए आवेदन के साथ आयात की गई कृषि जिंसों के बिलों और अन्य दस्तावेज की प्रति भी संलग्न करनी होगी.
माफी योग्य बकाया मंडी शुल्क पर दी गई छूट भविष्य में उदाहरण के लिए उपयोग नहीं ली जा सकेगी. वर्ष 2005 से अब तक जमा कराए गए मंडी शुल्क में से कोई राशि वापस नहीं की जाएगी. बता दें कि विभिन्न व्यापार संघ और प्रसंस्करण इकाई संचालकों ने मूल मंडी शुल्क में छूट देने के लिए आग्रह किया था. मुख्यमंत्री ने अब मूल मंडी शुल्क में छूट देते हुए ’बकाया मंडी शुल्क माफी योजना’ के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस निर्णय से व्यापारियों और प्रसंस्करण इकाई संचालकों को राहत मिलेगी.