जयपुर. देवी भगवती की उपासना के पर्व चैत्र नवरात्रि (Chaitra navratri 2022) का आज शनिवार को आठवां दिन है. आठवें नवरात्रि को मां भगवती के महागौरी स्वरूप की पूजा और उपासना की जाती है. देवी महागौरी की उपासना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देवी के इस स्वरूप को राहु ग्रह से जोड़ा जाता है. राहु ग्रह जीवन में आकस्मिकता, तकनीक, अवचेतन मन का कारक माने जाते हैं. आइए जानते हैं कि देवी महागौरी की उपासना से कैसे राहु ग्रह के बुरे प्रभाव को कम कर जीवन को सुखमय बनाया जा सकता है.
ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि देवी भगवती के महागौरी स्वरूप को ज्योतिषीय दृष्टिकोण से राहु ग्रह से (Maa Mahagauri Warship on Day 8th of navratra) जोड़ा जाता है. राहु को आकस्मिकता व अवचेतन मन से जोड़ा जाता है. ऐसे में बुद्धि में भटकाव और मन की अशांति राहु ग्रह के बुरे प्रभाव के रूप में सामने आते हैं. इसलिए जिन जातकों की बुद्धि भ्रमित और मन में भटकाव रहता है. उन्हें नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी की खास तौर पर उपासना करनी चाहिए.
ऐसे करें देवी महागौरी की उपासना: सूर्योदय से पूर्व उठने के बाद नित्यकर्मों से निवृत्त होकर मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने देवी महागौरी का ध्यान करें और शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें. चंदन, कुमकुम के साथ देवी को पुष्प अर्पित करें. देवी महागौरी को नारियल का भोग अर्पित कर उनके बीज मंत्र का ज्यादा से ज्यादा जाप करना चाहिए.
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यह है मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु महागौरी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नमः
इस महा उपाय से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं: जिन जातकों को राहु की नकारात्मकता के कारण जीवन में परेशानी उठानी पड़ती है. मन बैचेन और बुद्धि भ्रमित रहती है. वे एक सूखा नारियल लें और उसे अपने सर पर से 11 बार (एंटी क्लॉक वाइस) घुमा ले. इस नारियल को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें. यदि आसपास बहते हुए जल का कोई स्रोत नहीं है तो इस नारियल को महादेव मंदिर में रख आएं. ऐसा करने से राहु ग्रह की ऊर्जा फिल्टर होकर सकारात्मक परिणाम देगी.