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जनप्रतिधियों से सुझाव लेकर कलेक्टर 3 दिन में तैयार करें योजना: CM गहलोत

मुख्यमंत्री गहलोत ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि गर्मी में बेहतर पेयजल आपूर्ति के लिए कंटीन्जेसी प्लान के कार्योें को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूरा करवाएं. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर तीन दिन में सांसदों-विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से सुझाव लें. इसके बाद स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप योजना तैयार कर कार्रवाई करें.

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jaipur मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेयजल व्यवस्थाओं की समीक्षा की
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Published : May 13, 2020, 11:56 PM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को पेयजल आपूर्ति के संबंध में सभी जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर एवं जलदाय विभाग के अधिकारी सुनिश्चित करें कि प्रदेश में पेयजल को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं हो. इसके लिए आरओ, हैंडपम्प एवं ट्यूबवैल मेंटेनेंस, पाइपलाइनों की मरम्मत एवं विस्तार, टैंकर से आपूर्ति सहित अन्य कामों में तेजी से लाएं.

साथ ही जिन जिलों में पेयजल परिवहन की आवश्यकता हो, वहां के लिए एडवांस प्लान तैयार करें. हैंडपम्प एवं ट्यूबवैल की जो स्वीकृतियां लंबित हैं, उन्हें तुरंत जारी किया जाए.

परियोजनाओं के लिए बनाएं विशेष टीम

समीक्षा में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लंबित परियोजनाओं को गति देने के लिए एक विशेष टीम बनाई जाए, जो निरंतर मॉनिटरिंग कर इन प्रोजेक्ट्स को जल्द से जल्द पूरे करवाएं. उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं होने से न केवल उनकी लागत बढ़ती है, बल्कि लोगों को उनका समय पर लाभ भी नहीं मिल पाता.

पढ़े: विशेष: रियल एस्टेट कारोबारियों को सरकार ने दी समय की डोज, अब श्रमिकों को जुटाना बड़ी चुनौती

साप्ताहिक बैठक कर हो समीक्षा

गहलोत ने कहा कि जिला स्तर पर पेयजल से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए नियंत्रण कक्ष मुस्तैदी से काम करें. शिकायतों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए. जिला कलेक्टर हर सप्ताह होने वाली समीक्षा बैठक में पेयजल आपूर्ति की समीक्षा करें. हर गांव-ढाणी तक पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए.

92 प्रतिशत से अधिक गांव-ढाणी में पेयजल योजनाओं से आपूर्ति

जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि हर बार पेयजल के लिए गर्मी के मौसम में कंटीन्जेसी प्लान तैयार किया जाता था, लेकिन इस बार सरकार ने फरवरी माह में ही कंटीन्जेसी प्लान के तहत 65 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए थे. हर जिले को 50-50 लाख रुपये इस प्लान के तहत दिए गए हैं और हर जिले में जरूरी काम शुरू भी हो गए हैं. प्रदेश में करीब 1 लाख 21 हजार 530 गांव, ढाणी हैं, जिनमें से 92 प्रतिशत से अधिक में पेयजल योजनाओं के माध्यम से आपूर्ति की जा रही है.

पढ़े: विशेष: 90,000 करोड़ के राहत पैकेज के बाद क्या बिजली कंपनियों को मिल पाएगा बल?

शिकायतों का हो तत्काल निराकरण

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि जिला कलेक्टर एवं उपखंड अधिकारी सहित जलदाय विभाग से संबंधित अन्य अधिकारी पेयजल आपूर्ति की शिकायतों को गंभीरता से लेकर तत्काल प्रभाव से निराकरण करवाएं. प्रमुख शासन सचिव, जलदाय राजेश यादव ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि प्रदेश में पिछले साल अच्छी बारिश होने के कारण ज्यादातर जिलों में पेयजल आपूर्ति की स्थिति सामान्य है. उन्होंने बताया कि 134 शहरों में पेयजल परिवहन के लिए 24 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 41 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है. हैंडपम्प मरम्मत अभियान के तहत अब तक करीब 22 हजार हैण्डपम्प की मरम्मत हो चुकी है.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को पेयजल आपूर्ति के संबंध में सभी जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर एवं जलदाय विभाग के अधिकारी सुनिश्चित करें कि प्रदेश में पेयजल को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं हो. इसके लिए आरओ, हैंडपम्प एवं ट्यूबवैल मेंटेनेंस, पाइपलाइनों की मरम्मत एवं विस्तार, टैंकर से आपूर्ति सहित अन्य कामों में तेजी से लाएं.

साथ ही जिन जिलों में पेयजल परिवहन की आवश्यकता हो, वहां के लिए एडवांस प्लान तैयार करें. हैंडपम्प एवं ट्यूबवैल की जो स्वीकृतियां लंबित हैं, उन्हें तुरंत जारी किया जाए.

परियोजनाओं के लिए बनाएं विशेष टीम

समीक्षा में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लंबित परियोजनाओं को गति देने के लिए एक विशेष टीम बनाई जाए, जो निरंतर मॉनिटरिंग कर इन प्रोजेक्ट्स को जल्द से जल्द पूरे करवाएं. उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं होने से न केवल उनकी लागत बढ़ती है, बल्कि लोगों को उनका समय पर लाभ भी नहीं मिल पाता.

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साप्ताहिक बैठक कर हो समीक्षा

गहलोत ने कहा कि जिला स्तर पर पेयजल से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए नियंत्रण कक्ष मुस्तैदी से काम करें. शिकायतों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए. जिला कलेक्टर हर सप्ताह होने वाली समीक्षा बैठक में पेयजल आपूर्ति की समीक्षा करें. हर गांव-ढाणी तक पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए.

92 प्रतिशत से अधिक गांव-ढाणी में पेयजल योजनाओं से आपूर्ति

जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि हर बार पेयजल के लिए गर्मी के मौसम में कंटीन्जेसी प्लान तैयार किया जाता था, लेकिन इस बार सरकार ने फरवरी माह में ही कंटीन्जेसी प्लान के तहत 65 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए थे. हर जिले को 50-50 लाख रुपये इस प्लान के तहत दिए गए हैं और हर जिले में जरूरी काम शुरू भी हो गए हैं. प्रदेश में करीब 1 लाख 21 हजार 530 गांव, ढाणी हैं, जिनमें से 92 प्रतिशत से अधिक में पेयजल योजनाओं के माध्यम से आपूर्ति की जा रही है.

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शिकायतों का हो तत्काल निराकरण

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि जिला कलेक्टर एवं उपखंड अधिकारी सहित जलदाय विभाग से संबंधित अन्य अधिकारी पेयजल आपूर्ति की शिकायतों को गंभीरता से लेकर तत्काल प्रभाव से निराकरण करवाएं. प्रमुख शासन सचिव, जलदाय राजेश यादव ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि प्रदेश में पिछले साल अच्छी बारिश होने के कारण ज्यादातर जिलों में पेयजल आपूर्ति की स्थिति सामान्य है. उन्होंने बताया कि 134 शहरों में पेयजल परिवहन के लिए 24 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 41 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है. हैंडपम्प मरम्मत अभियान के तहत अब तक करीब 22 हजार हैण्डपम्प की मरम्मत हो चुकी है.

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