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कोरोना पर सरकार सख्त: रात 9 बजे बाजार होंगे बंद, 10 बजे से लगेगा नाइट कर्फ्यू

प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों और उन पर नियंत्रण किस प्रकार से हो इसके लिए मुख्यमंत्री ने बुधवार को एक बार फिर कोरोना की समीक्षा बैठक ली. गहलोत ने प्रदेश के जिन जिलों में लगातार कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, वहां पर कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए. वहीं, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 10 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. साथ ही अब रात 9 बजे ही बाजार बंद करने का निर्देश दिया गया है.

Rajasthan News,  CM Ashok Gehlot
कोरोना समीक्षा बैठक
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Published : Mar 31, 2021, 5:16 PM IST

Updated : Apr 1, 2021, 2:26 AM IST

जयपुर. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार एक्शन मोड पर है. सीएम अशोक गहलोत ने कोरोना के मामलों और उस पर नियंत्रण को लेकर असम चुनाव प्रचार में जाने से पहले कोर ग्रुप के साथ बैठक कर कई अहम निर्णय लिए.

कोरोना समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश को कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से बचाने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि विगत दिनों में कोविड प्रोटोकाॅल की पालना में हुई लापरवाही के कारण कोरोना के केस तेजी से बढ़े हैं. इसे देखते हुए उन्होंने कोविड गाइडलाइन की पालना नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, नाइट कर्फ्यू का समय बढ़ाने सहित अन्य पाबंदियां पुनः लागू करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि संक्रमण की रोकथाम में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. सरकार प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी.

पढ़ें- विश्नोई समाज को भी OBC की केंद्रीय सूची में शामिल करने के लिए गहलोत सरकार ने लिखी केंद्र सरकार को सिफारिशी चिट्ठी

सीएम अशोक गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोविड-19 और वैक्सीनेशन की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में अधिक केस सामने आते हैं, वहां जिला कलेक्टर राज्य सरकार से परामर्श कर शैक्षणिक संस्थान बंद कराने के संबंध में निर्णय ले सकेंगे.

ये टीम करेगी बाजारों में चेकिंग

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में कोरोना प्रोटाकाॅल का उल्लंघन होता है, वहां उल्लंघन करने वालों के साथ-साथ संबंधित प्रतिष्ठान संचालक को भी जिम्मेदार माना जाएगा. ऐसे प्रतिष्ठानों को सीज भी किया जा सकता है. उन्होंने निर्देश दिए कि जिला प्रशासन, पुलिस और स्थानीय निकाय की संयुक्त टीम बाजारों का दौरा कर प्रतिष्ठानों में कोविड प्रोटोकाॅल की पालना सुनिश्चित करें.

ये टीमें 14 अप्रैल तक सघन निरीक्षण करेगी और उल्लंघन पाए जाने पर जुर्माना और सीज की कार्रवाई भी कर सकेगी. साथ ही जिन विवाह स्थलों पर निर्धारित सीमा से अधिक लोग समारोह में एकत्रित होते हैं तो उन विवाह स्थलों के संचालक भी जिम्मेदार होंगे. ऐसे विवाह स्थलों को सीज किया जा सकेगा.

चित्तौड़ और आबूरोड में भी नाइट कर्फ्यू

गहलोत ने कहा कि प्रदेश के जिन नगरीय क्षेत्रों में रात 11 बजे से नाइट कर्फ्यू लगाया गया है, वहां अब रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा. अजमेर, भीलवाड़ा, जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, सांगवाड़ा और कुशलगढ़ के साथ-साथ अब चित्तौड़गढ़ और आबूरोड में भी नाइट कर्फ्यू रहेगा. साथ ही सभी नगरीय क्षेत्रों में अब बाजार रात 10 बजे के स्थान पर एक घंटे पूर्व 9 बजे ही बंद होंगे.

पढ़ें- अजमेर में 45 की उम्र तक के 4 लाख लोगों का 1 अप्रैल से होगा वैक्सीनेशन

आईटी कंपनियों, रेस्टोरेंट, कैमिस्ट शाॅप, अनिवार्य और आपातकालीन सेवाओं से संबंधित कार्यालय, विवाह संबंधी समारोह, चिकित्सा संस्थान, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट से आने-जाने वाले यात्री, माल परिवहन करने वाले वाहन और लोडिंग एवं अनलोडिंग के नियोजित व्यक्ति नाइट कर्फ्यू की व्यवस्था से पहले की तरह मुक्त होंगे.

