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रेवेन्यू बोर्ड में आधे सदस्य, स्टाफ भी चार लैटर टाइप कर हाथ खड़े कर देते हैं...कैसे काम को गति मिले : राजेश्वर सिंह

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Published : Dec 24, 2021, 9:06 PM IST

रेवेन्यू बोर्ड में सदस्यों की नियुक्ति और स्टाफ की कमी का मामला शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में उठा. रेवेन्यू बोर्ड के चेयरमैन राजेश्वर सिंह (Chairman Rajeshwar Singh Raised Issue) ने कहा कि रेवेन्यू बोर्ड में आधे सदस्य नहीं हैं, स्टाफ की भी कमी है, टाइपिस्ट चार लेटर लिखते ही हाथ खड़ा कर देते हैं. ऐसे में काम करने में बड़ी दिक्कत आती है. सीएम गहलोत ने कहा कि नए सिरे से प्रस्ताव बनाकर दें, जल्द ही समस्याओं का समाधान करेंगे.

Issue Raised of Revenue Board
रेवेन्यू बोर्ड में सदस्यों की नियुक्ति और स्टाफ की कमी का मामला

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज रेवेन्यू बोर्ड नवसृजित/क्रमोन्नत राजस्व कार्यालय भवनों का शुभारंभ, लोकार्पण और शिलान्यास समारोह में CMR से VC के जरिए जुड़े. कार्यक्रम में CM अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना के बावजूद (CM Gehlot Revenue Meeting) शानदार बजट पेश किया, घोषणा करने के साथ ही उनको लागू भी किया गया, 588 ढाणियों को गांव का दर्जा दिया गया, प्रशासन गांवों के संग अभियान अनूठा है.

ऐसे अभियान निश्चित समय से चलते रहने चाहिए वरना लोगों को कई बार तकलीफ होती है. अभियान में अभी तक 10 लाख पट्टे दिए गए. सीएम गहलोत ने कहा कि रेवेन्यू बोर्ड एक महत्वपूर्ण विभाग है. इसको और मजबूत करने की आवश्यकता है. इसको लेकर अधिकारी गंभीरता से काम करें. सीएम गहलोत ने कहा कि अब प्रदेश में फॉलोअप कैंप लगेंगे, राजस्व मामलों में आईटी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो.

पढ़ें : CM Gehlot On Omicron : ओमीक्रोन को लेकर केंद्र सरकार गंभीर, हमें भी रहना होगा सतर्क

पढ़ें : CM gehlot took Cabinet Meeting: कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती के लिए सेवा नियम में संशोधन को मंजूरी, प्रशासन गांवों के संग अभियान की समीक्षा की

20 साल पहले मैंने इस बारे में कोशिश की थी तब महाराष्ट्र टीम भेजी थी, अध्ययन करने के लिए. गारंटीड डिलीवरी ऑफ पब्लिक सर्विस और राइट टू हियरिंग एक्ट बना था, लेकिन जिस उद्देश्य से बना था, उसमें कामयाब नहीं हो पाए. गहलोत ने कहा कि यदि दोनों एक्ट ढंग से लागू होते तो प्रशासन शहरों/गांवों के संग अभियान पर दबाव कम रहता. अधिकांश काम तो दोनों कानूनों के आधार पर हो जाते. ये एक्ट लागू नहीं हो पाए, इसका मुझे दुःख है.

नए कानून की मांग...

सीएम गहलोत ने कहा कि एक्टिविस्ट अब नए कानून की मांग कर रहे हैं, लेकिन मैं चाहता हूं कि दोनों कानून ढंग से लागू हो जाएं. दोनों कानून ढंग से लागू होंगे तो नए की जरूरत नहीं पड़ेगी.

बोर्ड में आधे सदस्य नहीं...

सीएम गहलोत कहा कि बोर्ड के चेयरमैन राजेश्वर सिंह ने कई नवाचार किए, कई पीढ़ी चली जाती है, लेकिन रेवेन्यू के फैसले नहीं होते. आप सोचो परिवार पर क्या बीतती होगी, राजेश्वर सिंह को इसमें ज्यादा रुचि लेनी चाहिए. इसी बीच राजस्व बोर्ड के चेयरमैन राजेश्वर सिंह ने स्टाफ का मुद्दा उठाया. राजेश्वर सिंह ने कहा कि 20 सदस्य मनोनीत होते हैं, लेकिन अभी 10 सदस्य हैं. स्टाफ की कमी की वजह से काम में दिक्कत आ रही है.

