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प्रदेश के 20 ITI में नए रोजगारोन्मुखी कोर्सेज के लिए मिलेगा प्रशिक्षित स्टॉफ, गहलोत ने दी मंजूरी

प्रदेश के 20 आईटीआई में नए रोजगारोन्मुखी कोर्सेज के लिए 260 नए पदों के सृजन की मंजूरी सीएम गहलोत ने दे दी है. बता दें कि वहां अगले शैक्षणिक सत्र साल 2020-21 से नए पाठ्यक्रम शुरू हो सकेंगे.

राजस्थान आईटीआई प्रशिक्षित स्टाफ भर्ती, Rajasthan ITI Trained Staff Recruitment
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Published : Oct 22, 2019, 8:41 PM IST

जयपुर. प्रदेश की 20 आईटीआई में नए रोजगारोन्मुखी कोर्सेज के लिए प्रशिक्षित स्टॉफ मिलेगा. इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 260 नए पदों के सृजन की मंजूरी दे दी है. प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में छात्र-छात्राओं को विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण देने के लिए अनुदेशकों सहित प्रशिक्षित स्टाफ की कमी शीघ्र दूर होगी.

रोजगारोन्मुखी कोर्सेज के लिए मिलेगा प्रशिक्षित स्टाफ

बता दें कि आईटीआई में अनुदेशकों सहिक प्रशिक्षित स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने पिछले 6 वित्तीय वर्षों के दौरान बजट घोषणाओं के माध्यम से 20 आईटीआई संस्थानों में शुरू किए गए नये ट्रेड के कोर्सेज के लिए विभिन्न श्रेणी के 260 पद सृजित करने का निर्णय लिया है. गहलोत ने इसके लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.

पढे़ं- अब स्टूडेंट्स को हवाई यात्रा का मिलेगा मौका, शिक्षा मंत्री ने की घोषणा

वहीं, प्रस्ताव के अनुसार इन पदों के सृजन के बाद जिन संस्थानों में बजट घोषणाओं के अनुरुप नए ट्रेड शुरू करने के लिए भवन उपलब्ध हैं या निर्माणाधीन भवनों का कार्य लगभग पूरा होने को है. वहां अगले शैक्षणिक सत्र साल 2020-21 से नए पाठ्यक्रम शुरू हो सकेंगे.

बता दें कि इन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, सफाई कार्य, सुरक्षा गार्ड और बागवानी के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं ली जा सकेंगी. वहीं, इस निर्णय से राज्य सरकार पर 2 साल तक हर साल 58 करोड़ रुपए और उसके बाद प्रतिवर्ष 104 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा.

जयपुर. प्रदेश की 20 आईटीआई में नए रोजगारोन्मुखी कोर्सेज के लिए प्रशिक्षित स्टॉफ मिलेगा. इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 260 नए पदों के सृजन की मंजूरी दे दी है. प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में छात्र-छात्राओं को विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण देने के लिए अनुदेशकों सहित प्रशिक्षित स्टाफ की कमी शीघ्र दूर होगी.

रोजगारोन्मुखी कोर्सेज के लिए मिलेगा प्रशिक्षित स्टाफ

बता दें कि आईटीआई में अनुदेशकों सहिक प्रशिक्षित स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने पिछले 6 वित्तीय वर्षों के दौरान बजट घोषणाओं के माध्यम से 20 आईटीआई संस्थानों में शुरू किए गए नये ट्रेड के कोर्सेज के लिए विभिन्न श्रेणी के 260 पद सृजित करने का निर्णय लिया है. गहलोत ने इसके लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.

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वहीं, प्रस्ताव के अनुसार इन पदों के सृजन के बाद जिन संस्थानों में बजट घोषणाओं के अनुरुप नए ट्रेड शुरू करने के लिए भवन उपलब्ध हैं या निर्माणाधीन भवनों का कार्य लगभग पूरा होने को है. वहां अगले शैक्षणिक सत्र साल 2020-21 से नए पाठ्यक्रम शुरू हो सकेंगे.

बता दें कि इन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, सफाई कार्य, सुरक्षा गार्ड और बागवानी के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं ली जा सकेंगी. वहीं, इस निर्णय से राज्य सरकार पर 2 साल तक हर साल 58 करोड़ रुपए और उसके बाद प्रतिवर्ष 104 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा.

Intro:
20 आईटीआई में नये रोजगारोन्मुखी कोर्सेज के लिए मिलेगा प्रशिक्षित स्टाफ
मुख्यमंत्री ने दी 260 नए पदों के सृजन की मंजूरी

जयपुर,
एंकर:- प्रदेश की 20 आईटीआई में नये रोजगारोन्मुखी कोर्सेज के लिए प्रशिक्षित स्टाफ मिलेगा , इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 260 नए पदों के सृजन की मंजूरी दे दी है , प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में छात्र-छात्राओं को विभिन्न टे्रड में प्रशिक्षण देने के लिए अनुदेशकों सहित प्रशिक्षित स्टाफ की कमी शीघ्र दूर होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने पिछले 6 वित्तीय वर्षों के दौरान बजट घोषणाओं के माध्यम से 20 आईटीआई संस्थानों में शुरू किए गए नये टे्रड के कोर्सेज के लिए विभिन्न श्रेणी के 260 पद सृजित करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। प्रस्ताव के अनुसार, इन पदों के सृजन के बाद, जिन संस्थानों में बजट घोषणाओं के अनुरूप नये टे्रड शुरू करने के लिए भवन उपलब्ध हैंं, या निर्माणाधीन भवनों का कार्य लगभग पूरा होने को है, वहां अगले शैक्षणिक सत्र वर्ष 2020-21 से नये पाठ्यक्रम शुरू हो सकेंगे।
इन आईटीआई में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, सफाई कार्य, सुरक्षा गार्ड और बागवानी के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं ली जा सकेंगी। इस निर्णय से राज्य सरकार पर दो वर्ष तक प्रतिवर्ष 58 करोड़ रूपये और उसके बाद प्रतिवर्ष 104 करोड़ रूपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।Body:VoConclusion:Vo
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