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जयपुर: 22 साल पहले आईएएस से मारपीट के मामले में भाटी के खिलाफ आरोप पत्र पेश

करीब 22 साल पहले ठेका कम्पनी के खिलाफ विवादित टिप्पणी से नाराज होकर तत्कालीन मंत्री देवी सिंह भाटी की ओर से तत्कालीन सिंचाई विभाग के सचिव पीके देव के साथ 6 दिसम्बर 1997 को सचिवालय में मारपीट मामले में अशोक नगर थाना पुलिस ने भाटी के खिलाफ एमएम कोर्ट-11 में चालान पेश किया.

जयपुर कोर्ट आदेश , Jaipur Court Order
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Published : Oct 16, 2019, 3:20 AM IST

जयपुर. करीब 22 साल पहले ठेका कम्पनी के खिलाफ विवादित टिप्पणी से नाराज होकर तत्कालीन मंत्री देवी सिंह भाटी की ओर से तत्कालीन सिंचाई विभाग के सचिव पीके देव के साथ 6 दिसम्बर 1997 को सचिवालय में मारपीट मामले में अशोक नगर थाना पुलिस ने भाटी के खिलाफ एमएम कोर्ट-11 में चालान पेश किया. पुलिस ने भाटी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 341, 332, 353, 333 एवं 34 के तहत चालान पेश किया है. कोर्ट ने इन धाराओं में प्रसंज्ञान लेते हुए भाटी को 21 अक्टूबर को समन जारी कर तलब किया है.

मामले के अनुसार देवी सिंह भाटी ने घटना वाले दिन अपने विशिष्ट सहायक के जरिए सचिव पी के देव को दोपहर 3:05 बजे अपने कमरा नंबर 143 में बुलाया था. उन्होंने देव को भारती कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ टिप्पणी करने पर फटकार लगाई. जबकि इस कंपनी को बीसलपुर प्रोजेक्ट में एवं अन्य कार्यों में अनियमितता के कारण ब्लैक लिस्ट किया था. मंत्री के कमरे में उस समय सुमेर सिंह और एक अन्य व्यक्ति भी मौजूद था. देव ने भाटी पर उनके कक्ष में उसे मुक्कों और लातों से मारपीट करने का आरोप लगाया था.

पढ़ें- मीसाबंदी पेंशन पर सियासत तेज, खाचरियावास बोले- पेंशन गरीब तबकों को दी जाती है ना कि राजनीतिक लड़ाई लड़ने वालों को

वहीं, मारपीट के कारण देव के चेहरे, सिर, बदन और हाथ पर चोटें आई थीं और अंगूठे में भी फ्रेक्चर हो गया था. देव ने घटना की जानकारी आदर्श किशोर सक्सेना, रणधीर सिंह राठौड़ सहित अन्य को दी थी. पुलिस ने कहा कि एलडीसी किशनाराम और प्रेमचंद, पीए सुरेश कुमार, जमादार नारायण, निजी सहायक भगवती प्रसाद ने बयान दिए हैं कि भाटी के कक्ष में जाते समय देव सही थे. लेकिन जब वे मंत्री के कमरे से वापस आए तो घबराए हुए थे और उनके चेहरे पर सूजन थी और कपड़े अस्त-व्यस्त थे.

जयपुर. करीब 22 साल पहले ठेका कम्पनी के खिलाफ विवादित टिप्पणी से नाराज होकर तत्कालीन मंत्री देवी सिंह भाटी की ओर से तत्कालीन सिंचाई विभाग के सचिव पीके देव के साथ 6 दिसम्बर 1997 को सचिवालय में मारपीट मामले में अशोक नगर थाना पुलिस ने भाटी के खिलाफ एमएम कोर्ट-11 में चालान पेश किया. पुलिस ने भाटी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 341, 332, 353, 333 एवं 34 के तहत चालान पेश किया है. कोर्ट ने इन धाराओं में प्रसंज्ञान लेते हुए भाटी को 21 अक्टूबर को समन जारी कर तलब किया है.

