जयपुर. आमेर शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद होने से नवरात्र मेला नहीं भरेगा. हालांकि पुजारियों द्वारा घट स्थापना के बाद पूरे 9 दिन विधिवत पूजा अर्चना की जाएगी. शास्त्रों के अनुसार नवरात्र स्थापना प्रातः काल में ही की जाती है. आमेर शिला माता मंदिर में 25 मार्च को सुबह 6:35 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ घट स्थापना की जाएगी. रोजाना पुजारी ही शिला माता के दरबार में पूजा अर्चना करेंगे.
शिला माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान 10 महाविद्याओं और 9 दुर्गाओं की प्रतिदिन पूजा अर्चना की जाएगी. पहले नवरात्र को मां शैलपुत्री की पूजा होगी. दूसरे नवरात्र को ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे नवरात्र को चंद्रघंटा माता, चौथे नवरात्र को कुषमांडा माता, पांचवें नवरात्रा को स्कंदमाता, छठे नवरात्र को कात्यायनी माता, सातवें नवरात्र को कालरात्रि माता, आठवें नवरात्र को महागौरी माता और नवें व आखिरी नवरात्र को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी.
नवरात्रों में प्रतिदिन दुर्गा सप्तमी का पाठ और हवन किया जाएगा. माता रानी का विशेष श्रृंगार कर झांकी भी सजाई जाएगी. नवरात्रों में पूर्व राज परिवार की ओर से माता रानी की पोशाक चढ़ाई जाती है और रोजाना आभूषणों का विशेष श्रृंगार किया जाता है. शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि शिला माता मंदिर में नवरात्र का आगाज 25 मार्च से शुरू हो रहा है. घटस्थापना सुबह 6:35 बजे पर की जाएगी.
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घटस्थापना के बाद पूरे 9 दिन तक विधिवत रूप से माता की पूजा-अर्चना की जाएगी, लेकिन भक्तों का प्रवेश बंद रहेगा. पुजारी बनवारी लाल ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि राजस्थान में लॉक डाउन के चलते 31 मार्च तक माता के दर्शन बंद रहेंगे. कृपया श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए मंदिर में नहीं आवें. 1 अप्रैल को शाम 4:30 बजे पूर्णाहुति और रात्रि 10:00 बजे निशा पूजन होगी. 3 अप्रैल को सुबह 10:30 बजे नवरात्र उत्थापना किया जाएगा.
बता दें कि हर साल नवरात्रों के दौरान शिला माता मंदिर में दूर-दूर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे. माता के दर्शन पाने के लिए अलसुबह से ही भक्तों की लाइनें लगी नजर आती थी. लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से किए गए लॉकडाउन के चलते सभी धार्मिक स्थलों पर लोगों का प्रवेश बंद कर दिया गया है. नवरात्रों के दौरान शिला माता मंदिर सहित तमाम मंदिरों में इस बार भक्तों के बिना ही पुजारियों द्वारा माता की पूजा अर्चना की जाएगी.