जिला कलेक्टर अपने जिले का एक्शन प्लान बनाएं

मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे कोरोना को लेकर अपने-अपने जिले का एक्शन प्लान बनाएं और पाॅजिटिविटी रेट, मृत्यु दर, टेस्टिंग आदि की नियमित समीक्षा करें. कांटेक्ट ट्रेसिंग, माइक्रो कंटेनमेंट जोन और टेस्टिंग बढ़ाने पर विशेष जोर दें. जिला स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्षों को पुनः प्रभावी बनाएं. इंसीडेंट कमांड सिस्टम को पुनः मजबूत किया जाए. 'नो मास्क-नो एंट्री' की सख्ती से पालना हो. टीकाकरण की गति को और बढ़ाया जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की लड़ाई में राजस्थान अब तक आगे रहा है, लेकिन बीते कुछ दिनों से देश के अन्य राज्यों के साथ ही हमारे यहां भी तेजी से मामले बढ़े हैं. कोराना से जीती हुई जंग कहीं हम हार न जाएं, इसके लिए जरूरी है कि लोग अति-आवश्यक होने पर ही दूसरे राज्यों की यात्रा करें. उन्होंने कहा कि इन कड़े कदमों से लोगों को कुछ तकलीफ हो सकती है, लेकिन जीवन रक्षा के लिए ऐसे निर्णय लिया जाना जरूरी है.

वैक्सीनेशन सबसे मजबूत हथियार

गहलोत ने कहा कि वैक्सीनेशन कोरोना से बचाव का सबसे मजबूत हथियार है. हमें टीकाकरण पर जोर देना होगा. उन्होंने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि टीकाकरण के निर्धारित लक्ष्यों को जल्द से जल्द प्राप्त किया जाए. मुख्यमंत्री ने अपनी मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर रहे पटवारियों से अपील की है कि वे कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए काम पर लौटें.

गहलोत सरकार ने पटवारियों से की अपील

सीएम गहलोत ने कहा कि सभी पटवारियों ने पूर्व में भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में अहम भूमिका निभाई थी. आशा है कि वे प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए पुनः काम पर लौटेंगे. राज्य सरकार उनकी वाजिब मांगों पर समुचित निर्णय लेने का प्रयास करेगी.

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सख्ती करना आवश्यक

चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सख्ती करना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि पूर्व में समय से लिए गए निर्णयों के कारण राजस्थान कोरोना के प्रबंधन में सबसे आगे रहा. प्रदेश को संक्रमण से बचाने के लिए सरकार सभी संभव कदम उठाएगी.

प्रमुख शासन सचिव गृह ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में गाइडलाइन जारी कर उसकी पालना सुनिश्चित करवाई जा रही है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 8,155 हो गई है. केस डबलिंग टाइम भी घटकर 312 दिन हो गया है और पाॅजिटिविटी रेट भी बढ़कर 3.16 फीसदी हो गई है.

ये रहे मौजूद

बैठक में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, प्रमुख सचिव वित्त अखिल अरोरा, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा, सूचना एवं जनसंपर्क आयुक्त महेंद्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

जयपुर. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार एक्शन मोड पर है. सीएम अशोक गहलोत ने कोरोना के मामलों और उस पर नियंत्रण को लेकर असम चुनाव प्रचार में जाने से पहले कोर ग्रुप के साथ बैठक कर कई अहम निर्णय लिए.

कोरोना समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश को कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से बचाने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि विगत दिनों में कोविड प्रोटोकाॅल की पालना में हुई लापरवाही के कारण कोरोना के केस तेजी से बढ़े हैं. इसे देखते हुए उन्होंने कोविड गाइडलाइन की पालना नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, नाइट कर्फ्यू का समय बढ़ाने सहित अन्य पाबंदियां पुनः लागू करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि संक्रमण की रोकथाम में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. सरकार प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी.

पढ़ें- विश्नोई समाज को भी OBC की केंद्रीय सूची में शामिल करने के लिए गहलोत सरकार ने लिखी केंद्र सरकार को सिफारिशी चिट्ठी

सीएम अशोक गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोविड-19 और वैक्सीनेशन की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में अधिक केस सामने आते हैं, वहां जिला कलेक्टर राज्य सरकार से परामर्श कर शैक्षणिक संस्थान बंद कराने के संबंध में निर्णय ले सकेंगे.

ये टीम करेगी बाजारों में चेकिंग

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में कोरोना प्रोटाकाॅल का उल्लंघन होता है, वहां उल्लंघन करने वालों के साथ-साथ संबंधित प्रतिष्ठान संचालक को भी जिम्मेदार माना जाएगा. ऐसे प्रतिष्ठानों को सीज भी किया जा सकता है. उन्होंने निर्देश दिए कि जिला प्रशासन, पुलिस और स्थानीय निकाय की संयुक्त टीम बाजारों का दौरा कर प्रतिष्ठानों में कोविड प्रोटोकाॅल की पालना सुनिश्चित करें.