मामले के अनुसार देवी सिंह भाटी ने घटना वाले दिन अपने विशिष्ट सहायक के जरिए सचिव पी के देव को दोपहर 3:05 बजे अपने कमरा नंबर 143 में बुलाया था. उन्होंने देव को भारती कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ टिप्पणी करने पर फटकार लगाई. जबकि इस कंपनी को बीसलपुर प्रोजेक्ट में एवं अन्य कार्यों में अनियमितता के कारण ब्लैक लिस्ट किया था. मंत्री के कमरे में उस समय सुमेर सिंह और एक अन्य व्यक्ति भी मौजूद था. देव ने भाटी पर उनके कक्ष में उसे मुक्कों और लातों से मारपीट करने का आरोप लगाया था.

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वहीं, मारपीट के कारण देव के चेहरे, सिर, बदन और हाथ पर चोटें आई थीं और अंगूठे में भी फ्रेक्चर हो गया था. देव ने घटना की जानकारी आदर्श किशोर सक्सेना, रणधीर सिंह राठौड़ सहित अन्य को दी थी. पुलिस ने कहा कि एलडीसी किशनाराम और प्रेमचंद, पीए सुरेश कुमार, जमादार नारायण, निजी सहायक भगवती प्रसाद ने बयान दिए हैं कि भाटी के कक्ष में जाते समय देव सही थे. लेकिन जब वे मंत्री के कमरे से वापस आए तो घबराए हुए थे और उनके चेहरे पर सूजन थी और कपड़े अस्त-व्यस्त थे.

Intro:जयपुर। करीब 22 साल पहले ठेका कम्पनी के खिलाफ विवादित टिप्पणी से नाराज होकर तत्कालीन मंत्री देवी सिंह भाटी द्वारा तत्कालीन सिंचाई विभाग के सचिव पीके देव के साथ 6 दिसम्बर, 1997 को सचिवालय में मारपीट मामले में अशोक नगर थाना पुलिस ने भाटी के खिलाफ एमएम कोर्ट-11 में चालान पेश किया। पुलिस ने भाटी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 341, 332, 353, 333 एवं 34 के तहत चालान पेश किया है। कोर्ट ने इन धाराओं में प्रसंज्ञान लेते हुए भाटी को 21 अक्टूबर को समन जारी कर तलब किया है।
Body:मामले के अनुसार, देवीसिंह भाटी ने घटना वाले दिन अपने विशिष्ट सहायक के जरिए सचिव पी.के. देव को दोपहर 3.05 बजे अपने कमरा नम्बर 143 में बुलाया था। उन्होंने देव को भारती कन्स्ट्रक्शन कम्पनी के खिलाफ टिप्पणी करने पर फटकार लगाई। जबकि इस कंपनी को बीसलपुर प्रोजेक्ट में एवं अन्य कार्यों में अनियमितता के कारण ब्लैक लिस्ट किया था। मंत्री के कमरे में उस समय सुमेर सिंह एवं एक अन्य व्यक्ति भी मौजूद था। देव ने भाटी पर उनके कक्ष में उसे मुक्कों व लातों से मारपीट करने का आरोप लगाया था। मारपीट के कारण देव के चेहरे, सिर, बदन व हाथ पर चोटें आई थीं और अंगूठे में भी फ्रेक्चर हो गया था। देव ने घटना की जानकारी आदर्श किशोर सक्सैना, रणधीर सिंह राठौड़ सहित अन्य को दी थी। पुलिस ने कहा कि एलडीसी किशनाराम व प्रेमचंद, पीए सुरेश कुमार, जमादार नारायण, निजी सहायक भगवती प्रसाद ने बयान दिए हैं कि भाटी के कक्ष में जाते समय देव सही थे। लेकिन जब वे मंत्री के कमरे से वापस आए तो घबराए हुए थे और उनके चेहरे पर सूजन थी व कपड़े अस्त-व्यस्त थे।Conclusion:
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