टाइपिस्ट 4 लेटर लिखते ही हाथ खड़े कर देते हैं. ऐसे में जिस मनसा के साथ बोर्ड का गठन किया या मनसा के साथ बोर्ड को काम करना चाहिए वह नहीं कर पाते हैं. इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि आप अनुभवी हैं और एक्सपर्ट को साथ में लीजिए और एक प्रोजेक्ट तैयार करिए कि रेवेन्यू बोर्ड को कैसे और मजबूत किया जा सकता है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज रेवेन्यू बोर्ड नवसृजित/क्रमोन्नत राजस्व कार्यालय भवनों का शुभारंभ, लोकार्पण और शिलान्यास समारोह में CMR से VC के जरिए जुड़े. कार्यक्रम में CM अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना के बावजूद (CM Gehlot Revenue Meeting) शानदार बजट पेश किया, घोषणा करने के साथ ही उनको लागू भी किया गया, 588 ढाणियों को गांव का दर्जा दिया गया, प्रशासन गांवों के संग अभियान अनूठा है.

ऐसे अभियान निश्चित समय से चलते रहने चाहिए वरना लोगों को कई बार तकलीफ होती है. अभियान में अभी तक 10 लाख पट्टे दिए गए. सीएम गहलोत ने कहा कि रेवेन्यू बोर्ड एक महत्वपूर्ण विभाग है. इसको और मजबूत करने की आवश्यकता है. इसको लेकर अधिकारी गंभीरता से काम करें. सीएम गहलोत ने कहा कि अब प्रदेश में फॉलोअप कैंप लगेंगे, राजस्व मामलों में आईटी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो.

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20 साल पहले मैंने इस बारे में कोशिश की थी तब महाराष्ट्र टीम भेजी थी, अध्ययन करने के लिए. गारंटीड डिलीवरी ऑफ पब्लिक सर्विस और राइट टू हियरिंग एक्ट बना था, लेकिन जिस उद्देश्य से बना था, उसमें कामयाब नहीं हो पाए. गहलोत ने कहा कि यदि दोनों एक्ट ढंग से लागू होते तो प्रशासन शहरों/गांवों के संग अभियान पर दबाव कम रहता. अधिकांश काम तो दोनों कानूनों के आधार पर हो जाते. ये एक्ट लागू नहीं हो पाए, इसका मुझे दुःख है.

नए कानून की मांग...

सीएम गहलोत ने कहा कि एक्टिविस्ट अब नए कानून की मांग कर रहे हैं, लेकिन मैं चाहता हूं कि दोनों कानून ढंग से लागू हो जाएं. दोनों कानून ढंग से लागू होंगे तो नए की जरूरत नहीं पड़ेगी.

बोर्ड में आधे सदस्य नहीं...

सीएम गहलोत कहा कि बोर्ड के चेयरमैन राजेश्वर सिंह ने कई नवाचार किए, कई पीढ़ी चली जाती है, लेकिन रेवेन्यू के फैसले नहीं होते. आप सोचो परिवार पर क्या बीतती होगी, राजेश्वर सिंह को इसमें ज्यादा रुचि लेनी चाहिए. इसी बीच राजस्व बोर्ड के चेयरमैन राजेश्वर सिंह ने स्टाफ का मुद्दा उठाया. राजेश्वर सिंह ने कहा कि 20 सदस्य मनोनीत होते हैं, लेकिन अभी 10 सदस्य हैं. स्टाफ की कमी की वजह से काम में दिक्कत आ रही है.

टाइपिस्ट 4 लेटर लिखते ही हाथ खड़े कर देते हैं. ऐसे में जिस मनसा के साथ बोर्ड का गठन किया या मनसा के साथ बोर्ड को काम करना चाहिए वह नहीं कर पाते हैं. इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि आप अनुभवी हैं और एक्सपर्ट को साथ में लीजिए और एक प्रोजेक्ट तैयार करिए कि रेवेन्यू बोर्ड को कैसे और मजबूत किया जा सकता है.

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