ये टीमें 14 अप्रैल तक सघन निरीक्षण करेगी और उल्लंघन पाए जाने पर जुर्माना और सीज की कार्रवाई भी कर सकेगी. साथ ही जिन विवाह स्थलों पर निर्धारित सीमा से अधिक लोग समारोह में एकत्रित होते हैं तो उन विवाह स्थलों के संचालक भी जिम्मेदार होंगे. ऐसे विवाह स्थलों को सीज किया जा सकेगा.

चित्तौड़ और आबूरोड में भी नाइट कर्फ्यू

गहलोत ने कहा कि प्रदेश के जिन नगरीय क्षेत्रों में रात 11 बजे से नाइट कर्फ्यू लगाया गया है, वहां अब रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा. अजमेर, भीलवाड़ा, जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, सांगवाड़ा और कुशलगढ़ के साथ-साथ अब चित्तौड़गढ़ और आबूरोड में भी नाइट कर्फ्यू रहेगा. साथ ही सभी नगरीय क्षेत्रों में अब बाजार रात 10 बजे के स्थान पर एक घंटे पूर्व 9 बजे ही बंद होंगे.

पढ़ें- अजमेर में 45 की उम्र तक के 4 लाख लोगों का 1 अप्रैल से होगा वैक्सीनेशन

आईटी कंपनियों, रेस्टोरेंट, कैमिस्ट शाॅप, अनिवार्य और आपातकालीन सेवाओं से संबंधित कार्यालय, विवाह संबंधी समारोह, चिकित्सा संस्थान, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट से आने-जाने वाले यात्री, माल परिवहन करने वाले वाहन और लोडिंग एवं अनलोडिंग के नियोजित व्यक्ति नाइट कर्फ्यू की व्यवस्था से पहले की तरह मुक्त होंगे.

जिला कलेक्टर अपने जिले का एक्शन प्लान बनाएं

मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे कोरोना को लेकर अपने-अपने जिले का एक्शन प्लान बनाएं और पाॅजिटिविटी रेट, मृत्यु दर, टेस्टिंग आदि की नियमित समीक्षा करें. कांटेक्ट ट्रेसिंग, माइक्रो कंटेनमेंट जोन और टेस्टिंग बढ़ाने पर विशेष जोर दें. जिला स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्षों को पुनः प्रभावी बनाएं. इंसीडेंट कमांड सिस्टम को पुनः मजबूत किया जाए. 'नो मास्क-नो एंट्री' की सख्ती से पालना हो. टीकाकरण की गति को और बढ़ाया जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की लड़ाई में राजस्थान अब तक आगे रहा है, लेकिन बीते कुछ दिनों से देश के अन्य राज्यों के साथ ही हमारे यहां भी तेजी से मामले बढ़े हैं. कोराना से जीती हुई जंग कहीं हम हार न जाएं, इसके लिए जरूरी है कि लोग अति-आवश्यक होने पर ही दूसरे राज्यों की यात्रा करें. उन्होंने कहा कि इन कड़े कदमों से लोगों को कुछ तकलीफ हो सकती है, लेकिन जीवन रक्षा के लिए ऐसे निर्णय लिया जाना जरूरी है.

वैक्सीनेशन सबसे मजबूत हथियार

गहलोत ने कहा कि वैक्सीनेशन कोरोना से बचाव का सबसे मजबूत हथियार है. हमें टीकाकरण पर जोर देना होगा. उन्होंने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि टीकाकरण के निर्धारित लक्ष्यों को जल्द से जल्द प्राप्त किया जाए. मुख्यमंत्री ने अपनी मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर रहे पटवारियों से अपील की है कि वे कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए काम पर लौटें.

गहलोत सरकार ने पटवारियों से की अपील

सीएम गहलोत ने कहा कि सभी पटवारियों ने पूर्व में भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में अहम भूमिका निभाई थी. आशा है कि वे प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए पुनः काम पर लौटेंगे. राज्य सरकार उनकी वाजिब मांगों पर समुचित निर्णय लेने का प्रयास करेगी.

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सख्ती करना आवश्यक

चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सख्ती करना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि पूर्व में समय से लिए गए निर्णयों के कारण राजस्थान कोरोना के प्रबंधन में सबसे आगे रहा. प्रदेश को संक्रमण से बचाने के लिए सरकार सभी संभव कदम उठाएगी.

प्रमुख शासन सचिव गृह ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में गाइडलाइन जारी कर उसकी पालना सुनिश्चित करवाई जा रही है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 8,155 हो गई है. केस डबलिंग टाइम भी घटकर 312 दिन हो गया है और पाॅजिटिविटी रेट भी बढ़कर 3.16 फीसदी हो गई है.

ये रहे मौजूद

बैठक में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, प्रमुख सचिव वित्त अखिल अरोरा, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा, सूचना एवं जनसंपर्क आयुक्त महेंद्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

Last Updated : Apr 1, 2021, 2:26 AM IST
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