ETV Bharat / city

विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के बयान पर चतुर्वेदी ने किया समर्थन...लेकिन साथ में कह दी ये बात - Jaipur latest news

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी द्वारा दल-बदल कानून और राजस्थान पॉलीटिकल क्राइसिस के दौरान न्यायालय द्वारा विधानसभा स्पीकर के कार्य क्षेत्र में हस्तक्षेप से जुड़े बयान पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

Jaipur latest news, Jaipur Hindi News
स्पीकर सीपी जोशी के बयान पर चतुर्वेदी ने किया समर्थन
author img

By

Published : Nov 27, 2020, 10:29 PM IST

जयपुर. गुजरात में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी द्वारा दल-बदल कानून और इस संबंध में राजस्थान पॉलिटिकल क्राइसिस के दौरान न्यायालय द्वारा विधानसभा स्पीकर के कार्य क्षेत्र में हस्तक्षेप से जुड़े बयान पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. चतुर्वेदी ने दल-बदल कानून में मौजूदा परिस्थितियों को देखकर संशोधन की दरकार जताई, जिससे इसकी कमियों को दूर किया जा सके.

स्पीकर सीपी जोशी के बयान पर चतुर्वेदी ने किया समर्थन

चतुर्वेदी ने एक बयान जारी कर कहा कि जिस तरह डॉक्टर सीपी जोशी ने हाल ही में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में दल-बदल कानून के तहत पार्टी प्रदेश अध्यक्षों को शक्तियां दिए जाने की वकालत की थी. जिससे इस प्रकार के विधायकों पर पार्टी सख्ती से कार्रवाई कर सके पर समग्र रूप से विचार करने की मांग की है. चतुर्वेदी के अनुसार बीते कालखंड में मौजूदा कानून कि कई कमियां भी सामने आई है. जिसमें सभी को समग्र रूप से विचार करते हुए यथासंभव इसमें सुधार भी करना चाहिए.

पढे़ंः जयपुर: दल-बदल कानून और लव जिहाद के खिलाफ कानून को लेकर ये बोले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

वहीं, पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के दौरान आए सीपी जोशी के उस बयान पर चतुर्वेदी ने आपत्ति जताई. जिसमें जोशी ने कहा था कि प्रदेश में सियासी संकट के दौरान दल-बदल कानून के तहत दिए गए स्पीकर के नोटिस पर न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप कर निर्देश देने की बात कही गई थी. चतुर्वेदी ने कहा उस दौरान भी माननीय न्यायालय ने विधानसभा स्पीकर को निर्देश नहीं दिए, बल्कि सुझाव दिया था.

चतुर्वेदी के अनुसार मौजूदा कानून में जो प्रावधान है उसके तहत विधानसभा स्पीकर इस प्रकार के मामलों में विधानसभा के भीतर हुए घटनाक्रम के आधार पर डिसक्वालीफाई का नोटिस संबंधित विधायक को जारी कर सकता है. लेकिन पिछले दिनों जो सियासी संकट आया था, उसमें विधानसभा के बाहर की गतिविधियों को आधार बनाकर स्पीकर ने नोटिस जारी कर दिया. जो मौजूदा कानून के प्रावधानों के बाहर था जिसके चलते न्यायालय में हस्तक्षेप किया था.

जयपुर. गुजरात में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी द्वारा दल-बदल कानून और इस संबंध में राजस्थान पॉलिटिकल क्राइसिस के दौरान न्यायालय द्वारा विधानसभा स्पीकर के कार्य क्षेत्र में हस्तक्षेप से जुड़े बयान पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. चतुर्वेदी ने दल-बदल कानून में मौजूदा परिस्थितियों को देखकर संशोधन की दरकार जताई, जिससे इसकी कमियों को दूर किया जा सके.

स्पीकर सीपी जोशी के बयान पर चतुर्वेदी ने किया समर्थन

चतुर्वेदी ने एक बयान जारी कर कहा कि जिस तरह डॉक्टर सीपी जोशी ने हाल ही में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में दल-बदल कानून के तहत पार्टी प्रदेश अध्यक्षों को शक्तियां दिए जाने की वकालत की थी. जिससे इस प्रकार के विधायकों पर पार्टी सख्ती से कार्रवाई कर सके पर समग्र रूप से विचार करने की मांग की है. चतुर्वेदी के अनुसार बीते कालखंड में मौजूदा कानून कि कई कमियां भी सामने आई है. जिसमें सभी को समग्र रूप से विचार करते हुए यथासंभव इसमें सुधार भी करना चाहिए.

पढे़ंः जयपुर: दल-बदल कानून और लव जिहाद के खिलाफ कानून को लेकर ये बोले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

वहीं, पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के दौरान आए सीपी जोशी के उस बयान पर चतुर्वेदी ने आपत्ति जताई. जिसमें जोशी ने कहा था कि प्रदेश में सियासी संकट के दौरान दल-बदल कानून के तहत दिए गए स्पीकर के नोटिस पर न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप कर निर्देश देने की बात कही गई थी. चतुर्वेदी ने कहा उस दौरान भी माननीय न्यायालय ने विधानसभा स्पीकर को निर्देश नहीं दिए, बल्कि सुझाव दिया था.

चतुर्वेदी के अनुसार मौजूदा कानून में जो प्रावधान है उसके तहत विधानसभा स्पीकर इस प्रकार के मामलों में विधानसभा के भीतर हुए घटनाक्रम के आधार पर डिसक्वालीफाई का नोटिस संबंधित विधायक को जारी कर सकता है. लेकिन पिछले दिनों जो सियासी संकट आया था, उसमें विधानसभा के बाहर की गतिविधियों को आधार बनाकर स्पीकर ने नोटिस जारी कर दिया. जो मौजूदा कानून के प्रावधानों के बाहर था जिसके चलते न्यायालय में हस्तक्षेप किया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.