जयपुर. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार को राज्य में मतदाता सूचियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया. जिसमें उन्होंने जिन जिलों में महिला वोटर्स की जनसंख्या कम है वहां पर विशेष कार्य योजना तैयार कर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि जिन जिलों में महिलाओं का अनुपात मतदाता सूची में कम हैं, वहां पर स्वीप की गतिविधियों की योजना तैयार कर अनुपात को बढ़ाया जाए. इसी प्रकार से 18 से 19 वर्ष के युवाओं का पंजीकरण निर्धारित मापदंड के अनुसार करने के लिए महाविद्यालय और कॉलेजों में विशेष गतिविधियां आयोजित की जाए.
साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने कच्ची बस्ती में रहने वाले कितने पुरुष, महिलाएं मतदाता सूची में दर्ज हैं, इसका भी सर्वे करवाने के निर्देश दिए. इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 1 महीने का समय निर्धारित किया गया है. सुनील अरोड़ा ने राज्य में मतदाता सूचियों को किस प्रकार शुद्धि त्रुटि रहित बनाया जा सकता है और निर्वाचन से जुड़े हुए सभी अधिकारियों के समय और श्रम का अधिकतम उपयोग किस प्रकार से किया जा सकता है. इस संबंध में सभी जिला अधिकारियों से सुझाव मांगे और उन पर चर्चा की.
उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग से विभागीय की सूची तैयार करने के संबंध में भी विचार सुझाव देने के निर्देश दिए. वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त संदीप सक्सेना ने कहा कि राजस्थान में मतदाता सूचियों का शुद्धिकरण गुणवत्ता सुनिश्चित करें कि जाएगी मतदाता सूची शुद्धिकरण गुणवत्ता सुधार तथा जनसाधारण को निर्वाचन संबंधित सेवाओं को आसानी से उपलब्ध हेतु राजस्थान राज्य में प्रथम पायलट प्रोजेक्ट किया जाएगा इस प्रोजेक्ट के परिणाम के आधार पर अन्य राज्यों में इसकी कार्ययोजना पर विस्तार किया जाएगा.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इस संबंध में निर्वाचन संबंधी अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में 1 जनवरी 2020 के क्रम में मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम की तैयारियों के संबंध में चर्चा की गई. बैठक में वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त संदीप सक्सेना ,सचिव भारत निर्वाचन आयोग राहुल शर्मा, निर्वाचन विभाग की ओर से रेखा गुप्ता और जोगाराम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. इस मौके पर कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने जयपुर जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में भाग लिया.