जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के आंकड़े तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद भी इन आंकड़ों में कमी नहीं आ पा रही है. सरकार ने पहले जन अनुशासन पखवाड़ा शुरू किया. जिसमें कई तरह की पाबंदियां लगाई गई. अब मुख्यमंत्री ने रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा शुरू किया है. लेकिन फिर भी लापरवाही बरती जा रही है.
इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को सोशल मीडिया के जरिए अलर्ट मेसेज जारी किया. जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना की दूसरी वेव को लेकर राष्ट्रीय और विश्वस्तर पर अन्तराष्ट्रीय विशेषज्ञ कह रहे हैं कि सरकारें कितनी ही सुविधाएं बढ़ा लें. कोरोना की रफ्तार चार गुना है. मरीजों के लिए ऑक्सीजन और दवाईयों की कमी बनी रहेगी. हम संक्रमितों की चेन तोड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक कर और आमजन के कोरोना प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना करने से ही सम्भव होगा. जिससे अविलम्ब संख्या में ब्रेक लगेगा. अन्यथा स्थिति और भयावह बन सकती है.
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस सावधान करने वाली मैसेज के बाद सरकार अब लॉकडाउन जैसे निर्णय पर गंभीरता से विचार कर रही है. बता दें कि लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इसकी पैरवी की है. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर भारत सरकार को सुझाव दिया है. राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा है कि इस वक्त कोरोना की लहर को रोकने का एक मात्र उपाय संपूर्ण लॉकडाउन ही है.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि भारत सरकार समझ नहीं रही है. कोरोना के प्रसार को रोकने का एकमात्र उपाय संपूर्ण लॉकडाउन ही है. लेकिन समाज के कुछ तबकों को न्याय योजना का लाभ देने के साथ ही भारत सरकार का एक्शन ना लेना इस वक्त मासूम लोगों को मार रहा है. हालांकि राहुल गांधी अब तक लॉकडाउन के विरोध में अपनी राय रखते आए हैं. पिछले साल भी जब भारत सरकार ने संपूर्ण लॉकडाउन लगाया था तब राहुल गांधी ने इसकी आलोचना की थी.
माना जा रहा है कि राहुल गांधी के इस ट्वीट के बाद में प्रदेश की गहलोत सरकार भी संपूर्ण लॉकडाउन को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दी पहले कह चुके हैं कि लॉकडाउन आखिरी विकल्प के रूप में काम में लिया जाएगा. लेकिन राजस्थान में जिस तरीके से हजारों की संख्या में हर दिन कोरोना संक्रमण के आंकड़े बढ़ रहे हैं. इस चेन को तोड़ने के लिए सरकार यह कठोर कदम उठा सकती है.
कोरोना के कारण प्रदेश का हाल बेहाल है. इस वक्त देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है, जो काफी खतरनाक है. पिछले करीब दो हफ्ते से प्रदेश में हर दिन 20 हजार से ज्यादा कोरोना के केस आ रहे हैं. जबकि अब हर रोज डेढ़ सौ से ज्यादा मौतें दर्ज की जा रही हैं.