जयपुर. विश्वव्यापी महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस को हराने के लिए लोग अपने-अपने तरीके से जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं. इसी कड़ी में फिल्म अभिनेताओं के बाद अब राजस्थान के आईएएस श्याम सिंह राजपुरोहित ने कोरोना वायरस पर अपनी एक रचना लिखी है. 'नवा-ए- कोरोना' के नाम से लिखी गई इस रचना की सभी लाइनों के पहले अक्षर को मिलाकर कोरोना वायरस शब्द बनता है. इस रचना के जरिए कोरोना के प्रभाव को बहुत खूबसरती से पेश किया गया है.
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राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी का पद संभाला रहे आईएएस श्याम सिंह राजपुरोहित की साहित्य में खासी रुचि है, यही वजह है कि श्याम सिंह राजपुरोहित ने कोरोना वायरस पर अपनी एक रचना लिखी है. आईएएस द्वारा लिखी गई इस रचना को बहुत पसंद किया जा रहा है. इस रचना के हर शेर में कोरोना वायरस को लेकर उपजे हालातों को बहुत सुन्दर शब्दों के जरिये पेश किया गया है.
नवा-ए-कोरोना:
कोना कोना शहर का अब वीरान नजर आता है
हर गली कूचा और बाजार सुना नजर आता है.
रोज रहा करता था गुलजार जो हंसी ठहाकों से
वही चौबारा अब तो शमशान नजर आता है.
नादान लोगों की हरकतों को भुगतने को मजबूर
सीधा सादा आदमी बेवजह हलकान नजर आता है.
वाकई यह कोई बीमारी ही है, ऐसा लगता नहीं या रब
यह तो इंसानी खताओं का तावान नजर आता है.
यकीन करने के लिए मौजूद है वजूहात काफी
यह आलमी में वबा सब मर्जों का सुलतान नजर आता है.
रहने को बनाया था जिसे बड़ी जद्दोजहद से
रहते हुए उसी घर में कोई परेशान नजर आता है.
सब महफूज हैं, रहें जब तक कि घर ही में अपने
जिंदा रहने की को यही एक इम्तिहान नजर आता है.